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मकर संक्राति का पर्व समरसता का भाव जाग्रत करने वाला पर्व है- राज्यपाल


राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य आज सेवा भारती की ओर से समरसता पर्व मकर सक्रांति के अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर भेल सेक्टर दो में आयोजित यज्ञ और खिचड़ी वितरण कार्यक्रम में शामिल हुईं।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ भारत

हरिद्वार। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य आज सेवा भारती की ओर से  समरसता पर्व मकर सक्रांति के अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर भेल सेक्टर दो में आयोजित यज्ञ और खिचड़ी वितरण कार्यक्रम में शामिल हुईं। उनके साथ ज्वालापुर विधायक श्री सुरेश राठौर, रानीपुर विधायक श्री आदेश चैहान, शंकराचार्य आचार्य राजराजेश्वराश्रम, प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के महंत रूपेंद्र प्रकाश, राष्ट्रीय स्वय संघ के प्रांत प्रचारक श्री युद्धवीर, सह प्रांत प्रचारक देवेन्द्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्रीमती मौर्य ने कहा कि मकर संक्राति का पर्व समरसता का भाव जाग्रत करने वाला पर्व है। इस दिन सभी कल्याण और सौहार्द की कामना करते हैं। ईश्वर की आराधना करते हैं, लेकिन ईश्वर का वास प्राणियों में ही है। नर ही नारायण है मानव का कल्याण ही हमारी स्तुति का लक्ष्य हो ऐसा भाव जाग्रत करें। हमारी पूजा और मानव सेवा के लिए सबसे पहले हम उस व्यक्ति की सेवा करें जो गरीब, असहाय, जरूरतमंद है। उस व्यक्ति के लिए कार्य करें जिसके बारे में कोई नहीं सोचता। उनकी आवाज बनें जो शोषित और निर्बल हैं। ऐसा भाव ही हमारी पूजा को सार्थक करता है। राज्यपाल ने कहा कि सेवा भारती के केंद्रो में गरीबों को शिक्षा देने वाली शिक्षिकायें इन बच्चों को शिक्षा के साथ साथ विचार भी दें, जिससे ये बालक आगे चलकर अपना, अपने परिवार, समाज तथा राष्ट्र की सेवा करने योग्य बनें और सेवा का संस्कार निरंतर बढ़ता रहे। देश के वर्तमान परिप्रेक्ष को देखते हुए लगता है कि राष्ट्र भक्ति के संस्कार के अभाव में कुछ युवा वर्ग भ्रमित होकर सही गलत का भेद नहीं समझ पा रहा है। उन्होंने उपस्थित शिक्षिकाओं और माताओं से अपील करते हुए कहा कि आज माताओं को अपने बच्चों को शिक्षा से पहले राष्ट्र भक्ति की भावना और देशहित सर्वोपरी यह संस्कार दिया जाये तो राष्ट्र को कभी ऐसी विडंबनाओं का सामना नहीं करने पड़ेगा। बालकों में लाभ, स्वार्थ की भावना आने से पहले राष्ट्र सर्वोपरी का संस्कार दिया जाये। श्रीमती मौर्य ने जगद्गुरू आश्रम पहुंचकर शंकराचार्य आचार्य राजराजेश्वराश्रम तथा हरी हर आश्रम में महामंडलेश्वर आचार्य अवधेशानंद गिरि से भेंट वार्ता की और मकर संक्राति पर आशीर्वाद प्राप्त किया। 

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