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आद्य जगद्गुरु रामानन्दाचार्य जी भगगवान की 720वीं जयन्ती


आद्य जगद्गुरु रामानन्दाचार्य जी भगगवान की 720वीं जयन्ती आज पंचपुरी में श्रीरामानन्दीय वैष्णव मण्डल हरिद्वार के तत्वावधान में राष्ट्र एवं विश्व की मंगल कामना के साथ समारोहपूर्वक मनायी गयी। जयंती महोत्सव का शुभारम्भ उत्तरी हरिद्वार के भोपतवाला स्थित श्रीगोकुल धाम में विशेष पूजा-अर्चना के साथ प्रारम्भ हुआ और शोभायात्रा के रुप मंे भगवान रामानन्दाचार्य का रथ मुख्य मार्ग से हरकी पैड़ी होते हुए श्रवणनाथ नगर स्थित श्री रामानन्द आश्रम पहुंचा |

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 17 जनवरी। आद्य जगद्गुरु रामानन्दाचार्य जी भगगवान की 720वीं जयन्ती आज पंचपुरी में श्रीरामानन्दीय वैष्णव मण्डल हरिद्वार के तत्वावधान में राष्ट्र एवं विश्व की मंगल कामना के साथ समारोहपूर्वक मनायी गयी। जयंती महोत्सव का शुभारम्भ उत्तरी हरिद्वार के भोपतवाला स्थित श्रीगोकुल धाम में विशेष पूजा-अर्चना के साथ प्रारम्भ हुआ और शोभायात्रा के रुप मंे भगवान रामानन्दाचार्य का रथ मुख्य मार्ग से हरकी पैड़ी होते हुए श्रवणनाथ नगर स्थित श्री रामानन्द आश्रम पहुंचा जहां सभी आश्रम एवं अखाड़ों के संत महापुरुषों ने आचार्य महापीठ से विश्व कल्याण की कामना की। शोभायात्रा का शुभारम्भ म. दुर्गादास एवं महामण्डलेश्वर डाॅ. विवेकानन्द महाराज ने नारियल तोड़कर किया। गोकुल धाम में आद्य जगद्गुरु रामानन्दाचार्य भगवान के रथ का शुभारम्भ करते हुए बाबा बलराम दास हठयोगी एवं महंत परमेश्वर दास ने कहा कि रामानन्द सम्प्रदाय सम्पूर्ण राष्ट्र एवं विश्व को परिवार सदृश मानते हुए सामाजिक समरसता का संदेश देता है और बिना किसी जाति व्यवस्था के सभी को भगवान का अंशावतार मानता है। श्रीरामानंदीय वैष्णव मण्डल की ओर से उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष म. विष्णुदास महाराज ने भगवान रामानन्दाचार्य के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी परमोज्वल आभा से ही सनातन भारतीय संस्कृति व समाज आज तक आलोकित हो रहा है तथा आचार्य रामानन्द ने ही लोक में रचे बसे भगवान श्रीराम एवं माता सीता को परमोपास्य बनाया। म. परमेश्वर दास ने सभी संत महापुरुषों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि रामावतार जगद्गुरु श्रीरामानन्दाचार्य ने गुरु श्री राघवानंदाचार्य द्वारा प्रदत्त अध्यात्मिक चेतना श्रीमठ को धर्म-संस्कृति एवं साधुता का संगम बना दिया था तथा पंचपुरी हरिद्वार में भी समाज की मर्यादा बनाये रखने में वैष्णव मण्डल का विशिष्ट स्थान है। सुदर्शन आश्रम अखाड़ा के परमाध्यक्ष महंत रघुवीरदास ने रामानन्द सम्प्रदाय की विशिष्टताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कबीर, रैदास, धन्ना, पीपाजी सहित रानी पदमावती जी, सुरसरि व सेन इत्यादि उनके बारह शिष्यों ने जो अलख जगायी उसी के प्रकाश से सम्पूर्ण समाज अलोकित हो रहा है। जयन्ती महोत्सव को म. सुमितदास, म. प्रमोददास, म. सूरजदास, म. हितेशदास एवं म. नारायण दास पटवारी ने भी सम्बोधित किया। शोभायात्रा का अनेक धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों ने श्रद्धा एवं उत्साह के साथ स्वागत किया गया। गोकुल धाम के म. परमेश्वरदास के साथ ही अयोध्या धाम, सीताराम धाम में म. सूरजदास, चेतन ज्योति आश्रम में युवा भारत साधु समाज तथा श्रीकृष्ण हरिधाम में स्वामी प्रेमानन्द शास्त्री ने शोभायात्रा का स्वागत किया। कुंज गली में बृजभूषण विद्यार्थी तथा निर्धन निकेतन में ऋषि रामकृष्ण महाराज ने स्वागत किया। भीमगोडा स्थित श्रीजगन्नाथ धाम में म. अरुणदास तथा पं. जगदीश पाण्डेय ने श्रीमज्जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज की स्मृति में शोभायात्रा पर पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। अपर रोड पर व्यापार मण्डल की तरफ से तो जूना अखाड़ा चैक पर नगर पुलिस ने शोभायात्रा का अभिनन्दन किया। श्री सुदर्शन आश्रम अखाड़ा पर म. रघुवीरदास ने तो बाल्मीकि चैक पर समाजसेवी एवं पार्षद अनिरूद्ध भाटी ने सभी संत महापुरुषों का माल्यार्पण कर शोभायात्रा का स्वागत किया। शोभायात्रा चित्रा टाकीज से मोतीराम धाम होते हुए श्रीरामानन्द आश्रम पहुंची। इस अवसर पर म. बिहारीशरण, म. शत्रुघ्नदास, म. कमलदास, म. मुरारीशरण, म. प्रहलाद दास, म. सीताराम दास, म. राजेश्वरशरण, म. दिनेशदास तथा म. जगदीप सिंह सहित अधिकांश आश्रम एवं अखाड़ों के संत-महापुरुष उपस्थित थे।

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