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सनातन धर्म की रक्षा करना ही धर्माचार्यो का प्रथम कर्तव्य- स्वामी अच्युतानंन्द तीर्थ जी महाराज


भूमा निकेतन आश्रम में सनातन धर्म की रक्षा और सनातन धर्म को मानने वालो की संतान की रक्षा और सनातन धर्म के शत्रुओं के समूल नाश की कामना से माँ बगलामुखी का महायज्ञ आरम्भ किया।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ भारत

आज 25 जनवरी 2020 को प्रातः भूमा निकेतन आश्रम में सनातन धर्म की रक्षा और सनातन धर्म को मानने वालो की संतान की रक्षा और सनातन धर्म के शत्रुओं के समूल नाश की कामना से माँ बगलामुखी का महायज्ञ आरम्भ किया।इस महायज्ञ का आयोजन जगदम्बा महाकाली डासना वाली के परिवार ने श्रीब्राह्मण महासभा,त्यागी समाज कल्याण समिति,रुक्मणी कृष्ण सेवा समिति तथा अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर किया है।महायज्ञ प्रारम्भ करते समय आशीर्वचन प्रदान करते हुए भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ जी महाराज ने कहा की सम्पूर्ण विश्व में सनातन धर्म से बढ़कर कुछ भी नहीं है।सनातन धर्म की रक्षा करना ही धर्मगुरुओ और धर्माचार्यो का प्रथम कर्तव्य है क्योंकि सनातन धर्म के विनाश का अर्थ है सम्पूर्ण मानवता और अच्छाई का विनाश हो जाना।आज दुनिया की बहुत सी बुरी शक्तियां हमारी दया और हमारी अहिंसा को हमारी कमजोरी और हमारी कायरता समझ कर हमें मिटाने पर लग गयी हैं परन्तु यह उनकी भूल है।सनातन धर्म मे समय समय पर श्रीराम,श्रीकृष्ण,भगवान परशुराम और आचार्य चाणक्य,महाराणा प्रताप, शिवाजी, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह जैसे महापुरुष अवतरित होते हैं जो हर सनातनी को अपने जैसा अजेय योद्धा बना देते हैं और अन्याय व अत्याचार से मानवता की रक्षा करते हैं।हमारे एक एक धर्मगुरु और धर्माचार्य में अन्याय और अत्याचार से लड़ने की शक्ति है।अब उन्हें धर्म की रक्षा के लिये खड़ा हो जाना चाहिये अन्यथा धर्म उन्हें कभी क्षमा नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा की अगर सनातन धर्म की रक्षा के लिये उन्हें प्राण भी देने पड़े तो वो इसके लिये बिल्कुल तैयार हैं। अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती जी ने इस अवसर पर कहा की माँ गंगा के तट पर होने वाला यह महायज्ञ सनातन धर्म के इतिहास में अमिट छाप छोड़ेगा क्योंकि जब भी कोई मानव धर्म की रक्षा के लिये माँ बगलामुखी की शरण मे गया है तो माँ ने धर्म की रक्षा की है।आज हम भी धर्म की रक्षा के लिये माँ बगलामुखी की शरण में हैं और मुझे पूर्ण विश्वास है की माँ हमारी अवश्य ही धर्म की रक्षा करेंगी। यज्ञ पुरोहित पण्डित सनोज शास्त्री जी ने विद्वान ब्राह्मणों तथा यति सत्यदेवानंद सरस्वती, यति रामस्वरूपानंद सरस्वती, यति सेवानंद सरस्वती के साथ यज्ञ का शुभारंभ किया। आज महायज्ञ में पंडित अधीर कौशिक,तरुण त्यागी, मुकेश त्यागी, पण्डित पवन कृष्ण शास्त्री, बृजमोहन सिंह, सुमन जी, आशु रस्तोगी,रेणु त्यागी,सोनिया अरोड़ा,पूनम चौहान तथा अन्य भक्तगण उपस्थित रहे।

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