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नगर पालिका सभागार, पौड़ी में जिला क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति की बैठक की गई


जिलाधिकारी गढ़वाल धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्ष्ता में आज नगर पालिका सभागार, पौड़ी में जिला क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति की बैठक की गई। उन्होंने आजीविका के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभिन्न परियोजनाओं की क्रमवार समीक्षा की।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भटट धिल्डियाल

पौड़ी/दिनांक 30 जनवरी, 2020,जिलाधिकारी गढ़वाल धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्ष्ता में आज नगर पालिका सभागार, पौड़ी में जिला क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति की बैठक की गई। उन्होंने आजीविका के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभिन्न परियोजनाओं की क्रमवार समीक्षा की। जिलाधिकारी ने संबंधित परियोजना अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने-अपने योजनाओं को मनरेगा के साथ जोड़कर बेहतर तरीके से विकसित करें। उन्होंने पशुपाललन के क्षेत्र में सामुहिक कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देते हुए पशुपालकों की आजीविका को और बेहतर करने को कहा। कहा कि इससे पशुपालको को अच्छी नस्ल के पशु मिलने से क्षेत्र में दुग्ध की पैदावार बढ़ने के साथ-साथ पशुपालक एवं समिति को भी अच्छी आमदनी प्राप्त होगी। उत्तराखण्ड विकेन्द्रीकृत जलागम विकास परियोजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि संबंधित ग्राम सभाओं में लिलीयम की पैदावार बढ़ाने हेतु और बेहतर कार्य करें। वहीं उद्यान के क्षेत्र में कीवी की पैदावार को बढ़ाने हेतु उद्यान विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने को कहा। जल संवर्द्धन एवं संरक्षण के कार्याें की जानकारी लेते हुए कंटूरट्रेच, (समुच्य रेखाएं) तथा स्ट्रेगां टेªंशन के माध्यम से वैज्ञानिक तरीके से कार्य करने के निर्देश दिये, जिस हेतु संबंधित विकास खण्ड से उपकरण लेने के निर्देश दिये। जलागम के संबंधित अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी की पहल से रात्रि मंे फसलों की सुरक्षा हेतु शुरू की गई सेंसर डिवाइस का परिणाम अच्छा आ रहा है। इससे जंगली जनवरों से फसलों की सुरक्षा की जा रही है। एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना (आईएलएसपी) की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारी द्वारा बताया गया कि परियोजना के तहत विकास खण्ड कज्जीखाल में 153 ग्राम सभाओं के 3269 परिवार के साथ कार्य कर रही है। इसके अन्तर्गत उत्पादक समूह गठन, विपणन केन्द्र, लघु संग्रह केन्द्र, पाॅलिथीन जल संग्रहण टैंक, पौधा एवं चारा रोपण ग्रोथ सेंटर, जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा हेतु फेंसिंग कार्य किये जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने फसलांे की सुरक्षा हेतु फेंसिंग कार्य को मनरेगा के साथ जोड़कर करने हेतु जिला विकास अधिकारी को निर्देशित किया। जबकि आईएलएसपी के संबंधित अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि कलेक्शन सेंटर आदि को सुव्यवस्थित एवं सौन्दर्यकृत बनाये। साथ ही लेमन ग्रास को बढ़ावा देने हेतु और बेहतर कार्य करने को कहा। जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग, कृषि एवं उद्यान विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि युगपतिकरण के तहत संबंधित परियोजनाओं के साथ पशुपालन, कृषि एवं उद्यान व आजीविका के क्षेत्र में कार्य करने को कहा, जिससे लोगों को स्थानीय स्तर पर बेहतर स्वरोजगार उपलब्ध होने के साथ-साथ क्षेत्र में पलायन पर भी रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि उन्नत किस्म के पशुपालन, फसल एवं बागवानी को अपनाना सुनिश्चित करेंगे। वहीं मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना को निर्देशित करते हुए कहा कि आजीविका के क्षेत्र में कार्य करने वाली परियोजनाओं, कृषि, उद्यान, पशुपालन आदि द्वारा जल संवर्द्धन, संरक्षण हेतु किये गये कार्यों का आंकड़ा लेना सुनिश्चित करें। वहीं उन्हांेने आजीविका परियोजना एवं जलागम के संबंधित अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि पशुपालन एवं अन्य कार्यों के बेहतर प्रशिक्षण हेतु कार्य करने वाले लोगों को बाहर भेजना सुनिश्चित करेंगे, जिस हेतु उन्होंने उक्त कार्यक्रम को और बेहतर तरीके से करने हेतु जिला योजना में रखने को भी कहा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना, जिला विकास अधिकारी वेदप्रकाश, मुख्य कृषि अधिकारी डी.एस. राणा, अधि.अभि. लघु सिंचाई राजीव रंजन, परियोजना अधिकारी डा. डी.एस. रावत, एसीएफ कुलदीप सिंह रावत, युनिट अधिकारी गिरीश चन्द्र शैली, ग्राम प्रधान तेजपाल सिंह पंवार, पदमेंद्र सिंह, सुशील कुमार, नबार्ड बैंक भूपेन्द्र सिंह, उप परियोजना प्रबन्धक (आईएलएसपी)यूजीबीएस अशोक कुमार चतुर्वेदी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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