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रेलवे स्टेशन के आसपास के होटल, संचालकों की मनमानी के चलते बने अवैध गतिविधियों का केंद्र, होटल संचालक हो रहे मालामाल।


विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थली हरिद्वार नगरी यात्रा सीजन व अन्य सामान्य दिनों में भी यात्रियों के आवागमन से गुलजार रहती है कोविड-19 की बाध्यता समाप्त होने पर हरिद्वार में पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। पर्यटक सुविधा की दृष्टि से अधिकतर रेलवे स्टेशन और बस अड्डे के समीप अपने ठहरने की व्यवस्था होटलों और लॉज में करते हैं।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार 4अगस्त (विकास शर्मा) विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थली हरिद्वार नगरी यात्रा सीजन व अन्य सामान्य दिनों में भी यात्रियों के आवागमन से गुलजार रहती है कोविड-19 की बाध्यता समाप्त होने पर हरिद्वार में पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। पर्यटक सुविधा की दृष्टि से अधिकतर रेलवे स्टेशन और बस अड्डे के समीप अपने ठहरने की व्यवस्था होटलों और लॉज में करते हैं। ऐसी दशा में होटल संचालकों द्वारा यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने दाम पर ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। हरिद्वार नगरी के रेलवे रोड के अधिकतर होटल मालिकों द्वारा होटलों को ठेके पर या होटल संचालकों मामूली वेतन पर दिए गए हैं। जिसकी आड़ में होटल संचालक नैतिक व अनैतिक तरीके अपनाकर लाभ अर्जित करते हैं। इन होटल संचालकों के तार देह व्यापार व नशे के कारोबारियों के साथ जुड़े हुए हैं। जहां इन होटलों में रुके हुए होटल संचालक अपने यात्रियों को हर तरह की अवैध सुविधाओं को उपलब्ध करा कर मोटा पैसा वसूल करते हैं। इसके अतिरिक्त दिन और रात्रि में बिना आईडी प्रूफ के मात्र कुछ घंटे ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराकर यह होटल संचालक होटल स्वामियों की आंख में धूल झोंक रहे हैं। यही नहीं होटल यात्री रजिस्टर में यात्रियों के ठहरने के अल्प ब्योरे को दर्ज ना करके राजस्व विभाग को भारी चुना लगा रहे हैं। अन्य राज्यों से आकर इन होटलों में कई नामी अपराधी भी ठहर कर अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर साफ बचकर निकल जाते हैं। अभी हाल की घटनाओं में इन होटलों में पुलिस द्वारा छापा मारकर दूसरे राज्यों से कई फरार अपराधियों को पकड़ा है। मात्र 8 से 10 हजार वेतन लेने वाले इन संचालकों ने अपनी कई निजी संपत्तियां बनाई हुई है। इन होटल संचालकों की संपत्तियों की जांच से यह बात प्रमाणित की जा सकती है। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक ने भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में ऐसे ही भू माफियाओं व अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों की जांच कराने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में सभी जिला प्रभारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं।

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