परमारà¥à¤¥ निकेतन में पदà¥à¤®à¤à¥‚षण पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ हेसà¥à¤•à¥‹ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– डॉ. अनिल पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जोशी जी पधारे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परमारà¥à¤¥ निकेतन की वरिषà¥à¤ कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤¶à¥à¤°à¥€ गंगा ननà¥à¤¦à¤¿à¤¨à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी जी से 9 सितमà¥à¤¬à¤° को मनाये जाने वाले हिमालय दिवस की रूपरेखा पर चरà¥à¤šà¤¾ की।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 6 अगसà¥à¤¤à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन में पदà¥à¤®à¤à¥‚षण पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ हेसà¥à¤•à¥‹ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– डॉ. अनिल पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जोशी जी पधारे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परमारà¥à¤¥ निकेतन की वरिषà¥à¤ कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤¶à¥à¤°à¥€ गंगा ननà¥à¤¦à¤¿à¤¨à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी जी से 9 सितमà¥à¤¬à¤° को मनाये जाने वाले हिमालय दिवस की रूपरेखा पर चरà¥à¤šà¤¾ की। ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ अतिरिकà¥à¤¤ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ महानिदेशक हरियाणा शà¥à¤°à¥€ ओमपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ सिंह जी, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ नीतू सिंह जी à¤à¤µà¤‚ परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के साथ विशà¥à¤µ गà¥à¤²à¥‹à¤¬ का जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• कर जल संरकà¥à¤·à¤£ का संदेश दिया। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने अपने संदेश में कहा कि हिमालय है तो हम है और हिमालय है तो गंगा है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की किसी à¤à¥€ परà¥à¤µà¤¤ शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला में समाज को जीवन, साहस और समृदà¥à¤§à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने की शकà¥à¤¤à¤¿ नहीं है, जितनी हिमालय के पास है। हिमालय ने जनसमà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के जीवन को सकारातà¥à¤®à¤• रूप से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किया है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ को आकार देने में हिमालय का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान है। हिमालय का संबंध à¤à¤¾à¤°à¤¤ से ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आतà¥à¤®à¤¾ से है। हिमालय à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• समृदà¥à¤§à¤¿, दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾, पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• à¤à¤µà¥à¤¯à¤¤à¤¾, सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सौंदरà¥à¤¯ की à¤à¤• पवितà¥à¤° विरासत है जिसने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को अपने में सहेज कर रखा है। हिमालय लगà¤à¤— 5 करोड़ से अधिक आबादी को आवास, à¤à¥‹à¤œà¤¨ और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ की अधिकांश नदियां हिमालय से ही निकलती है। बरà¥à¤« की सफेद चादरों से à¥à¤•à¥‡ हिमालय की गोद में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आतà¥à¤®à¤¾ बसती है। हिमालय हमारी पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤µà¤¾à¤¯à¥ का सà¥à¤°à¥‹à¤¤ ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की बड़ी आबादी की पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¥€ बà¥à¤à¤¾à¤¤à¤¾ है इसलिठतो उसे ’पृथà¥à¤µà¥€ का जल मीनार’ à¤à¥€ कहा जाता है। हम सà¤à¥€ को मिलकर पीस टूरिजà¥à¤®, आॅकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ टूरिजà¥à¤®, योग और धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ टूरिजà¥à¤® को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देना होगा। हमें हिमालय के पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत को संजो कर रखना होगा। हेसà¥à¤•à¥‹ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– डॉ. अनिल पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जोशी जी ने कहा कि गांवों की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की रकà¥à¤·à¤¾ कर हम अपने पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚, संसाधनों को बचा सकते हैं। हिमालय के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को जीवंत बनाये रखने के साथ पलायन को रोकने के लिये जड़ी-बूटियों का संरकà¥à¤·à¤£ करना होगा।