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ईमानदार कर दाता को पहली बार उसके कर चुकाने पर मिला तोहफा-डॉ0 सुनील बत्रा


ईमानदार कर दाता को पहली बार उसके कर चुकाने पर मिला तोहफा मध्यम वर्गीय करदाता को रुपए15 लाख वार्षिक आय पर पूर्व में कर देयता 2.73 लाख थी जोकि अब नए कर प्रावधान के अनुसार घटकर मात्र केवल रू1.95 लाख रह जाएगी लेकिन यह प्रावधान उन्ही करदाताओं पर लागू होगा।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज भारत

ईमानदार कर दाता को पहली बार उसके कर चुकाने पर मिला तोहफा मध्यम वर्गीय करदाता को रुपए15 लाख वार्षिक आय पर पूर्व में कर देयता 2.73 लाख थी जोकि अब नए कर प्रावधान के अनुसार घटकर मात्र केवल रू1.95 लाख रह जाएगी लेकिन यह प्रावधान उन्ही करदाताओं पर लागू होगा जो धारा 80c के अंतर्गत ₹150000 तक की बचत करके उस पर कटौती प्राप्त नहीं करते हैं। सरकार के इस निर्णय से ऐसा प्रतीत होता है की सरकार बचतों को हतोत्साहित करके समस्त धनराशि को बाजार में लाना चाहती है ताकि अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की जा सके।इस प्रकार से ईमानदारी से कर चुकाने वाले वेतन भोगी कर्मचारियों को पिछले साल की तुलना में इस वर्ष ₹78000 कम टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा इस प्रावधान से एक और मध्यम वर्गीय वेतन भोगी कर्मचारी की कर देयता कम हुई वहीं दूसरी ओर उसकी क्रय शक्ति क्षमता में विस्तार होने से आर्थिक मंदी के दौर में अर्थव्यवस्था जाती हुईं दिखाई दे रही थी उसमें एक बहुत बड़ा परिवर्तन परिलक्षित होगा और आर्थिक मंदी से निपटने में यह एक बहुत बड़ा ब्रह्मास्त्र माना जाएगा । वहीं दूसरी ओर सरकार के द्वारा शिक्षा के ऊपर 99000 करोड रुपए कि व्यय का प्रावधान रखा गया है यह प्रावधान मेरे हिसाब से कुछ कम है यदि हम इसकी तुलना जीएसटी के टैक्स कलेक्शन से करें तो यह मात्र जीएसटी के 1 माह के कलेक्शन के बराबर है वही दूसरी ओर स्वास्थ्य सेवाओं पर जो खर्च का प्रावधान किया गया है वह भी लगभग 76 हजार करोड़ रुपए है ।स्वास्थ्य और शिक्षा पर बजट में और अधिक प्रावधान किया जाना चाहिए था लेकिन फिर भी मैं समझता हूं की आर्थिक मंदी के दौर में एक संतुलित बजट भाजपा की सरकार ने प्रस्तुत किया है डॉक्टर सुनील कुमार बत्रा प्राचार्य एस एम जे एन पीजी कॉलेज हरिद्वार

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