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पौड़ी राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र में मासिक स्टॉफ बैैठक सम्पन्न


जिलाधिकारी डॉ0 विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में जिला कार्यालय स्थित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र में मासिक स्टॉफ बैैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राजस्व वादों की तहसीलवार समीक्षा के दौरान 01-05 साल से लम्बित वादों पर चिंता जाहिर करते हुए जिलाधिकारी ने इनके निस्तारण के लिए एक माह का विशेष अभियान चलाने के निर्देश उपजिलाधिकारियों को दिये हैं।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी/10 अगस्त 2022ः जिलाधिकारी डॉ0 विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में जिला कार्यालय स्थित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र में मासिक स्टॉफ बैैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राजस्व वादों की तहसीलवार समीक्षा के दौरान 01-05 साल से लम्बित वादों पर चिंता जाहिर करते हुए जिलाधिकारी ने इनके निस्तारण के लिए एक माह का विशेष अभियान चलाने के निर्देश उपजिलाधिकारियों को दिये हैं। लम्बित वादों के निस्तारण में शिथिलता बरते जाने पर सम्बन्धित उपजिलाधिकारी की वार्षिक प्रविष्ठि में उनकी इस कार्यशैली का उल्लेख किया जायेगा। एसडीएम कोटद्वार द्वारा राजस्व वादों के निस्तारण तत्परता से नहीं करने पर पेशकार स्तर पर बरती गयी शिथिलता पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित पेशकार का स्पष्टीकरण तलब किया है। कोविड-19 के दौरान जिन लोगो की मृत्यु हुई है उनके परिजनों को एक सप्ताह के भीतर मुआवजा वितरण करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों का एक सप्ताह के भीतर निरीक्षण करते हुए रिर्पोट प्रस्तुत करें। बुद्ववार को आयोजित मासिक स्टॉफ बैठक में जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी व तहसीलदार न्यायालयों में लम्बित वादों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होने कहा कि विवादित वादों के साथ-साथ अविवादि वादों का महीनो से लम्बित होना बहुत ही चिंताजनक है जो की अपकी कार्यशैली को दर्शाता है। तहसील स्तर पर लम्बित अधिकांश मामले 229 बी व 176 धाराओं से सम्बन्धित है। जिलाधिकारी ने कहा कि तहसील स्तर पर वदों के निस्तारण में देरी के कारण लोगो को अपनी ही जमीन के लिए अनावश्यक चक्कर काटने पड़ रहे है जो कि चिंता का विषय है। जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे आगामी माह में विशेष अभियान चलाकर लम्बित वादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करना सुनिश्चिित करें। उन्होने बताया कि तहसील कोटद्वार द्वारा 1900 अविवादित वादों में से केवल 400 का ही निस्तारण किया गया है जबकि तहसील श्रीनगर द्वारा 250 में से 47, तहसील यमकेश्वर द्वारा लम्बित 146 वादों में से 40 का ही निस्तारण किया गया है। वहीं विवादित वादों में से विगत 07 माह में 1 या 02 ही मामले तहसील न्यायालय द्वारा निस्तारित किये गये हैं। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि कोटद्वार में तहसीलदार द्वारा वादों के निस्तारण में गति नहीं लाने पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले किसी अन्य तहसीदार की तैनाती सुनिश्चित की जायेगी।

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