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रक्षा बंन्धन एक पर्व नही है यह लाखो करोडों बहनों की श्रधा आस्था व विश्वास का प्रतीक हैं।


रक्षा बंन्धन एक पर्व नही है यह लाखो करोडों बहनों की श्रद्वा आस्था व विश्वास का प्रतीक हैं। आज इस पर्व को पंतजलि योगपीठ मे बडी धूमधाम से बनाया गया। रक्षा बंधन के पावन पर्व पर समस्त बहनो ने पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज को व आयुर्वेद शिरोमणी आचार्य बालकृष्ण जी को रक्षासूत्र बांधकर आशिर्वाद प्राप्त किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार 11 अगस्त 2022, रक्षा बंन्धन एक पर्व नही है यह लाखो करोडों बहनों की श्रद्वा आस्था व विश्वास का प्रतीक हैं। आज इस पर्व को पंतजलि योगपीठ मे बडी धूमधाम से बनाया गया। रक्षा बंधन के पावन पर्व पर समस्त बहनो ने स्वामी रामदेव जी महाराज को व आयुर्वेद शिरोमणी आचार्य बालकृष्ण को रक्षासूत्र बांधकर आशिर्वाद प्राप्त किया। स्वामी रामदेव ने इस अवसर पर कहा कि आज के दिन से हम ने एक अभियान की शुरूवात की है। आज के दिन से स्वामी रामदेव आचार्य व पूरा पंतजलि योगपीठ हर दिन हर एक बहन के स्वास्थ रक्षा से लेकर के धर्म रक्षा से लेकर के राष्ट् रक्षा के प्रति प्रतिबंध है। स्वामी रामदेव ने देश वासियो से आग्रह किया कि आज विदेशी वस्तुयो की खरीदारी से आप लोग डालर को मजबूत बना रहे हो और रूपये को कमजोर कर रहे हो यदि हम विदेशी वस्तुओ का सेवन करेगे तो भारत की आर्थिक क्षमता कमजोर पडेगी। इसलिये इस रक्षाबंधन पर सभी देशवासियो को सकल्प लेने की आवश्यकता है कि हम सभी को विदेशी वस्तुयो को त्याग कर स्वदेशी वस्तुयो को अपनाने की आवश्यकता है । तभी यह देश आर्थिक उन्नति की दिशा मे आगे बडेगा। आज पंतजलि के उत्पाद केवल उत्पाद नही है यह मात्र कोई समान नही है इस उत्पाद के पीछे देश का स्वाभिमान स्वालम्बन आत्मनिर्भता भी साथ मे जुडी है। जो विदेशी उत्पादो का विकल्प भी है। अब वह समय आ गया है जब सभी देशवासियो को अपनी ताकत का अहसास करवाकर विदेशी उत्पादो को मुंह तोड जवाब देने का। रक्षा बंधन के पावन पर्च पर अपने विचार रखते हुये आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज के दिन बहने अपने भाईयो के हाथो मे रक्षा सूत्र बांधती है और अपने भाई से यह अपेक्षा करती है कि वह सदैव उसके कल्याण के लिये उसकी रक्षा के लिये सदैव संकल्पित रहेगा। जीवन मे कभी भी कोई कष्ट आयेगा तो वह उसकी रक्षा करेगा। यदि यही भाव प्रत्येक देशवासियो के भाईयो के मन मे हर माता व बहनो के प्रति आ जाये तो देश मे होने वाले जितने भी गलत कृत्य है जिसे सुन कर भी बहुत पीडा होती है ऐसे सभी कार्य इस देश से समाप्त हो जायेगे। इन सबको समाप्त करने का एक ही सू़त्र र्है रक्षा का बंधन और साथ मे आपका संकल्प।

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