परमारà¥à¤¥ निकेतन गंगा तट पर आज पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•à¤¾à¤² शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ परà¥à¤µ पर दà¥à¤µà¤¿à¤œà¤¤à¥à¤µ के संकलà¥à¤ª का नवीनीकरण किया गया। शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ परà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯, जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• चेतना का परà¥à¤µ है। सदà¥à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, विवेक और धरà¥à¤® की वृदà¥à¤§à¤¿ के लिठइस पावन परà¥à¤µ को मनाया जाता है। ऋषि परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ परà¥à¤µ को गंगा सà¥à¤¨à¤¾à¤¨, धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ और वेद पारायण कर आरंठकरते है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 12 अगसà¥à¤¤à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन गंगा तट पर आज पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•à¤¾à¤² शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ परà¥à¤µ पर दà¥à¤µà¤¿à¤œà¤¤à¥à¤µ के संकलà¥à¤ª का नवीनीकरण किया गया। शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ परà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯, जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• चेतना का परà¥à¤µ है। सदà¥à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, विवेक और धरà¥à¤® की वृदà¥à¤§à¤¿ के लिठइस पावन परà¥à¤µ को मनाया जाता है। ऋषि परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ परà¥à¤µ को गंगा सà¥à¤¨à¤¾à¤¨, धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ और वेद पारायण कर आरंठकरते है। शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ परà¥à¤µ के अंतरà¥à¤—त आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• उचà¥à¤šà¤¤à¤® आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ की परिकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ निहित है। ऋषियों की दिनचरà¥à¤¯à¤¾, सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ और शाकाहार की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ कर जीवन जीने की शिकà¥à¤·à¤¾ हमें शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ परà¥à¤µ देता है। शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ परà¥à¤µ पर पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤ परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ किया जाता है और नया धारण जाता है। इस अवसर पर पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤¤ संकलà¥à¤ª करते हैं। शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ परà¥à¤µ ऋषितà¥à¤µ, सदà¥à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ सतà¥à¤•à¤°à¥à¤® के अà¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤§à¤¨ का परà¥à¤µ है। परमारà¥à¤¥ गंगा तट पर आज पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•à¤¾à¤² वेदमंतà¥à¤°à¥‹ के साथ हेमादà¥à¤°à¤¿ संकलà¥à¤ª, दशसà¥à¤¨à¤¾à¤¨, यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤ नवीनीकरण कर परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त रूप से शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ उपाकरà¥à¤® का कà¥à¤°à¤® पूरा किया गया। इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€ रामअननà¥à¤¤ तिवारी, आचारà¥à¤¯ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤° नवानी, आचारà¥à¤¯ दीपक शरà¥à¤®à¤¾, परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤° उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।