परमारà¥à¤¥ निकेतन में धूमधाम से जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ महोतà¥à¤¸à¤µ मनाया गया। परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने नृतà¥à¤¯, गीत-संगीत और à¤à¤œà¤¨ संधà¥à¤¯à¤¾ से सà¤à¥€ को मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर दिया। आज जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ के पावन अवसर पर ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने मनमोहक पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ दी।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 19 अगसà¥à¤¤à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन में धूमधाम से जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ महोतà¥à¤¸à¤µ मनाया गया। परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने नृतà¥à¤¯, गीत-संगीत और à¤à¤œà¤¨ संधà¥à¤¯à¤¾ से सà¤à¥€ को मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर दिया। आज जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ के पावन अवसर पर ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने मनमोहक पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ दी। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने देशवासियों को कृषà¥à¤£ जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ अपने संदेश में कहा कि à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ का जनà¥à¤® समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानवता के लिये à¤à¤• वरदान है। शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ ने अपने जीवन में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ रूपों को जिया हैं। बाललीला से लेकर रासलीला तक, अनेक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¥‹à¤‚ को जीवंत बनाया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अरà¥à¤œà¥à¤¨ के माधà¥à¤¯à¤® से समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤£à¥à¤¡ को शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤—वदॠगीता का दिवà¥à¤¯ संदेश दिया, जो हर यà¥à¤— के लिये पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है। ‘‘निमितà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤‚ à¤à¤µ सवà¥à¤¯à¤¸à¤¾à¤šà¤¿à¤¨à¥â€™â€™ ‘‘करà¥à¤®à¤£à¥à¤¯à¥‡à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥‡ मा फलेषॠकदाचन।’’ ’’योगः करà¥à¤®à¤¸à¥ कौशलमà¥â€™â€™ ‘‘पृथिवà¥à¤¯à¤¾à¤®à¥ सरà¥à¤µ मानवा, ’’इदà¥à¤® न मम’’ à¤à¤¾à¤—ो नहीं जागो, à¤à¤¸à¥‡ अनेक दिवà¥à¤¯ सूतà¥à¤° दिये।। जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ पर हम कृषà¥à¤£ उतà¥à¤¸à¤µ में शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जी के जीवन की घटनाओं को à¤à¤¾à¤à¤•à¥€, संगीत, नृतà¥à¤¯ आदि अनेक माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करें परनà¥à¤¤à¥ मूल उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से à¤à¥€ जà¥à¥œà¥‡à¤‚ रहे। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ à¤à¤—वान ने पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£, पहाडों, नदियों का संरकà¥à¤·à¤£ किया उस उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ को लेकर आगे बà¥à¤¤à¥‡ रहे। à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ का जीवन à¤à¤• रंग-बिरंगे विशाल कैनवास की तरह है, जिसमें मानव-संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾, संसà¥à¤•à¤¾à¤° और जीवन का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ समाहित है। à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने जीवन को पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ के साथ जिया है और यही संदेश समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानवता को à¤à¥€ दिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जीवन को नृतà¥à¤¯ व संगीत की तरह मसà¥à¤¤ होकर जिया। उनके चरितà¥à¤° में जीवन का उतà¥à¤¤à¤® राग, पà¥à¤°à¥‡à¤®, योग, धà¥à¤¯à¤¾à¤¨, धरà¥à¤®, राजनीति, यà¥à¤¦à¥à¤§à¤¨à¥€à¤¤à¤¿ और शानà¥à¤¤à¤¿ का संदेश समाहित है। जीवन की वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने के सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ सूतà¥à¤° à¤à¤—वान कृषà¥à¤£ ने हमें दिये हैं। à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने जीवन के राग को बांसà¥à¤°à¥€ के माधà¥à¤¯à¤® से हमेशा जीवंत रखा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जीवन की समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¤à¤¾ का सृजन बड़ी ही सà¥à¤‚दरता से किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि आईये इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ दिवà¥à¤¯ सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ कर जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ का परà¥à¤µ मनायें।