मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी ने शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को आई.आर.डी.टी सà¤à¤¾à¤—ार, सरà¥à¤µà¥‡ चौक, देहरादून में जौनसार बाबर के पà¥à¤°à¤¥à¤® कवि पं. शिवराम जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित कावà¥à¤¯ संगà¥à¤°à¤¹ ’रमणी जौनसार ’ à¤à¤µà¤‚ पं. शिवराम शरà¥à¤®à¤¾ के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ व कृतितà¥à¤µ पर केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ गà¥à¤°à¤‚थ ’जौनसार बावर के जननायक पं. शिवराम’ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का विमोचन किया। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने कहा कि चकराता कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पंडित शिवराम शरà¥à¤®à¤¾ जी मूरà¥à¤¤à¤¿ लगाये जाने के लिठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ आयेगा तो उस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में उनकी मूरà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की जायेगी। उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई कविताओं का संगà¥à¤°à¤¹ कर संजोया जायेगा।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
देहरादून 19 अगसà¥à¤¤, 2022, मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी ने शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को आई.आर.डी.टी सà¤à¤¾à¤—ार, सरà¥à¤µà¥‡ चौक, देहरादून में जौनसार बाबर के पà¥à¤°à¤¥à¤® कवि पं. शिवराम जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रचित कावà¥à¤¯ संगà¥à¤°à¤¹ ’रमणी जौनसार ’ à¤à¤µà¤‚ पं. शिवराम शरà¥à¤®à¤¾ के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ व कृतितà¥à¤µ पर केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ गà¥à¤°à¤‚थ ’जौनसार बावर के जननायक पं. शिवराम’ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का विमोचन किया। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने कहा कि चकराता कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पंडित शिवराम शरà¥à¤®à¤¾ मूरà¥à¤¤à¤¿ लगाये जाने के लिठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ आयेगा तो उस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में उनकी मूरà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की जायेगी। उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई कविताओं का संगà¥à¤°à¤¹ कर संजोया जायेगा। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ पà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिंह धामी ने पं. शिवराम जी की पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नमन करते हà¥à¤ कहा कि पं. शिवराम जी की कविता संकलनों से नई पीà¥à¥€ को वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रूप से पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ गौरवशाली इतिहास के बारे में पता चलेगा। पंडित शिवराम जी ने हिंदी को अपनी अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का माधà¥à¤¯à¤® बनाया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना जीवन समाजिक कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया à¤à¤µà¤‚ कविताओं के माधà¥à¤¯à¤® से समाज में अलख जगाने का कारà¥à¤¯ किया। उनके संघरà¥à¤· à¤à¤µà¤‚ उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठगठकारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपनी सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में लाना जरूरी है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा उनकी रचनाओं के माधà¥à¤¯à¤® से अनà¥à¤¯ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ परिचय होता है।