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स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने प्रदूषण मुक्त संसाधनों का उपयोग करने का संदेश दिया।


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अक्षय ऊर्जा दिवस के अवसर पर ऊर्जा के स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त संसाधनों का उपयोग करने का संदेश दिया। अक्षय ऊर्जा दिवस हमें राष्ट्रीय स्तर पर सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत शक्ति जैसे ऊर्जा के अक्षय भंडार का उपयोग करने हेतु प्रेरित करता है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 20 अगस्त। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अक्षय ऊर्जा दिवस के अवसर पर ऊर्जा के स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त संसाधनों का उपयोग करने का संदेश दिया। अक्षय ऊर्जा दिवस हमें राष्ट्रीय स्तर पर सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत शक्ति जैसे ऊर्जा के अक्षय भंडार का उपयोग करने हेतु प्रेरित करता है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि हमें अक्षय ऊर्जा का सहजता और कुशलता से उपयोग करने के तरीकों को विकसित करना होगा ताकि बढ़ते वायु प्रदूषण को कम किया जा सके। वर्तमान समय में भारत को स्वच्छ ऊर्जा की जरूरत है ताकि पर्यावरण प्रदूषण कम किया जा सके। सूर्य के प्रकाश से निर्मित शक्ति ऊर्जा का सबसे उत्तम स्रोत हैं। सौर ऊर्जा, अन्य ऊर्जा संसाधनों में ऊर्जा का सबसे स्वच्छ स्वरूप है तथा भारत में तो यह ऊर्जा का सबसे बेहतर विकल्प भी हो सकता है। भारत में बढ़ती ऊर्जा माँगों की आपूर्ति को पूरा करने के लिये सौर ऊर्जा, ऊर्जा सुरक्षा के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका सकती है। स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान समय मे पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से जुझ रहा है ऐसे में सभी राष्ट्रों को स्वच्छ और हरित ऊर्जा की ओर बढ़ना होगा। सभी राष्ट्रों को ऐसी ऊर्जा तकनीक पर काम करना होगा जिससे प्रदूषण मुक्त वातावरण का निर्माण किया जा सके और सौर ऊर्जा इसके लिये एक बेहतर ऊर्जा संसाधन है। घटते प्राकृतिक संसाधन और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुये अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर अत्यंत बल देना होगा। स्वामी जी ने कहा कि ऊर्जा का संरक्षण और उपभोग प्रति व्यक्ति के द्वार उपयोग की गयी ऊर्जा पर निर्भर करता है। वर्तमान में भारत की प्रति व्यक्ति ऊर्जा उत्पादन अभी कम है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने का लक्ष्य रखा है तथा भारत इसके लिये प्रयासरत है। हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है कि हम भी व्यक्तिगत स्तर पर स्वच्छ और स्वस्थ ऊर्जा के उपभोग को बढ़ावा दे।

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