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हाय हमने इन भ्रष्टाचारियों के लिए क्यों प्राण गवाए..?


मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज करने के लिए पोर्टल बनाए गए ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज करने के लिए इन पोर्टल पर छोटी शिकायतों पर तो कार्यवाही होती है लेकिन जो बड़े घोटालेबाज मगरमच्छ है उन पर कोई कार्यवाही आज तक नहीं हुई सामाजिक कार्यकर्ता लगातार शिकायत दर्ज कराते हैं लेकिन उन शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं होती और वह परेशान होकर घर बैठ जाते हैं सरकार केवल भ्रष्टाचार न्यूज़ चैनल व अखबार के माध्यम से ही रोकने की कार्यवाही का दावा करती हैं. असलियत में भ्रष्टाचार इन बड़े नेताओं की नस नस में खून की तरह बह रहा है जो कभी खत्म नहीं होगा जब राज्य का नेता ही भ्रष्टाचारी होगा तो राज्य से भ्रष्टाचार कैसे खत्म हो सकता है राज्य के लिए जो शहीद होने वालों की भी यह भ्रष्टाचार देखकर आत्मा इनको गालियाँ देती होंगीं और अपने को कोसती होंगी हाय हमने इन भ्रष्टाचारियों के लिए क्यों प्राण गवाए|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए राज्य के लोगों ने बड़े बड़े आंदोलन किये आंदोलन का परिणाम इस राज्य की स्थापना हुई लोगों ने सोचा था नया राज्य बनेगा लोगों को रोजगार मिलेगा पलायन रुकेगा और राज्य में तेजी से विकास होगा लेकिन उत्तराखंड राज्य मैं न तो पलायन रुका है और ना ही रोजगार मिला है मिला तो विकास के नाम भ्रष्टाचार और घोटाले राज्य में 5 वर्ष के बाद लगातार सरकारें बदलती रही है मुद्दे वही होते हैं विकास, भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी लेकिन न तो भ्रष्टाचार रुका है और ना ही घोटाले रुके हैं लगातार एक के बाद एक घोटाले उजागर हो रहे हैं जिनके तार सचिवालय एवं बड़े नेताओं से जुड़े हुए हैं जबकि सरकार दावे करती हैं कि हम राज्य में विकास करेंगे रोजगार उपलब्ध कराएंगे राज्य लगातार कर्जे में डूबता जा रहा है और कर्जा भी इतना बड़ा कि उत्तराखंड का प्रत्येक नागरिक साडे चार लाख कर्जे में है अगर राज्य के नेताओं की ईमानदारी से जांच हो जाए तो इनकी असलियत सामने आ जाएगी खरबों की संपत्ति का पता लग जाएगा जिनके देश एवं विदेशों में बड़े-बड़े होटल एवं संपत्तियां पड़ी हुई हैं जो अपने रिश्तेदार परिचितों के नाम से ली हुई है राज्य में अगर तरक्की हुई है एवं विकास हुआ है तो केवल उत्तराखंड के नेताओं का, और इनके चाटुकारों का विकास हुआ है राज्य बनाने के लिए आंदोलन करने वाले लोग अब पछता रहे हैं कि हमने इस राज्य को क्यों बनाया क्योंकि राज्य में ना तो विकास ही हुआ और ना ही रोजगार मिला और ना ही पलायन रुका जबकि भ्रष्टाचार रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज करने के लिए पोर्टल बनाए गए ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज करने के लिए इन पोर्टल पर छोटी शिकायतों पर तो कार्यवाही होती है लेकिन जो बड़े घोटालेबाज मगरमच्छ है उन पर कोई कार्यवाही आज तक नहीं हुई सामाजिक कार्यकर्ता लगातार शिकायत दर्ज कराते हैं लेकिन उन शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं होती और वह परेशान होकर घर बैठ जाते हैं सरकार केवल भ्रष्टाचार न्यूज़ चैनल व अखबार के माध्यम से ही रोकने की कार्यवाही का दावा करती हैं. असलियत में भ्रष्टाचार इन बड़े नेताओं की नस नस में खून की तरह बह रहा है जो कभी खत्म नहीं होगा जब राज्य का नेता ही भ्रष्टाचारी होगा तो राज्य से भ्रष्टाचार कैसे खत्म हो सकता है राज्य के लिए जो शहीद होने वालों की भी यह भ्रष्टाचार देखकर आत्मा इनको गालियाँ देती होंगीं और अपने को कोसती होंगी हाय हमने इन भ्रष्टाचारियों के लिए क्यों प्राण गवाए|

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