दिव्य अम्मा भव्य सेवा - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


अम्मा का वात्सल्य और करूणा हमें हर जगह दिखायी पड़ती हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि संस्कार व संस्कृति तथा शिक्षा व चिकित्सा एवं अध्यात्म के लिये जितना भी कार्य किया जा रहा है वह अद्भुत है। अम्मा की दिव्यता और प्रधानमंत्री के विचारों की भव्यता दोनों के संगम का दर्शन करने का अवसर आज हम सभी को प्राप्त हुआ।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 24 अगस्त। अमृता अस्पताल, फरीदाबाद उद्घाटन समारोह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सम्पन्न हुआ, जिसमें परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, राज्यपाल हरियाणा बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य विशिष्ट विभूतियों ने सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने माता अमृतानंदमयी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर उनका अभिनन्दन किया। अम्मा ने बताया कि उन्होंने भी अपने आश्रम में चार सौ पौधों का रोपण किया हैं। अमृता अस्पताल के निदेशक संजीव सिंह ने इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुये अमृता अस्पताल और अमृता ट्रष्ट के विषय में जानकारी प्रदान की। माननीय प्रधानमंत्री भारत नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आध्यात्मिकता और आधुनिकता का समागम है यह अस्पताल और अम्मा प्रेम, करूणा और सेवा की प्रतिमूर्ति और आध्यात्मिक परम्परा की वाहक है। उन्होंने इस सेवा कार्य के लिये सभी को शुभकामनायें देते हुये कहा कि भारत ऐसा राष्ट्र है जहां आरोग्य एक सेवा है। भारत ने अपने संस्कार और सोच को कभी भी और कहीं भी लुप्त नहीं होने दिया उसे हमेशा सहेज कर रखा। अम्मा का वात्सल्य और करूणा हमें हर जगह दिखायी पड़ती हैं। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि संस्कार व संस्कृति तथा शिक्षा व चिकित्सा एवं अध्यात्म के लिये जितना भी कार्य किया जा रहा है वह अद्भुत है। अम्मा की दिव्यता और प्रधानमंत्री के विचारों की भव्यता दोनों के संगम का दर्शन करने का अवसर आज हम सभी को प्राप्त हुआ। स्वामी ने कहा कि आध्यात्मिक संस्थायें केवल अपने लिये नहीं बल्कि वैश्विक परिवार के लिये कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि न्यूयार्क, यूनाईटेड नेशन, जिनेवा और अन्य स्थानों पर जल संरक्षण पर होने वाली शिखर वार्ताओं में प्रधानमंत्री को सम्मानित करने और अनेक विषयों पर स्वामी ने चर्चा की तथा प्रधानमंत्री को परमार्थ गंगा आरती में सहभाग हेतु विशेष रूप से आमंत्रित किया। अमृता अस्पताल माता अमृतानंदमयी की शक्ति और आशीर्वाद से संचालित होने वाला आरोग्य का उत्तम केन्द्र है। अम्मा, एक बहुमुखी व्यक्तित्व, एक आध्यात्मिक गुरू, मानवतावादी और एक दूरदर्शी असाधारण व्यक्तित्व की धनी हैं। उनके आशीर्वाद से अमृत अस्पताल में आशा के साथ बेहतर चिकित्सा सुविधायें संचालित हो रही है। आध्यात्मिकता के साथ उत्कृष्टता यही स्वास्थ्य की प्रथम सीढ़ी भी है। मुझे विश्वास है यह अस्पताल प्रौद्योगिकी, विशेषज्ञता, सहानुभूति और विश्वास के सम्मिश्रण के साथ संचालित होता रहेगा। माता अमृतानंदमयी जी ने आज के इस पावन अवसर पर कहा कि हम जगत को व्यवसाय के रूप में नहीं बल्कि परिवार के रूप में देखे। मूल्यहीन समाज ऐसे है जैसे बिना सीमंेट की ईटें इसलिये प्रयत्न करते रहना ही जीवन है। आध्यात्मिकता हमें प्रत्येक स्थिति को वास्तविक रूप से देखना सिखाती है; इनर से जुड़ना सिखाती है। उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ियों को इच्छाओं और आवश्यकताओं में अन्तर को समझना होगा। हमें अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना होगा ताकि हर किसी की जरूरत पूरी हो सके। हमें दुनिया की जरूरत को समझना होगा और बड़ा दिल रखकर व्यवहार करना होगा क्योंकि अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए हर चीज का शोषण करना सही नहीं है। हमें सेवा का कोई भी अवसर अपने हाथोें से नहीं जाने देना चाहिये। हमारे सभी कर्मों को पूर्ण करने के लिये ईश्वर की कृपा का होना नितांत आवश्यक है। अम्मा ने कहा कि सब कहते हैं शिक्षा जरूरी है लेकिन कई पढ़े-लिखे युवा भारी तनाव से गुजर रहे हैं इसलिये सिर्फ किताबी शिक्षा महत्वपूर्ण नहीं है उसके साथ आध्यात्मिक ज्ञान भी जरूरी है। सनातन धर्म हमें हर चीज से प्रेम करना, दूसरों को देना और उसमें आनंद प्राप्त करना सिखाता है। उन्होंने कहा कि हम एकजुट होकर ही हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं और अपने समुदाय और देश में बदलाव ला सकते हैं।

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