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वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी श्याम गिरी महाराज का 75 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन


श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी श्याम गिरी जी महाराज का 75 वर्ष की आयु में रविवार को सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में निधन हो गया। वे पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे उनका उपचार हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में चल रहा था ।उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे जूना अखाड़ा अखाड़ा में शोक की लहर दौड़ गई है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी श्याम गिरी जी महाराज का 75 वर्ष की आयु में रविवार को सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में निधन हो गया। वे पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे उनका उपचार हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में चल रहा था ।उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे जूना अखाड़ा अखाड़ा में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए भैरव घाट जना अखाड़ा हरिद्वार में रखा गया है ।उनके निधन उनके निधन का समाचार मिलते ही जूना अखाड़ा के वरिष्ठ संत, श्रीमहंत, महंत, नागा सन्यासी हरिद्वार के लिए रवाना हो गए हैं ।जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरी गिरी महाराज ने बताया ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर श्याम गिरी महाराज का पार्थिव शरीर का कल सोमवार प्रातः 11:00 बजे नगर में शोभायात्रा निकाली जाएगी ।शोभायात्रा के बाद उन्हें कानपुर ले जाया जाएगा जहां बाबा घाट स्थित समाधि स्थल पर उन्हें भू समाधि दी जाएगी। शोभायात्रा से पूर्व उन्हें श्रद्धांजलि देने नगर के समस्त साधु संत महामंडलेश्वर यहां पहुंच रहे हैं । वहीं देश के विभिन्न स्थानों से अखाड़े के वरिष्ठ संत दूधेश्वर पीठाधीश्वर गाजियाबाद से अंतर राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री महंत नारायण गिरी, टाटा से श्री महंत विद्यानंद सरस्वती, श्री महंत शैलेंद्र गिरी, अंतर्राष्ट्रीय सभापति श्री महंत प्रेम गिरी, श्री महंत केदारपुरी,महामंडलेश्वर कपिल पूरी जी, गोकर्न धाम हरियाणा आदि से हरिद्वार के लिए रवाना हो चुके हैं। दूसरी ओर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मंशा देवी मंदिर प्रमुख श्री महंत रवींद्र पुरी ने परिषद की ओर से श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे उच्च कोटि के विद्वान संत थे।जो जीवन पर्यन्त संत समाज व अखाड़े के विकास के लिये कार्य करते रहे।जूना अखाड़े के सचिव श्रीमहंत महेश पुरी ने कहा कि दिवंगत महामंडलेश्वर जूना अखाड़े के संतों में अत्यंत लोकप्रिय थे। उनक उनके निधन से अखाड़े को अपूरणीय क्षति पहुंची है ।

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