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माघ पूर्णिमा पर "हर हर गंगे" बोल कर हरिद्वार हर की पौड़ी पर श्रद्धालुओं ने लगाई श्रद्धा की डुबकी


हरिद्वार में माघ पूर्णिमा के स्नान स्नान पर्व पर सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने का ताता लगा हुआ है सभी श्रद्धालु लोग हर हर गंगे बोलकर मां गंगा में डुबकी लगाई।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज़ भारत

आज हरिद्वार में माघ पूर्णिमा के स्नान स्नान पर्व पर सुबह से ही हर की पौड़ी पर स्नान करने का ताता लगा हुआ है सभी श्रद्धालु लोग हर हर गंगे बोलकर मां गंगा में डुबकी लगाई। स्नान के उपरांत सूर्य भगवान को अर्घ देते हुए परिवार की मंगल कामनाएं की एवं दान इत्यादि किया इस अवसर पर अपने निजी वाहनों एवं बस ट्रेनों से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच रहे हैं हरिद्वार पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या उत्तर प्रदेश, हरियाणा पंजाब, दिल्ली एवं हिमाचल प्रदेश से आने वालों की संख्या अधिक है बताई जा रही है पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं सर्दी के कारण जितनी भीड़ होनी चाहिए थी इतनी भीड़ तो नहीं थी लेकिन गंगा के प्रति श्रद्धा रखने वालों व गंगा में डुबकी लगाने वालों की कमी नहीं है आज सुबह से ही 3:00 बजे से लोगों ने स्नान करना शुरू कर दिया था इस माघ पूर्णिमा का बहुत ही महत्व है विद्वान बताते हैं कि इस खास दिन श्रद्धालु अपने क्षेत्र की नदियों एवं पवित्र सरोवरों में माघी पूर्णिमा को स्नान का पुण्य प्राप्त करते हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार माघ स्नान करने वाले मनुष्यों पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और उन्हें सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ महीने में देवता पृथ्वी पर मनुष्य रूप धारण करके प्रयाग व हरिद्वार में स्नान, दान और जप करते हैं। यही वजह है कि इस दिन कहा जाता है कि हरिद्वार व प्रयाग में गंगा स्नान करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होकर व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पंडित टेसू राज गौड़ ने बताया कि माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उठकर सबसे पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें। स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेते हुए भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद गरीब व्यक्तियों और ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद दक्षिणा दें। ध्यान रखें, इस व्रत में तिल और काले तिल का विशेष रूप से दान किया जाता है। इस अवसर पर हर की पौड़ी पर हजारों श्रद्धालुओं ने श्रद्धा की डुबकी लगाई और पूजा, अर्चना, दान कर अपने कर्तव्य को सकुशल वापस हो गए।

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