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जिलाधिकारी ने सफलतापूर्वक पूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।


कार्यक्रम के तहत बुनकर सेवा केन्द्र चमोली में एक माह तक संचालित डाबी डिजायन प्रशिक्षण का बुधवार को समापन हुआ। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बुनकर महिलाओं को डाबी डिजायन का सफलतापूर्वक पूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत बुनकर सेवा केन्द्र चमोली में एक माह तक संचालित डाबी डिजायन प्रशिक्षण का बुधवार को समापन हुआ। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बुनकर महिलाओं को डाबी डिजायन का सफलतापूर्वक पूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और बुनकरों को डाबी मशीन वितरित करते हुए नए डिजायन के अधिक से अधिक प्रोडेक्ट तैयार करने के लिए प्रेरित किया। डाबी डिजायन मशीन पर प्रशिक्षण पूरा करने के बाद बुनकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला। इस मशीन से कपड़ों पर कई तरह के ज्योमेट्रिकल डिजायन आसानी से तैयार किए जाते है और बहुत कम समय व मेहनत से अच्छे कपडे बनाए जाते है। जिले में बुनकरों को पहली बार इस तरह का प्रशिक्षण दिया गया। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की खास पहल पर उद्योग विभाग के माध्यम से बालखिला, छिनका, विरही, चमोली तथा कुहेड की 20 महिला बुनकरों को डाबी मशीन पर नए डिजायन तैयार करने के लिए एक माह का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। ताकि बुनकर से जुड़ी महिलाएं कम समय व मेहनत से अच्छे डिजायन के कपडे़ तैयार कर अपनी आजीविका बढा सके। डाबी डिजायन मशीन का प्रशिक्षण लेने के बाद महिला बुनकर काफी उत्साहित एवं खुश नजर आए। उन्होंने जिलाधिकारी की इस पहल की खूब सराहना की। कहा कि डाबी डिजायन मशीन से नए डिजायन तैयार करने और बुनाई करने में उन्हें काफी आसानी हो रही है। बता दें कि डीएम स्वाति एस भदौरिया ने कुछ महीने पहले चमोली में बुनकर सेवा केन्द्र के निरीक्षण के दौरान बुनकर महिलाओं को नए डिजायन के कपडे तैयार करने हेतु विशेष प्रशिक्षण देने को कहा था। जिसके तहत जिले में बुनकरों को पहली बार इस तरह का प्रशिक्षण दिया गया। नए डिजायन का प्रशिक्षण लेकर बुनकरों में काफी खुश दिखाई दी। प्रशिक्षण पूरा करने पर जिलाधिकारी ने बुनकर महिलाओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने बुनकरों को डाबी डिजायन मशीन और ऊन का धागा वितरित करते हुए चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले नए डिजायन के अधिक से अधिक कपडे तैयार करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि यात्रा सीजन के दौरान उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पादों के विपणन की व्यवस्था भी की जाएगी। उन्होंने जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक को 20 फरवरी तक प्रशिक्षित बुनकर महिलाओं के घरों में डाबी डिजायन मशीन फिट करने, जिले के सभी बुनकरों की सूची तैयार करने, बुनकरों को ई-मार्केटिंग से जोड़ने और शाॅल, पंखी, मफलर, टोपी आदि प्रोडेक्ट तैयार करने के लिए अच्छी गुणवत्ता की ऊन का धागा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित करने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि आॅनलाईन मार्केटिंग से जुड़ने बाद बुनकरों को यात्रा सीजन के अलावा लीन सीजन में भी फायदा मिलेगा। इस दौरान जिलाधिकारी ने बुनकर सेवा केन्द्र में तैयार उत्पादों एवं बुनाई मशीनों का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने बुनकर महिलाओं को समूह में काम करने की सलाह दी। कहा कि समूह में काम करने से अधिक सफलता मिलती है। उन्होंने बुनकर महिलाओं से नई पीढी को भी बुनाई से जोड़ने और नए विजन के साथ स्वरोजगार को अपनाने की बात कही। इस दौरान जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक डा0 एमएस सजवाण, मास्टर ट्रेनर सुनीता वर्मा, तकनीकि अधीक्षक उपेन्द्र दुबे, प्रशिक्षक जसमती गडियाल, कर्मवीर भारती सहित प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली सभी बुनकर महिलाएं मौजूद थी।

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