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योग नगरी ऋषिकेश मे दो जगहों पर अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ


योग नगरी ऋषिकेश में आज दो जगहों पर अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया गया। पहला गंगा रिसोर्ट में पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा किया गया जिसमें 11 देशों से योग सीखने आए लोगों ने भाग लिया हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव परमार्थ निकेतन द्वारा ही किया जाता रहा है लेकिन विशेष सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है कि आपसी मनमुटाव के कारण इस बार अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव दो जगह मनाया गया जिसका कारण पता नहीं लग सका है ।

रिपोर्ट  -  ऑल न्यूज़ भारत

योग नगरी ऋषिकेश में आज दो जगहों पर अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया गया। प्रथम गंगा रिसोर्ट पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा किया गया जिसमें 11 देशों से योग सीखने आए लोगों ने भाग लिया हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव परमार्थ निकेतन द्वारा ही किया जाता रहा है लेकिन विशेष सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है कि आपसी मनमुटाव के कारण कारण इस बार अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव दो जगह मनाया गया जिसका कारण पता नहीं लग सका । वहीं दूसरी तरफ परमार्थ निकेतन के प्रांगण में आज विश्व के 56 से अधिक देेशों से आये योग जिज्ञासुओं ने प्रातःकाल से ही विख्यात योग गुरूओं के मार्गदर्शन में योग की विधाओं को आत्मसात करना आरम्भ किया। योग के पितामह योग गुरूओं को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर आज के दिव्य समारोह का शुभारम्भ परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, पर्यटन मंत्री भारत सरकार, प्रहृलाद पटेल, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल जी, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक, साध्वी भगवती सरस्वती, भारत मित्रा, विश्व के अनेक देशों से आये योगाचार्यों ने दीप प्रज्वलित कर किया। अन्तर्राष्ट्रीय कीर्तन बैंड के भारत, इंग्लैड, यूएसए, स्काॅटलैंड, कोस्टारिका, फिनलैण्ड और क्यूबा से आये विजय कृष्ण और अन्य कीर्तनियों ने परम शान्ति देने वाले संगीत के साथ आज के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। विख्यात योगाचार्य गुरूमुख कौर खालसा, अमेरिका से आये टोमी रोजन और मुम्बई से आयी आहार विशेषज्ञ रूजुता दिवाकर ने योग की उपयोगिता और प्रतिबिंब पर प्रकाश डाला। विश्व विख्यात योग महापर्व की मेजबानी परमार्थ निकेतन द्वारा सन 1999 से निरन्तर की जा रही है। इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के 25 से अधिक देशों के 90 से अधिक पूज्य संत एवं योगाचार्य सम्मिलित हुये हैं। अब तक 56 से अधिक देशों के 900 से अधिक प्रतिभागी सहभाग कर चुके हैैं और लगातार दुनिया के विभिन्न देशों के योग जिज्ञासु इस महोत्सव में सहभाग हेतु पंजीयन करा रहे हंै। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में योग की 150 से अधिक कक्षायें होती है। यह क्रम प्रातः 4ः00 बजे से रात 9ः30 बजे तक एक सप्ताह तक प्रतिदिन चलता है। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सभी विशिष्ट अतिथियों, विश्व के विभिन्न देशों से आये योगाचार्यों, योग जिज्ञासुओं, संगीतज्ञों, कलाकारों का माँ गंगा के पावन तट और हिमालय की गोद में दिव्य अभिनन्दन करते हुये कहा कि ’’अब समय आ गया है कि योग को हम केवल योगा मेट पर ही न करें बल्कि अब योग की ज़रूरत सम्पूर्ण मानवता के लिये, प्रकृति, नदियों और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने के लिये है। हम सभी को ’मेरे लिये क्या’ है से मेरा द्वारा क्या-क्या किया जा सकता है’ पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वामी जी ने कहा कि विश्व के विभिन्न देशों से जो भी योग जिज्ञासु माँ गंगा के पावन तट पर आकर योग को आत्मसात कर रहे हंै, वे यहां से शान्ति दूत बनकर जायंे।’’ पर्यटन मंत्री भारत सरकार श्री प्रहृलाद पटेल जी ने कहा कि मैं, माँ नर्मदा के तट से माँ गंगा के पावन तट पर पूज्य स्वामी जी दिव्य कृपा से आया हूँ। यह मेरा सौभाग्य है कि मंै विश्व के 56 देशों से आये योग परिवार के मेरे भाई बहन, जो कि पूरे विश्व में योग का प्रचार प्रसार करते है उनके दर्शन कर रहा हूँ। उन्होने कहा कि भारत एकता और शान्ति का संदेश देने वाला राष्ट्र है। हम ज्ञान के विस्तार के समर्थक है भौगोलिक विस्तार के समर्थक नहीं है। योग, हमारे भावों, दिलों और आत्मों को जोड़ता है। आप सभी योगी देव भूमि उत्तराखण्ड से साधना, तप, शान्ति और शक्ति लेकर जायें और इसे दुनिया की सेवा में अर्पित करें यही संदेश योग हमें देता है। विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल जी ने उत्तराखण्ड की इस पवित्र भूमि में परमार्थ निकेेतन योग महोत्सव के इस दिव्य और भव्य कार्यक्रम में सभी योगियों का स्वागत करते हुये कहा कि स्वामी जी कृपा से प्रतिवर्ष वैश्विक योग साधकों के दर्शन करने का अवसर प्राप्त होता है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से योग के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है। उन्होने बताया कि हम अपनी विधानसभा में प्रत्येक माह की 21 तारीख योग का अभ्यास करते है क्योंकि कहा जाता है करो योग, रहो निरोग। योग हमारी सदियों की खोज है। 56 देशों से आये 900 योगियों को देखकर लग रहा है जैसे कि उत्तराखंड की धरती पर विश्व उतर आया हो। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने भारत की दिव्य भूमि पर विश्व के अनेक देशों से आये योगियों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि योग कोई नयी विधा नहीं है बल्कि यह भारत के ऋषियों की हजारों वर्षों की तपस्या का परिणाम है।

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