गंगा सà¥à¤µà¤°à¥‚प आशà¥à¤°à¤® में जयराम आशà¥à¤°à¤® संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने आज गंगा सà¥à¤µà¤°à¥‚प आशà¥à¤°à¤® में विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के वेद मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ से हवन यजà¥à¤ž कर जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ राजराजेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® के कर कमलों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा कराई गई
रिपोर्ट - आल नà¥à¤¯à¥‚ज़ à¤à¤¾à¤°à¤¤
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° गंगा सà¥à¤µà¤°à¥‚प आशà¥à¤°à¤® में आज à¤à¤—वान बरà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ का विधि विधान से जगतगà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ राजराजेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® ने पà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा की। हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° गंगा सà¥à¤µà¤°à¥‚प आशà¥à¤°à¤® में जयराम आशà¥à¤°à¤® संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने आज गंगा सà¥à¤µà¤°à¥‚प आशà¥à¤°à¤® में विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के वेद मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ से हवन यजà¥à¤ž कर जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ राजराजेशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® के कर कमलों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा कराई गई इस अवसर पर शंकराचारà¥à¤¯ ने बरà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• के बारे में बताया कि बारà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• घटोतà¥à¤•à¤š और अहिलावती का पà¥à¤¤à¥à¤° था। वासà¥à¤¤à¤µ में वह à¤à¤• यकà¥à¤· था जिसका पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® à¤à¤• इंसान के रूप में हà¥à¤† था। वह à¤à¥€à¤® का पोता था। बारà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• को उसकी मां ने यही सिखाया था कि हमेशा हारने वाले की तरफ से लड़ना और वह इसी सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त पर लड़ता à¤à¥€ रहा। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ की लड़ाई में बारà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• को लड़ाई में हिसà¥à¤¸à¤¾ लिठबगैर इस à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• लड़ाई के गवाह के रà¥à¤ª नियà¥à¤•à¥à¤¤ किया गया था। इस अवसर पर महामंडलेशà¥à¤µà¤° हरिचेतनाननà¥à¤¦ जी महाराज ने बताया कि बारà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• को तीन बाण धारी à¤à¥€ कहा जाता है उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह à¤à¥€ बताया कि à¤à¥€à¤® के पौतà¥à¤° बरà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• के समकà¥à¤· जब अरà¥à¤œà¥à¤¨ तथा à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ उसकी वीरता का चमतà¥à¤•à¤¾à¤° देखने के लिठउपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हà¥à¤ तब बरà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• ने अपनी वीरता का छोटा-सा नमूना मातà¥à¤° ही दिखाया। कृषà¥à¤£ ने कहा कि यह जो वृकà¥à¤· है â€à¤‡à¤¸à¤•à¥‡ सारे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को à¤à¤• ही तीर से छेद दो तो मैं मान जाऊंगा। बरà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• ने आजà¥à¤žà¤¾ लेकर तीर को वृकà¥à¤· की ओर छोड़ दिया। जब तीर à¤à¤•-à¤à¤• कर सारे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को छेदता जा रहा था उसी दौरान à¤à¤• पतà¥à¤¤à¤¾ टूटकर नीचे गिर पड़ा। कृषà¥à¤£ ने उस पतà¥à¤¤à¥‡ पर यह सोचकर पैर रखकर उसे छà¥à¤ªà¤¾ लिया की यह छेद होने से बच जाà¤à¤—ा, लेकिन सà¤à¥€ पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को छेदता हà¥à¤† वह तीर कृषà¥à¤£ के पैरों के पास आकर रà¥à¤• गया। तब बरà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• ने कहा कि पà¥à¤°à¤à¥ आपके पैर के नीचे à¤à¤• पतà¥à¤¤à¤¾ दबा है कृपया पैर हटा लीजिà¤, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मैंने तीर को सिरà¥à¤« पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को छेदने की आजà¥à¤žà¤¾ दे रखी है आपके पैर को छेदने की नहीं। इस अवसर पर जयराम संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने बताया कि बरà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपने पितामह पांडवों की विजय हेतॠसà¥à¤µà¥‡à¤šà¥à¤›à¤¾ के साथ शीशदान कर दिया गया था । बरà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• के इस बलिदान को देखकर दान के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ ने बरà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• को कलियà¥à¤— में सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के नाम से पूजित होने का वर दिया था। आज बरà¥à¤¬à¤°à¥€à¤• को खाटू शà¥à¤¯à¤¾à¤® के नाम से पूजा जाता है जहां कृषà¥à¤£ ने उसका शीश रखा था उस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का नाम खाटू है । इसलिठगंगा सà¥à¤µà¤°à¥‚प आशà¥à¤°à¤® में à¤à¤—वान बरà¥à¤¬à¤°à¥€à¤•(खाटू शà¥à¤¯à¤¾à¤®) की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ की पà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा की गई है जिससे आशà¥à¤°à¤® में आने वाले à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के दà¥à¤–-दरà¥à¤¦ दूर हो सके लोग उनकी पूजा कर मनोवांछित फल पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकें इस अवसर पर हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित संत म0म0 हरिचेतनाननà¥à¤¦ जी महाराज, सतपाल बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ललितानंद गिरि महंत विनोद गिरी, महंत जमà¥à¤¨à¤¾à¤¦à¤¾à¤¸, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤¨à¤‚द, आचारà¥à¤¯ विजय गौतम à¤à¤µà¤‚ सैकड़ो संतों के à¤à¤¾à¤— लिया।