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त्यौहार जीवन मे ऊर्जा का संचार करते है, नीरस जीवन को आहलादित करने का पर्व है होली


रंगों के उल्लाहस का आन्नद लेने एवं वैचारिक मतभेदों को भुलाकर उत्साह से जीवन जीने तथा बीते समय के अनुभवों को छोडकर नवचेतना के साथ नवसंचार की ओर आगे बढने का नाम ही होली है।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज भारत

हरिद्वार-09 मार्च, 2020 रंगों के उल्लाहस का आन्नद लेने एवं वैचारिक मतभेदों को भुलाकर उत्साह से जीवन जीने तथा बीते समय के अनुभवों को छोडकर नवचेतना के साथ नवसंचार की ओर आगे बढने का नाम ही होली है। त्यौहार हमारे जीवन मे नई ऊर्जा का संचार करते है जिससे नीरस जीवन मे उल्लास एवं आनन्द आता है जो नये संकल्प के साथ आगे बढने की प्रेरणा देते है। ये विचार वैfद्क विद्वान प्रो0 भारत भूषण ने होली मिलन समारोह के अवसर पर आयोजित यज्ञ के अवसर पर व्यक्त किये। उन्होने कहा कि नारद पुराण तथा भविष्य पुराण की प्राचीन हस्तलिपियों मे भी होली पर्व का वर्णन मिलता है। मनोवैज्ञानिक रूप से होली के महत्व को बताते हुये असिस्टेंट प्रोफेसर डा0 शिवकुमार चैहान ने कहा कि मानसिक विकृतियों के उपचार मे फाल्गुन मास अत्यन्त लाभकारी है। प्रकृति के उच्चतम सौन्दर्य एवं नव यौवन को इससे अधिक किसी अन्य ऋतुकाल मे नही देखा जा सकता है। मनुष्य के मन की भावनाये प्रकृति के इस रूप को देखकर आनन्दित होती है जिससे मानसिक तनाव तथा अन्य विकृतिया दूर होने मे सहायता मिलती है। यशपाल सिंह राणा ने कहा कि होली न खेलने के लिये देश मे आज समुदाय विशेष को लेकर चली आ रही भ्रन्तिया गलत है। मुगल काल मे जोधा-अकबर तथा मुमताज-शाहजहा के जमाने मे होली मनाने के अनेक वर्णन मिलते है जहा होली को ईद-ए-गुलाबी तथा आब-ए-पाशी (रंगो की बौछार) के रूप में मान्यताये थी। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा होली मिलन समारोह के अवसर पर यज्ञ एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन राजपूत पंचायत धर्मशाला के महाराणा प्रताप सभागार मे किया। जिसका शुभारम्भ यज्ञ के द्वारा किया गया। होली मिलन के अवसर पर बच्चों ने समूह नृत्य एवं कृष्ण लीला के द्वारा रंगों के पर्व को उल्लास पूर्वक मनाया। महिलाओं ने भी फूलो तथा गुलाल के साथ एक दूसरे को होली की बधाई दी। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप मे महिलाओं को अंगवस्त्र भेट करके सम्मानित भी किया गया। हुडदंग एवं अठखेलियों के बीच अन्ताकसरी एवं काव्यपाठ का भी आयोजन किया गया जिसमे मनवीर सिंह को जोकर न0 वन, नरेन्द्र सिंह को गुलाम न0 वन, तथा तनुज शेखावत को बलमा न0 वन का खिताब दिया गया। कार्यक्रम का अजय चैहान द्वारा किया गया। इस अवसर पर मदनपाल सिंह, आशीष चैहान, समीर राणा, डी0एस0 नेगी, मोहित चैहान, सौरभ चैहान, विक्रम सिंह, पार्षद नागेन्द्र राणा, प्रेम सिंह राणा, राजीव चैहान, दुष्यंत राणा, जे0ई0 सत्यपाल सिंह पुण्डीर, मोहन सिंह, चमन सिंह, उपदेश चैहान, विकास राजपूत, अभिषेक चैहान, अंकित, अशोक लता, मुनेश राणा, अंजली चैहान, हरीशपाल सिंह पुण्डीर, ममता सिंह, कप्तान सिंह, शेखर राणा, रवि किशोर सिंह, अजब सिंह चैहान, डाॅ0 बिजेन्द्र सिंह चैहान, विकास राजपूत, सुभाष चैहान, जोगेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

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