कहते है ना ,संगीत है शकà¥à¤¤à¤¿ ईशà¥à¤µà¤° की हर सà¥à¤µà¤° में बसे है राम,रागी जो सà¥à¤¨à¤¾à¤ रागिन रोगी को मिले आराम। इस वाकय को शांतिकà¥à¤‚ज के बचà¥à¤šà¥‹ ने होम कोरोंनटाइन के टाइम को अपने संगीत साधना कर समय पसार करने के रूप में किया है। आज पूरा विशà¥à¤µ जब कोरोना वायरस से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ हैं तब शांतिकà¥à¤‚ज के अधितकर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने अपने अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ शैल बाला पंडà¥à¤¯à¤¾ जी à¤à¤µà¤‚ डॉ पà¥à¤°à¤£à¤µ पंडà¥à¤¯à¤¾ जी के मारà¥à¤— दरà¥à¤¶à¤¨ से संगीत की साधना कर रहे है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° ,कहते है ना ,संगीत है शकà¥à¤¤à¤¿ ईशà¥à¤µà¤° की हर सà¥à¤µà¤° में बसे है राम,रागी जो सà¥à¤¨à¤¾à¤ रागिन रोगी को मिले आराम। इस वाकय को शांतिकà¥à¤‚ज के बचà¥à¤šà¥‹ ने होम कोरोंनटाइन के टाइम को अपने संगीत साधना कर समय पसार करने के रूप में किया है। आज पूरा विशà¥à¤µ जब कोरोना वायरस से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ हैं तब शांतिकà¥à¤‚ज के अधितकर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने अपने अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤• शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ शैल बाला पंडà¥à¤¯à¤¾ जी à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€ डॉ पà¥à¤°à¤£à¤µ पंडà¥à¤¯à¤¾ जी के मारà¥à¤— दरà¥à¤¶à¤¨ से संगीत की साधना कर रहे है। सà¤à¥€ बचà¥à¤šà¥‡ अपने आवास पर अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करà¥à¤® के साथ दिन à¤à¤° संगीत के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ वादà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करते है। आहà¥à¤¤à¤¿ पंडà¥à¤¯à¤¾, सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ पंडà¥à¤¯à¤¾ ,चेतना ,तनà¥à¤®à¤¯ ,जानà¥à¤¹à¤µà¥€ ,पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¥‡à¤¶ बेहरा ,कृषà¥à¤£à¤¾,पूजा ,पयशà¥à¤µà¤¨à¥€, आदि जहां वोकल का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहे है। वही पारà¥à¤¥ ,विपà¥à¤²,आवृत तबला बजा कर अपना समय वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ रहे है। उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है की पयशà¥à¤µà¤¨à¥€ यादव संतूर सिख रही है तो ,पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¥‡à¤¶ गà¥à¤µà¤¾à¤² पखावज में अपना हाथ साफ कर रहे है। संगीत विà¤à¤¾à¤— शांतिकà¥à¤‚ज से मिली सà¥à¤šà¤¨à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° लगà¤à¤— ४५ से अधिक बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने अपनी दैनिक दिन चरà¥à¤¯à¤¾ में संगीत साधना कर रहे है। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ संवरà¥à¤§à¤¨ हेतॠमिडिया से बातचीत में गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– डॉ पà¥à¤°à¤£à¤µ पंडà¥à¤¯à¤¾ ने कहा की शांतिकà¥à¤‚ज के इन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने कोरंटीन से चिंतित लोगों को नया सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया है।शारीरिक अथवा मानसिक कोई à¤à¥€ विकृति à¤à¤¸à¥€ नहीं जिसकी चिकितà¥à¤¸à¤¾ संगीत की सà¥à¤µà¤° लहरियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ न हो सके, यह बात बड़े-बड़े वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ तथा सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ ने विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के रोगियों पर, पागलखानों आदि में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करके सिदà¥à¤§ कर दिया है। उनका कहना है कि समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ शरीर में जो तनाव या विकृति पैदा होती है, उसका मूल आधार मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• के जà¥à¤žà¤¾à¤¨-तनà¥à¤¤à¥ हैं। संगीत से कानों पर लगी नैसरà¥à¤—िक à¤à¤¿à¤²à¥à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤®à¥à¤ªà¤¿à¤¤ होती है जो सीधा मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करती है। मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¥-तनà¥à¤¤à¥à¤“ं के सजग होने से समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ शरीर में चेतना दौड़ जाती है और शकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती है जिससे सरलता पूरà¥à¤µà¤• आरोगà¥à¤¯ लाठमिलने लगता है। संगीताà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ के समय चितà¥à¤¤ को न केवल विशà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ मिलती है वरनॠआतà¥à¤®à¤¿à¤• शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¥€ जागृत होती हैं। संगीत तीन उपविà¤à¤¾à¤—ों में विà¤à¤•à¥à¤¤ हैं। 1.गायन, 2.वादन और 3. नृतà¥à¤¯à¥¤ ये तीनों ही शरीर, मन और आतà¥à¤®à¤¾ को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करते हैं। गायन और वादन के सà¥à¤µà¤° कमà¥à¤ªà¤¨ विशेष रूप से पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करते हैं। सरà¥à¤ª, मोर, हिरण, कोयल आदि तक संगीत के सà¥à¤®à¤§à¥à¤° सà¥à¤µà¤° कमà¥à¤ªà¤¨à¥‹à¤‚ से मसà¥à¤¤ होकर सà¥à¤§-बà¥à¤§ खो बैठते हैं, मनà¥à¤·à¥à¤¯ पर उस की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का कहना ही कà¥à¤¯à¤¾à¥¤ साम-शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में तो इसे उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ और पà¥à¤°à¤²à¤¯ का à¤à¥€ कारण माना है। गायन à¤à¤• उचà¥à¤šà¤•à¥‹à¤Ÿà¤¿ का मृदॠवà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® है। कà¥à¤¶à¥à¤¤à¥€, दौड़ आदि से फेफड़ों की कà¤à¥€ मनà¥à¤¦ उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤¨à¤¾ उठती है जो हानिकारक à¤à¥€ हो सकती है। किनà¥à¤¤à¥ गाने से हलà¥à¤•à¥€-हलà¥à¤•à¥€ मालिश जैसी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ फेफड़ों में होती है, इससे रà¥à¤§à¤¿à¤° में पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विदà¥à¤¯à¥à¤¤ का अनà¥à¤ªà¤® संचार होने लगता है।