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पूरे देश में कुदरत का कहर, पहले जहां था सूखा, अब हैें बाढ़, हर जगह त्राहि-त्राहि, अब तक सैकड़ों मरे, अà¤


देश के जिन कुछ राज्यों में दो माह पहले तक सूखे की मार थी, वहां इन दिनों चारों ओर पानी ही पानी है। सूखे से जुझ रहे लोग अब पानी से परेशान होकर सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे हैं।

रिपोर्ट  - 

देश के जिन कुछ राज्यों में दो माह पहले तक सूखे की मार थी, वहां इन दिनों चारों ओर पानी ही पानी है। सूखे से जुझ रहे लोग अब पानी से परेशान होकर सुरक्षित स्थान की तलाश कर रहे हैं। सूखाग्रस्त राज्यों में सूखे से तो इतने लोगों की मौत नहीं हुई थी जितने लोग बारिश के कहर से अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं। बाढ़ के प्रकोप से अब तक इन राज्यों में अरबों रुपये का नुकसान हो चुका है। जलतड़ाव ने अब तक 250 लोगों की जान भी ले ली है। कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, बिहार जैसे राज्यों में बाढ़ के हालात गंभीर बने हुए हैं। इन राज्यों में अब तक 10 लाख से अधिक लोग राहत शिविरों में पहुंचाए जा चुके हैं। देश में कम से कम दस ऐसे क्षेत्र हैं, जहां प्रतिवर्ष बाढ़ का आना तय माना जाता है लेकिन अगर बाढ़ के कारण सारे देश में हाहाकार मचा हो तो इन क्षेत्रों में इस मौसम से कितना विनाश हुआ है इसको ठीक तरह से कल्पना कर पाना भी संभव नहीं है। पिछले कुछ दशकों के दौरान मध्य भारत जैसे क्षेत्र में भी रहने वाले लोग मूसलाधार बारिश और एकाएक बड़ी मात्रा में बारिश होने, बादल फटने की घटनाओं से परेशान हैं। इस साल गुजरात और राजस्थान में आई बाढ़ से अब तक करीब 80 लोगों की मौत हो चुकी है। गुजरात के मोरबी जिले के कल्याणपुर गांव में 17 बच्चों समेत 42 लोगों को पुलिसकर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। पुलिस के एक सिपाही पृथ्वीराज सिंह जडेजा ने अपने दोनों कंधे पर दो बच्चों को बिठाकर बाढ़ के पानी से पार निकाला। उनकी वो तस्वीर सोशल मीडिया पर छाई रही। पृथ्वीराज सिंह जडेजा की हर तरफ सराहना हो रही है। वीडियो वायरल होने पर मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने भी उन्हें फोन किया और उनके काम की सराहना की।

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