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स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मास्क बनाने में जुटी है। इन महिलाओं ने 8 हजार मास्क तैयार किये


कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। इन दिनों जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा एकीकृत आजीविकास सहयोग परियोजना के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मास्क बनाने में जुटी है। इन महिलाओं ने अभी तक लगभग 8 हजार मास्क तैयार कर लिए है और गांवों में इसका विपणन भी किया जा रहा है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 12 अप्रैल कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। इन दिनों जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा एकीकृत आजीविकास सहयोग परियोजना के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मास्क बनाने में जुटी है। इन महिलाओं ने अभी तक लगभग 8 हजार मास्क तैयार कर लिए है और गांवों में इसका विपणन भी किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बेहद जरूरी हुए मास्क की बाजारों में कमी बनी हुई है। जो मास्क मिल भी रहे है वो बहुत मंहगे है। आम आदमी को अच्छे और सस्ते दामों पर मास्क उपलब्ध हो इसके लिए प्रशासन सजग है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशों पर आईएलएसपी और एनआरएलएम के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से मास्क तैयार कराए जा रहे है। मास्क बनाने के लिए काॅटन का कपडा एवं जरूरी सामान की आपूर्ति हो सके इसके लिए डीएम ने अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए है। जिलाधिकारी ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता के मास्क बनाने पर इसके विपणन की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों से नाॅन मेडिकल पीपीई किट तैयार कराने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि कोेरोना संक्रमण रोकने में लगे सफाई कर्मी, पुलिस के जवान एवं अन्य कोरोना फायटर्स को नाॅन मेडिकल पीपीई किट दी जा सके। नाॅन मेडिकल पीपीई किट को धोकर फिर से उपयोग में लाया जा सकता है। जिले मे ंआईएलएसपी के तहत गठित सोलडुंग्री आजीविक स्वायत्त सहकारिता, गौरादेवी आजीविका स्वायत्त सहाकारिता कुलसारी, नन्दादेवी आजीविकास स्वायत्त सहाकारिता सुनला, माॅ राजराजेश्वरी स्वायत्त सहाकारिता, नागधरा एवं तुंगेश्वर स्वायत्त सहाकारिता की महिलाएं मास्क बनाने में जुटी है। आईएलएसपी से जुडी महिलाओं ने अभी तक 3 हजार मास्क बना लिए है। जबकि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित कालेश्वर स्वयं सहायता समूह एवं आरसेटी से प्रशिक्षण ले चुकी महिलाओ ने 4 हजार से ज्यादा मास्क बना लिए है। अभी तक इन समूहों ने लगभग 8 हजार मास्क तैयार कर लिए है। ये मास्क काॅटन के दो लेयर वाले है और धोकर फिर उपयोग में लाए जा सकते है। मास्क बनाने में जुटी महिलाओं ने अपने समूह की महिलाओं को जागरूक करने के लिए मास्क वितरित भी किए है। इसके अलावा थराली में इन महिलाओं ने कुछ मास्क पुलिस के कोरोना फाइटरर्स को भी बांटे। ग्रामीणों को भी एसएचजी से आसानी से मास्क उपलब्ध होने लगे है। जिलाधिकारी ने एसएचजी महिलाओं से अच्छी गुणवत्ता के मास्क तैयार कराने के लिए मुख्य विकास अधिकारी हंसा दत्त पांडे को जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने एसएचजी महिलाओं से तैयार किए गए मास्क की गुणवत्ता को परखने के लिए सैंपल के तौर पर पांच सौ करीब मास्क की डिमांड करने और सही गुणवत्ता पाए जाने पर आवश्यकता के अनुसार खरीद करने की बात कही है।

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