जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में जनपद हरिद्वार में आपदा प्रबन्धन के तहत आयोजित, बाढ़ रेस्क्यू विषय पर, जिला स्तरीय माॅक अभ्यास हेतु कोआर्डिनेशन मीटिंग एवं टेबुल टाॅप कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिद्वार: जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में जनपद हरिद्वार में आपदा प्रबन्धन के तहत आयोजित, बाढ़ रेस्क्यू विषय पर, जिला स्तरीय माॅक अभ्यास हेतु को आर्डिनेशन मीटिंग एवं टेबुल टाॅप कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में इंसीडेंट रिस्पांश सिस्टम विशेषज्ञ श्री बी0बी0 गणनायक ने आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 के तहत आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के अन्तर्गत इंसीडेंट रिस्पांश सिस्टम के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आपदा के समय किस अधिकारी की क्या भूमिका व जिम्मेदारी है, पूर्व में क्या-क्या तैयारियां करनी है, हमारी क्या व्यवस्था है, कहां लो लैण्ड है, मौसम की जानकारी, आपदा के समय प्रभावित व्यक्तियों को कैसे बचाना है तथा कैसे राहत सहायता उपलब्ध करानी है, तैनात टीमों का कैसे पर्यवेक्षण करना है, आपदा की स्थिति में सम्बन्धित टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजना तथा इंसीडेंट कमाण्डर के साथ समन्वय व संवाद बनाये रखना एवं क्रियान्वयन के माध्यम से रणनीतिक लक्ष्य को प्राप्त करना, योजना तैयार करना आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। इंसीडेंट रिस्पांश सिस्टम विशेषज्ञ श्री बी0बी0 गणनायक ने संभावित बाढ़ व जल भराव की स्थिति का जिक्र करते हुये कहा कि इस सम्बन्ध में हमारी पहले से ही तैयारी होनी चाहिये तथा यह तैयारी मानसून सत्र से पहले हो जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा के समय अगर कहीं पर ब्रिज टूट जाता है, तो ऐसी स्थिति में पहले से तैयारी के तहत हमारे पास जनपद के जितने भी ब्रिज हैं, उनकी क्षमता सहित पूरा विवरण होना चाहिये। इस पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जनपद के जितने भी ब्रिज हैं, उनकी जियो टैकिंग की जाती है तथा उनका पूरा रिकार्ड तैयार किया जाता है एवं प्रत्येक वर्ष मई एवं जून माह में यह सर्वे पूर्ण कर लिया जाता है।