सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीपà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द अवधूत आशà¥à¤°à¤® à¤à¥‚पतवाला में आयोजित बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीपà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ अवधूत महाराज के शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि समारोह के अवसर पर संत समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ को संबोधित करते हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कृषà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤‚द ने कहा कि सचà¥à¤šà¤¾ मितà¥à¤° वही है। जो गरीबी, अमीरी के फरà¥à¤• को नहीं देखता। à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने सà¥à¤¦à¤¾à¤®à¤¾ के साथ मितà¥à¤°à¤¤à¤¾ का अदà¥à¤à¥à¤¤ उदाहरण हमारे बीच पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है। हमें à¤à¥€ वैसा ही आचरण करना चाहिà¤à¥¤ जिसमें कà¤à¥€ किसी को छोटा या बडा होने का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ ना हो।
रिपोर्ट -
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 16 अगसà¥à¤¤à¥¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीपà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤‚द अवधूत आशà¥à¤°à¤® à¤à¥‚पतवाला में आयोजित बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीपà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ अवधूत महाराज के शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि समारोह के अवसर पर संत समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ को संबोधित करते हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कृषà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤‚द ने कहा कि सचà¥à¤šà¤¾ मितà¥à¤° वही है। जो गरीबी, अमीरी के फरà¥à¤• को नहीं देखता। à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने सà¥à¤¦à¤¾à¤®à¤¾ के साथ मितà¥à¤°à¤¤à¤¾ का अदà¥à¤à¥à¤¤ उदाहरण हमारे बीच पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है। हमें à¤à¥€ वैसा ही आचरण करना चाहिà¤à¥¤ जिसमें कà¤à¥€ किसी को छोटा या बडा होने का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ ना हो। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जो संतों की शरण में आ जाता है। गà¥à¤°à¥ की कृपा और मेहर से उसके सà¤à¥€ अवगà¥à¤£ मिट जाते हैं। गà¥à¤°à¥‚ कृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठहमें बार-बार सतगà¥à¤°à¥ के दरबार में जाना चाहिये। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीपà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ अवधूत महाराज ने जीवन परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ मानव सेवा में समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤µ से कारà¥à¤¯ किà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमेशा ही गौ, गंगा संरकà¥à¤·à¤£ का संदेश समाज को पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किया। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त विनोद गिरी महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीपà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ अवधूत महाराज तपसà¥à¤µà¥€ संत थे। उनके दिखाठमारà¥à¤— का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ कर मानव सेवा में अपना योगदान दें। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सचà¥à¤šà¥‡ संत हमेशा ही समाज को संदेश देने का काम करते हैं। सनातन परंपराओं का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करने में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीपà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ की जितनी पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा की जाठउतना कम है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ दिवस पर बोलते हà¥à¤ कहा कि अनेकों बलिदानों से देश को आजादी मिली। वीर शहीदों के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ में कोई कोर कसर नहीं होनी चाहिà¤à¥¤ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं में देश à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का जजà¥à¤¬à¤¾ हमेशा ही राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ की और अगà¥à¤°à¤¸à¤° करता है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीपà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ अवधूत महाराज के अधूरे कारà¥à¤¯à¥‹ को सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कृषà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ महाराज पूरा कर रहे हैं। म.म.सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिचेतनाननà¥à¤¦ महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीपà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ अवधूत महाराज तà¥à¤¯à¤¾à¤— और तपसà¥à¤¯à¤¾ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ थे। गौ और गंगा सेवा उनके जीवन का मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ था। सà¤à¥€ को उनके जीवन से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेते हà¥à¤ समाजसेवा के लिठसदैव ततà¥à¤ªà¤° रहना चाहिà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कृषà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ महाराज अपने गà¥à¤°à¥‚ के दिखाठमारà¥à¤— का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करते उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ किठगठसेवा पà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ªà¥‹à¤‚ को निरंतर आगे बà¥à¤¾ रहे हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिवलà¥à¤²à¤à¤¦à¤¾à¤¸ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि संत की वाणी ही समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करती है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दीपà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ अवधूत महाराज ने हमेशा ही सनातन परंपराओं को देश दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करने का काम किया। उनके जीवन से सà¤à¥€ को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ मिलती है। इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त साधनाननà¥à¤¦, महंत कमलदास, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अवधेशाननà¥à¤¦, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जगदीशाननà¥à¤¦, आचारà¥à¤¯ पारसमà¥à¤¨à¤¿, महंत मोहनसिंह, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ राजेंदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ओमसà¥à¤µà¤°à¥‚प, राजमाता आशा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ नितà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामसà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€, वनीत राणा, विदित शरà¥à¤®à¤¾, आकाश à¤à¤¾à¤Ÿà¥€, अनिरूदà¥à¤§ à¤à¤¾à¤Ÿà¥€, दीपांशॠविदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€, विनीत जौली आदि सहित सैकड़ों शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ मौजूद रहे।