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पूरा समाज जहां एक अजीब प्रकार के मनोवैज्ञानिक दबाव एवं निराशा में है


इस वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण काल में पूरा समाज जहां एक अजीब प्रकार के मनोवैज्ञानिक दबाव एवं निराशा में है ,वहीं इससे बच्चे भी अछूते नहीं हैं ।इसी मनोवैज्ञानिक दबाव से बच्चों को उबारने के लिए राजकीय बालिका इंटर कॉलेज किलकिलेश्वर, टिहरी गढ़वाल की प्रधानाचार्य डॉ मीना सेमवाल द्वारा एक नई पहल "प्रेरक संदेश माला "को प्रारंभ किया गया है ।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

इस वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण काल में पूरा समाज जहां एक अजीब प्रकार के मनोवैज्ञानिक दबाव एवं निराशा में है ,वहीं इससे बच्चे भी अछूते नहीं हैं ।इसी मनोवैज्ञानिक दबाव से बच्चों को उबारने के लिए राजकीय बालिका इंटर कॉलेज किलकिलेश्वर ,टिहरी गढ़वाल की प्रधानाचार्य डॉ मीना सेमवाल द्वारा एक नई पहल "प्रेरक संदेश माला "को प्रारंभ किया गया है । जिसके अंतर्गत विद्यालय की सभी छात्राओं को विभिन्न विशेषज्ञों के ऑडियो संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं । इस संदेश माला का पहला ऑडियो विद्यालय की प्रधानाचार्या द्वारा जारी किया गया । जिसमें उन्होंने बच्चों को स्वच्छता ,सरकारी निर्देशों का पालन करने तथा अपनी हॉबी के अनुसार कार्यों को करने के लिए प्रेरित किया। जिससे कि बच्चे मनोवैज्ञानिक रूप से प्रसन्न रह सकें ,साथ ही विद्यालय द्वारा चलाए जा रहे शैक्षिक कार्यक्रमों में सक्रिय प्रतिभाग करने के लिए भी निर्देशित किया । इसी कड़ी में आज कीर्ति नगर ब्लॉक के उप शिक्षा अधिकारी डॉ एस एस नेगी का संदेश छात्राओं को भेजा गया । जिसमें उन्होंने बच्चों को इस संकट की घड़ी में धैर्य, संयम और सामंजस्य के साथ जीने की आवश्यकता को समझाया । उन्होंने कहा कि मनुष्य सदैव से इस गलतफहमी में रहा कि वह ही सर्वोपरि है ।जबकि इस छोटे से अदृश्य वायरस ने उसे बौना बना दिया है तथा सारी दुनिया को घरों में कैद कर दिया है । उन्होंने बच्चों को प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीने के लिए प्रेरित किया । डॉ नेगी ने अपने संदेश में प्लास्टिक द्वीप का उदाहरण देते हुए प्लास्टिक के उपयोग के दुष्प्रभाव को बताया । उन्होंने कहा कि आपदा चाहे प्राकृतिक हो या मानव जनित हो प्रकृति स्पष्ट संदेश देती है । उन्होंने बच्चों को ग्रेटाथन व उत्तराखंड की रिद्धिमा पांडे का उदाहरण भी दिया जिससे बच्चे समाज में अपनी भूमिका को समझ सकें। छात्राओं एवं अभिभावकों द्वारा इस प्रयास को सराहा जा रहा है।

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