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एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का विषय था, "ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा के समक्ष चुनौतिया


जिसके मुख्य संरक्षण के रूप में पंजाब यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर राजकुमार जी के व्याख्यान के द्वारा इस वेबीनार प्रारंभ किया गया .उन्होंने कहा कि ज्वलंत विषय पर इस संकट की घड़ी में इस प्रकार के वेबीनार का आयोजन निश्चित रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा के समक्ष चुनौतियां उनके समाधान को प्रस्तुत करने का एक उपयुक्त मंच है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पंजाब विश्वविद्यालय के बाबा बलराज परिसर बलाचौर के द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय वेेेबिनार का आयोजन किया गया. एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का विषय था, "ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा के समक्ष चुनौतियां " जिसके मुख्य संरक्षण के रूप में पंजाब यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर राजकुमार जी के व्याख्यान के द्वारा इस वेबीनार प्रारंभ किया गया .उन्होंने कहा कि ज्वलंत विषय पर इस संकट की घड़ी में इस प्रकार के वेबीनार का आयोजन निश्चित रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा के समक्ष चुनौतियां उनके समाधान को प्रस्तुत करने का एक उपयुक्त मंच है इसकी समस्त कार्यवाही आने वाले समय में जो भी योजनाएं बनेगी उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं साथ ही उन्होंने इस वेबीनार में सामने आए सुझावों एवं चुनौतियों पर एक किताब प्रकाशित करवाने के लिए भी कहा है जो भविष्य में नीति निर्माताओं के काम आ सके, इस अवसर पर बाबा बलराज पंजाब यूनिवर्सिटी कांस्टीट्यूएंट कॉलेज बलाचौर के प्रिंसिपल डॉक्टर सुनील खोसला द्वारा वेबिनार के लिए चुने गए विषय "चैलेंजिस ऑफ ऑनलाइन एजुकेशन इन रूरल एरियाज" को बहुत उपयोगी और समय की आवश्यकता बताया. कुलपति प्रो राजकुमार ने इसके लिए डॉक्टर सुनील खोसला को बधाई भी दी कि इस संकट की घड़ी में इतने उपयुक्त विषय पर पंजाब यूनिवर्सिटी के किसी संस्थान द्वारा पहली बार इस प्रकार के राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया जो एक बहुत ही प्रशंसनीय कार्य.इस वेबिनार में 12 राज्यों के 26 यूनिवर्सिटी के प्रतिभागियों ने भाग लिया. जिसमें 266 प्रोफेसर , एसोसिएट प्रोफेसर शोधार्थियों,एवं छात्रों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में वीपी एस महिला विश्वविद्यालय सोनीपत, हरियाणा की वाइस चांसलर प्रोफेसर सुषमा यादव ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अभी हमारे देश में ऑनलाइन एजुकेशन के लिए संसाधनों के साथ-साथ खुली सोच की भी बहुत आवश्यकता है खासकर जहां तक महिला शिक्षा की बात आती है मोबाइल से या इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई को भी संदेह की दृष्टि से देखा जाता है जो कि समाज के लिए किसी रूप से सही नहीं है इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने संसाधनों को विकसित करने पर जोर देने की वकालत की. जिससे ऑनलाइन एजुकेशन को सुचारू बनाया जा सके, प्रोफेसर सरोज शर्मा गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्त यूनिवर्सिटी न्यू दिल्ली ने इस अवसर पर कहा कि आईटी को ऑनलाइन एजुकेशन के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने की बहुत ज्यादा आवश्यकता है साथ ही अध्यापकों और विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन से संबंधित वर्कशॉप करवाने तथा ट्रेनिंग संबंधी कार्य को कराने की बात भी कही. उन्होंने बताया कि भले ही वर्तमान में रेडियो, टेलीविजन,ई- पाठशाला, दीक्षा, स्वयं,स्वयंप्रभा, आदि अनेक प्लेटफार्म इस समय उपलब्ध है परंतु फिर भी अभी तक इस क्षेत्र में बहुत कुछ करने की आवश्यकता प्रोफेसर गोपाल कृष्ण ठाकुर हेड एवं डीन डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन केंद्रीय विश्वविद्यालय महाराष्ट्र ने बताया कि हमारे समक्ष ऑनलाइन शिक्षा खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी चुनौतियां है .भारत में शहरों में 44% और ग्रामीण इलाकों में मात्र 15% लोगों के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है फिर कैसे ऑनलाइन शिक्षा के प्रचार-प्रसार को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जा सके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह समस्याएं क्योंकि बाजारीकरण को भी प्रोत्साहन कर सकती हैं और शिक्षा का व्यवसायीकरण इससे बहुत सरल हो जाता है. जो कि भविष्य की बहुत बड़ी चुनौतियां हो सकती हैं. हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां 8 घंटे बिजली आती है वहां पर ऑनलाइन की शिक्षा किस प्रकार से प्रसारित की जा सकती है , प्रोफेसर हरीश पति डोभाल दून विश्वविद्यालय देहरादून ने बताया कि इंटरनेट की समस्या वर्तमान की सबसे बड़ी समस्या है क्योंकि तेज इंटरनेट और संसाधनों की कमी ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण चुनौती हैं इनसे पार पाए बिना ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा तब तक मुहैया करवाना संभव नहीं है हालांकि वर्तमान में बहुत कुछ इस क्षेत्र में कार्य हो रहा है परंतु अभी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है, प्रोफेसर सीमा धवन डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन हेमवती नंदन बहुगुणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी गढ़वाल श्रीनगर ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका इस वेबीनार में निभाई जिसमें संपूर्ण वेबीनार के निष्कर्ष का समायोजन करते हुए प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान का शिक्षक ऑनलाइन शिक्षा से भाग नहीं सकता यह समय की मांग भी है और जरूरत भी, भले ही यह हमें आज अचानक करना पड़ रहा है।

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