खेल एवं अन्य संबंधित गतिविधियों के अंतर्गत यूजेवीएन लिमिटेड के कार्मिकों की टीम द्वारा जनपद उत्तरकाशी में स्थित केदारकांठा चोटी तक ट्रैकिंग कर सफलतापूर्वक आरोहण किया गया। निगम के प्रबंध निदेशक श्री संदीप सिंघल ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि पर्यटन, खेल एवं साहसिक गतिविधियों के क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य की एक अलग पहचान रही है तथा इन गतिविधियों में प्रतिभाग से निगम कार्मिक शारीरिक एवं मानसिक रूप से सुदृढ़ होंगे जिससे उनकी कार्यक्षमता में निश्चित ही बढ़ोत्तरी होगी।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
खेल एवं अन्य संबंधित गतिविधियों के अंतर्गत यूजेवीएन लिमिटेड के कार्मिकों की टीम द्वारा जनपद उत्तरकाशी में स्थित केदारकांठा चोटी तक ट्रैकिंग कर सफलतापूर्वक आरोहण किया गया। निगम के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि पर्यटन, खेल एवं साहसिक गतिविधियों के क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य की एक अलग पहचान रही है तथा इन गतिविधियों में प्रतिभाग से निगम कार्मिक शारीरिक एवं मानसिक रूप से सुदृढ़ होंगे जिससे उनकी कार्यक्षमता में निश्चित ही बढ़ोत्तरी होगी। संदीप सिंघल ने बताया कि केदारकांठा आरोहण करने वाली टीम में हर आयु वर्ग के कार्मिकों को शामिल किया गया था जो तय समय में सफलतापूर्वक केदारकांठा आरोहण कर न सिर्फ यूजेवीएन लिमिटेड बल्कि अन्य विभागों के कार्मिकों के लिए भी प्रेरणास्रोत बने। केदारकांठा आरोहण के इस अभियान में यूजेवीएन लिमिटेड केविमल डबराल, जी.बी. थपलियाल, डी.एस.नेगी, लविश सैनी, सोहनलाल शर्मा, श्री जयवीर तड़ियाल, प्रशांत बिष्ट, सुशील नेगी एवं हिमांशु तिवारी शामिल रहे। अभियान के बारे में बताते हुए निगम के जनसंपर्क अधिकारी विमल डबराल ने बताया कि यूजेवीएन लिमिटेड के बैनरतले गई टीम के सदस्यों ने केदारकांठा चोटी पर पहुंचकर राष्ट्रीय झंडा तिरंगा भी फहराया। श्री विमल डबराल ने बताया कि 12500 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारकांठा चोटी एवं ट्रैक उत्तराखंड आनेवाले साहसिक खेलों के शौकीन सैलानियों के पसंदीदा स्थलों में से एक है। केदारकांठा बेस कैंप के बाद की अंतिम 4 किलोमीटर की चढ़ाई रोमांचकारी होने के साथ ही कठिन एवं चुनौतीपूर्ण भी है। यह मार्ग खड़ी चढ़ाई वाला एवं पूर्ण रूप से हिमाच्छादित है। निगम की टीम द्वारा इस प्रकार का यह पहला प्रयास था जोकि सफल रहा। टीम का उद्देश्य कार्मिकों के साथ साथ आमजन में राज्य के प्राकृतिक एवं पर्यटन स्थलों के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ ही खेल एवं साहसिक गतिविधियों में प्रतिभाग हेतु प्रोत्साहित करना भी था।