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देवप्रयाग में तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड बैठक का काली पट्टी बांधकर किया विरोध


पौड़ी देवप्रयाग,लॉक डाउन मे देवस्थानम बोर्ड की बैठक किये जाने पर तीर्थपुरोहितों व हक हकूकधारियों ने श्राद्ध गुफा के सामने सोसल डि स्टेश और हाथों में काली पट्टी बाँध कर कडा विरोध जताया है। उन्होंने कहा की जब सभी तरह के धार्मिक स्थलो मे जाने व धार्मिक बैठको पर रोक है तो देवस्थानम बोर्ड की बैठक का औचित्य क्या है।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤œà¥‡à¤¶ भट्ट

देवप्रयाग,लॉक डाउन मे देवस्थानम बोर्ड की बैठक किये जाने पर तीर्थपुरोहितों व हक हकूकधारियों ने श्राद्ध गुफा के सामने सोसल डि स्टेश और हाथों में काली पट्टी बाँध कर कडा विरोध जताया है। उन्होंने कहा की जब सभी तरह के धार्मिक स्थलो मे जाने व धार्मिक बैठको पर रोक है तो देवस्थानम बोर्ड की बैठक का औचित्य क्या है। गौरतलब है कि सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड के गठन के बाद चारधामो सहित 51 मंदिरों को अधिग्रहत करने के बाद देवस्थानम बोर्ड की पहली बैठक शुक्रवार को आयोजित की जा रही थी। जिस पर तीर्थपुरोहित व हक हकूकधारी ने इसको कला दिवस मनाने का निर्णय लिया था। शुक्रवार को बद्रीनाथ धाम और चारधाम तीर्थपुरोहित हक हक्कुधारी महापंचायत ने इसका विरोध करते हुये संगम स्थल पर हाथों में विरोधी तख्तियों और हाथ मे काला कपड़ा बांधकर इसका विरोध किया। महा पंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि लॉक डाउन का लाभ उठाकर उत्तराखण्ड सरकार यहाँ के चार धामो व 51 मंदिरो को कब्जे मे लेकर इनकी संपति आदि को हडपना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जिस प्रकार से बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने के दिन बदलकर ये दिखा दिया है कि वह किस तरह से धार्मिक परम्पराओ को तोड़ रही है। पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकार के आधीन बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिरों के गर्भगृह की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। जबकि इन मंदिरों में तस्वीर लेना सख्त मना है। उन्होंने कहा कि कभी तक बोर्ड का समुचित गठन नही हुआ है। गरीब तीर्थपुरोहित राज्यो के अनेक जगह फसे है। चारोधामो में तीर्थ पुरोहितों के बर्फबारी से टूटे हुये है इन बातों पर सरकार आँख मुद्दे हुयी है। सभी तीर्थ पुरोहित आर्थिक स्थिति खराब है। और सरकार इन पर ध्यान न देकर बोर्ड की बैठक कर रही है। बद्रीश पंडा पंचायत के कोषाध्यक्ष और चारधाम महापंचयत के सचिव श्यामलाल पंचपुरी ने कहा कि सरकार का ध्यान गरीब जनता की मद्दत के बजाय मठ मंदिरों की समाप्ति पर लगा हुआ है। पर उन पुरोहितों पर नही जिन्होंने पूरे भारतवर्ष में जाकर इन धामो की महिमाह को हर व्यक्ति तक पहुचाया। उन्होंने सरकार से इस बोर्ड को भंग करने की मांग की। इस मौके पर पूर्व नगर अध्यक्ष शुभांगी कोटियाल, नगरकांग्रेस अध्यक्ष त्रिलोक रावत, राजेन्द्र त्रिपाठी, सुभाष ध्यानी, भाषी कोटियाल, राहुल, लक्की भट्ट, प्रवीण , कैलाश जोशी, विनोद बडोला, संजय ,राहुल, अजय डंगवाल,दीपिका आदि मौजूद थी।

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