लाल कà¥à¤†à¤‚ (नैनीताल) 30 मई को हिंदी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ दिवस है 30 मई 1826 को पंडित यà¥à¤—ल किशोर शà¥à¤•à¥à¤² दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोलकाता से सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• समाचार पतà¥à¤° उदंत मारà¥à¤¤à¤‚ड का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ किया गया उसी दिन से 30 मई पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ के लिठà¤à¤• आदरà¥à¤¶ दिवस के रूप में जाना जाने लगा जिसे हम हिंदी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ दिवस के नाम से जानते हैं बात अगर 1826 की हो तो अंदाजा लगाया जा सकता है।
रिपोर्ट - अजय उपà¥à¤°à¥‡à¤¤à¥€
लाल कà¥à¤†à¤‚ (नैनीताल) 30 मई को हिंदी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ दिवस है 30 मई 1826 को पंडित यà¥à¤—ल किशोर शà¥à¤•à¥à¤² दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोलकाता से सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• समाचार पतà¥à¤° उदंत मारà¥à¤¤à¤‚ड का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ किया गया उसी दिन से 30 मई पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ के लिठà¤à¤• आदरà¥à¤¶ दिवस के रूप में जाना जाने लगा जिसे हम हिंदी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ दिवस के नाम से जानते हैं बात अगर 1826 की हो तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश की आजादी से 121 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ विषम परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में जब अखबार का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ किया गया होगा तो यह कितना बड़ा जटिल कारà¥à¤¯ रहा होगा इसका अंदाजा लगाना संà¤à¤µ नहीं है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ कà¤à¥€ à¤à¥€ अतीत की ओर à¤à¤¾à¤‚कने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ नहीं करता है जबकि सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ यह है कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¥€ अतीत का हिसà¥à¤¸à¤¾ होता है और जिसे हम à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ कहते हैं वह à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ नहीं वरन कालचकà¥à¤° का à¤à¤• पायदान होता है उस पायदान पर पहà¥à¤‚च कर वह पहले वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ और बाद में अतीत का हिसà¥à¤¸à¤¾ हो जाता है à¤à¤¸à¥‡ में जरूरी हो जाता है कि हम वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ की परिधि में जीते हà¥à¤ अतीत की धरोहरों को याद करें पंडित यà¥à¤—ल किशोर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जब 1826 में उदंत मारà¥à¤¤à¤‚ड नाम के अखबार का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ किया गया होगा ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ कितनी जटिल रही होंगी इसे समà¤à¤¾ जा सकता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि तब आज की तरह परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ संसाधन नहीं थे और आज की तरह उस दौर की पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का सà¥à¤µà¤°à¥‚प वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• à¤à¥€ नहीं था आज पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ जगत ने à¤à¤• उदà¥à¤¯à¥‹à¤— का रूप ले लिया है देश को आजादी दिलाने में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ की à¤à¥‚मिका को सराहनीय माना जाता है तबके कलमकारों ने अपनी लेखनी के माधà¥à¤¯à¤® से लोगों के अंदर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤® का जजà¥à¤¬à¤¾ पैदा किया और à¤à¤• विचार कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति का शंखनाद कर लोगों को अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ हà¥à¤•à¥‚मत के खिलाफ à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ किया पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° को समाज में à¤à¤• आदरà¥à¤¶ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के रूप में समà¥à¤®à¤¾à¤¨ दिया जाता था और पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ के योगदान को देखते हà¥à¤ समाज ने इसे लोकतंतà¥à¤° के चौथे सà¥à¤¤à¤‚ठके रूप में परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ किया लेकिन वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में संसाधनों की उपलबà¥à¤§à¤¤à¤¾ होने के अलावा पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ à¤à¤• वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ का à¤à¥€ रूप ले चà¥à¤•à¥€ है इस दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से हम कह सकते हैं कि पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ बहà¥à¤¤ बड़े संघरà¥à¤· अथवा कठिन दौर से दूर हो चà¥à¤•à¥€ है à¤à¤¸à¥‡ में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ लोगों का यह नैतिक करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ बन जाता है कि वह समाज में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के समाधान में अपनी अगà¥à¤°à¤£à¥€ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤à¤‚ और अपने दायितà¥à¤µà¥‹à¤‚ का कà¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾ पूरà¥à¤µà¤• निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करते हà¥à¤ समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करें लेकिन इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के लोगों की à¤à¥€ बाढ़ सी आ गई है जो पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का दामन सिरà¥à¤« और सिरà¥à¤« बà¥à¤²à¥ˆà¤• मेलिंग के लिठओढ़ते हैं अकà¥à¤¸à¤° पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के किसी मामले में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त रूप से शामिल होने की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ होती है और सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ सिदà¥à¤§à¤¿ नहीं होने पर यह लोग पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का उपयोग गलत तरीके से करने लगते हैं बà¥à¤²à¥ˆà¤• मेलिंग के नà¤-नठफंडे इनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इजाद किठजाते हैं किसी à¤à¥€ इंसान पर कीचड़ उछाल देना इनकी फितरत में शामिल होता है यदि किसी ने इनकी डिमांड पूरी कर दी तो उस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के अंदर यदि तमाम अवगà¥à¤£ à¤à¥€ हो तो इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उसके दोष नहीं दिखाई देते और यदि कोई इनकी डिमांड पूरी न करें तो गà¥à¤£à¤µà¤¾à¤¨ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ इनकी नजर में गà¥à¤¨à¤¹à¤—ार बन जाता है पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ को पथ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤• कहा जाता था और à¤à¤• पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की बात का समाज पूरी निषà¥à¤ ा के साथ पालन करता था विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ करता था यदि कोई बात पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ के माधà¥à¤¯à¤® से समाज में आ गई तो उस पर मà¥à¤¹à¤° लग जाती थी लेकिन आज à¤à¤¸à¤¾ नहीं है आज पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ की विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ तथाकथित बà¥à¤²à¥ˆà¤•à¤®à¥‡à¤²à¤°à¥‹à¤‚ की वजह से समापà¥à¤¤ होने लगी है खबरों पर लोग चरà¥à¤šà¤¾ करने लगते हैं कि कà¥à¤¯à¤¾ यह खबर सच होगी à¤à¤¸à¥‡ में जरूरी हो जाता है कि हम हिंदी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ दिवस के उपलकà¥à¤·à¥à¤¯ में यह संकलà¥à¤ª लें कि जिन आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ ,मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और गौरवशाली परंपराओं के हम वाहक बने हैं उसका पूरी निषà¥à¤ ा और ईमानदारी के साथ पालन किया जाठलोग पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ को पथ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤• कहे पथ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿ ना कहें जो लोग पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ का दामन बà¥à¤²à¥ˆà¤• मेलिंग के लिठओढ़ते हैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ विशेषकर हिंदी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ दिवस के दिन यह संकलà¥à¤ª लेना चाहिठकि जो हà¥à¤† सो हà¥à¤† तमाम बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को दूर करते हà¥à¤ अचà¥à¤›à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ करें और समाज में अपनी खोई हà¥à¤ˆ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा को फिर से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करें।