काशी को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ की नगरी के रूप में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने में अनेक महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ सहित à¤à¤—वतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ आदि शंकराचारà¥à¤¯ से लेकर अब तक के अनेक शंकराचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का योगदान रहा है पर अब जिस तरह से निरनà¥à¤¤à¤° आदि शंकराचारà¥à¤¯ जी के जीवन और उनकी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं से जà¥à¤¡à¥€ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को यहाठसे मिटाया जा रहा है उसे देखकर यही लगता है कि पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शंकराचारà¥à¤¯ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ और सनातन धरà¥à¤® को समापà¥à¤¤ करने का षडà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° किया जा रहा है।
रिपोर्ट - आल नà¥à¤¯à¥‚ज़ à¤à¤¾à¤°à¤¤
वाराणसी 2 जून काशी को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ की नगरी के रूप में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने में अनेक महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ सहित à¤à¤—वतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ आदि शंकराचारà¥à¤¯ से लेकर अब तक के अनेक शंकराचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का योगदान रहा है पर अब जिस तरह से निरनà¥à¤¤à¤° आदि शंकराचारà¥à¤¯ जी के जीवन और उनकी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं से जà¥à¤¡à¥€ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को यहाठसे मिटाया जा रहा है उसे देखकर यही लगता है कि पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शंकराचारà¥à¤¯ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ और सनातन धरà¥à¤® को समापà¥à¤¤ करने का षडà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° किया जा रहा है। इससे हम शंकराचारà¥à¤¯ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ और सनातन धरà¥à¤® के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ मन अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ आहत है। उकà¥à¤¤ उदà¥à¤§à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¶à¥à¤°à¥€à¤ƒ अविमà¥à¤•à¥à¤¤à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤ƒ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने काशी के सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ फाटक पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ आदि शंकराचारà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ देवी सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ के मनà¥à¤¦à¤¿à¤° को तोडने और उन की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ को पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कल गंगा दशहरा के दिन हटा दिठजाने पर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ धाम के सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¥€à¤•à¤°à¤£ के नाम पर चलाठजा रहे मनà¥à¤¦à¤¿à¤° विधà¥à¤µà¤‚स के कà¥à¤°à¤® में कल आदि शंकराचारà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ देवी सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° को तोड दिया गया और मूरà¥à¤¤à¤¿ को अपने मूल सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से हटा दिया गया है जो कि सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ है। इसके पहले à¤à¥€ कई मनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¥‹à¤‚ और मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को नषà¥à¤Ÿ किया गया जो अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि काशी विदà¥à¤µà¤¤à¥ परिषदॠदà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जिस शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤•à¥à¤¤ चालन पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ का हवाला देते हà¥à¤ मूरà¥à¤¤à¤¿ का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ किया जा रहा है वह चालन पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ मूरà¥à¤¤à¤¿ के खणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ होने पर अथवा मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के जीरà¥à¤£ शीरà¥à¤£ होने की दशा में जीरà¥à¤£à¥‹à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤° के संकलà¥à¤ª पर ही लागू हो सकती है। जबकि वहाठमनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¥‹à¤‚ का जीरà¥à¤£à¥‹à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤° नहीं अपितॠकà¥à¤› अनà¥à¤¯ नया निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हो रहा है। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° बिना बीमारी की दशा को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ औषधि लेना निषिदà¥à¤§ है उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° बिना जीरà¥à¤£à¤¤à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ ही मनà¥à¤¦à¤¿à¤° तोडकर मूरà¥à¤¤à¤¿ का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ करना à¤à¥€ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में निषिदà¥à¤§ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि इससे पहले à¤à¥€ à¤à¤—वतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ आदि शंकराचारà¥à¤¯ जी के शिषà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ मणà¥à¤¡à¤¨ मिशà¥à¤° जी (जो बाद में शंकराचारà¥à¤¯ जी से शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥ कर सà¥à¤°à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ नाम से विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ हà¥à¤ थे और दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤•à¤¾ पीठके पà¥à¤°à¤¥à¤® शंकराचारà¥à¤¯ बने थे) की मूरà¥à¤¤à¤¿ को खणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ कर दिया गया था। और काशी के परंपरा के अननà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ जी को उनके घर और मंदिर को गिरा कर अनà¥à¤¯à¤¤à¥à¤° जाने को मजबूर किया गया था। इस धकà¥à¤•à¥‡ को वह नहीं सके और उनका शरीर छूट गया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आशंका जताते हà¥à¤ कहा कि काशी में à¤à¤—वतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ शंकराचारà¥à¤¯ जी आठथे और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस नगरी में रहकर साधना की और सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ लहरी और चरà¥à¤ªà¤Ÿ पञà¥à¤œà¤°à¤¿à¤•à¤¾ जैसे महानॠसà¥à¤¤à¥‹à¤¤à¥à¤° की रचना की थी और पूरे संसार को अदà¥à¤µà¥ˆà¤¤ का सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त देकर à¤à¤•à¤¤à¤¾ के सूतà¥à¤° में पिरोने का सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया था। à¤à¤¸à¥€ महानॠविà¤à¥‚ति की उपेकà¥à¤·à¤¾ कर उनसे जà¥à¤¡à¥€ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को हटाया जाना और सनातन धरà¥à¤® के आसà¥à¤¥à¤¾ केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिरों यहां तक कि पौराणिक मंदिरों को à¤à¥€ और उनके अंदर की मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ तोड़ कर फेंक देना अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¶à¥à¤°à¥€à¤ƒ ने यह à¤à¥€ कहा कि जो लोग यह कह रहे हैं कि यह मनà¥à¤¦à¤¿à¤° इसलिठतोड़े जा रहे हैं कि इनको पà¥à¤¨à¤ƒ नया बनाया जाà¤à¤—ा उस पर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं किया जा सकता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसके पहले काशी विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में जब तारकेशà¥à¤µà¤° मनà¥à¤¦à¤¿à¤° और रानी à¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° तोड़े जा रहे थे उस समय à¤à¥€ विरोध किया गया था तब विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने लिखित दिया था कि हम यहाठपर जो मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¥… तोड़ी गई हैं उनको पà¥à¤¨à¤ƒ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करेंगे । 203 मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की सूची बनाकर लिखित रूप से सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया गया था लेकिन आज तक उन मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤¨à¤ƒ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ नहीं किया गया । यही नहीं कà¥à¤› दिन पहले काशी विदà¥à¤µà¤¤à¥ परिषद के लोगों के हवाले से यह वकà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ आया था कि काशी खणà¥à¤¡à¥‹à¤•à¥à¤¤ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° नहीं तोड़े जाà¤à¤‚गे लेकिन आखिर तोड़े ही गठ। इसलिठविशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के कहे पर सनातनियों को अब à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ नहीं रहा।