जिनà¥à¤¹à¥‡ à¤à¤•à¥à¤¤à¤œà¤¨ "चà¥à¤¨à¤°à¥€ वाले माताजी" के नाम से à¤à¥€ जानते थे, महाराज जी अरवलà¥à¤²à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥€à¤ अंबाजी के निकट गबà¥à¤¬à¤° परà¥à¤µà¤¤ की तलहटी में रहते थे । आधà¥à¤¨à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और नासà¥à¤¤à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ के लिठअबूठपहेली बन चà¥à¤•à¥‡ बाबा ने आखिर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ छोड़कर जाने का फैसला कर लिया. बाबा ने सिरà¥à¤« 10 साल की आयॠमें ही घर छोड़कर सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ गà¥à¤°à¤¹à¤£ कर लिया था.
रिपोर्ट - ALL NEWS BHARAT
80 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से बिना à¤à¥‹à¤œà¤¨ और बिना à¤à¤• बूंद पानी पीये.... ही जीवित रहने वाले, संत पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦ जानी आज बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ हो गà¤.... जिनà¥à¤¹à¥‡ à¤à¤•à¥à¤¤à¤œà¤¨ "चà¥à¤¨à¤°à¥€ वाले माताजी" के नाम से à¤à¥€ जानते थे, महाराज जी अरवलà¥à¤²à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥€à¤ अंबाजी के निकट गबà¥à¤¬à¤° परà¥à¤µà¤¤ की तलहटी में रहते थे । आधà¥à¤¨à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और नासà¥à¤¤à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ के लिठअबूठपहेली बन चà¥à¤•à¥‡ बाबा ने आखिर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ छोड़कर जाने का फैसला कर लिया. बाबा ने सिरà¥à¤« 10 साल की आयॠमें ही घर छोड़कर सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ गà¥à¤°à¤¹à¤£ कर लिया था.और à¤à¤—वती अंबाजी के साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¤•à¤¾à¤° होने के बाद अनà¥à¤¨ और जल का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर दिया था । बाबा के कई मेडिकल टेसà¥à¤Ÿ à¤à¥€ हà¥à¤ थे.. देश की जानी-मानी संसà¥à¤¥à¤¾ डीआरडीओ के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ की टीम ने सीसीटीवी कैमरे की नजर में 15 दिनों तक 24 घंटे नजर में रखा। यहां तक की उनके आशà¥à¤°à¤® के पेड़-पौधों का à¤à¥€ टेसà¥à¤Ÿ किया। लेकिन इन सबका कà¥à¤› नतीजा नहीं निकल सका। इसे पूरी तरह से डिसà¥à¤•à¤µà¤°à¥€ चैनल पर à¤à¥€ दिखाया गया था.. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कोई à¤à¥€ डॉकà¥à¤Ÿà¤° और वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• ये मानने को तैयार ही नहीं था. वैसे बाबा ने अपने योगबल से सूरà¥à¤¯ की रोशनी को आहार बनाया था. इसके लिठवो हर दिन छत पर जाते और आंखें बंद करके योग के जरिये सूरà¥à¤¯ की रोशनी से जरूरी ततà¥à¤µ साà¤à¤¸à¥‹à¤‚ के जरिये लेते थे. इनका कहना था कि हवा में और रोशनी में बहà¥à¤¤ सारे ततà¥à¤µ मौजूद होते हैं. पर हम इसे सिरà¥à¤« सांस लेने वाले ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ ही समà¤à¤¤à¥‡ हैं. हालांकि ये बहà¥à¤¤ लंबे और कठिन अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ के बाद ही समà¥à¤à¤µ होता है।।