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उत्तराखंड में मंदिर तो खुले परंतु भक्तों की नहीं जुटी भीड़


उत्तराखंड के मठ मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोले गए परंतु 4 दिन बाद भी मंदिरों में भक्तों की भीड़ नहीं जुटी कोरोना संक्रमण से लोगों में अभी बहुत डर बैठा हुआ है जिस कारण भक्त मंदिर खुलने के बावजूद भी मामूनी तादाद में मंदिरों में भगवान के दर्शन करने के लिए आए

रिपोर्ट  - ALL NEWS BHARAT

बदला बदला स्वरूप नजर आ रहा था मठ और मंदिरों का श्रद्धालुओं के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था कोरोना का भय देहरादून उत्तराखंड के मठ मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोले गए परंतु 4 दिन बाद भी मंदिरों में भक्तों की भीड़ नहीं जुटी कोरोना संक्रमण से लोगों में अभी बहुत डर बैठा हुआ है जिस कारण भक्त मंदिर खुलने के बावजूद भी मामूनी तादाद में मंदिरों में भगवान के दर्शन करने के लिए आए 22 मार्च से पहले मंदिरों में लोगों के आने का जो तरीका था वह आज बिल्कुल बदला हुआ था मंदिरों का माहौल बिल्कुल बदला हुआ था लोग मंदिरों में केवल गंगाजल का पात्र लेकर आ रहे थे ना उनके हाथ में फूल थे नहीं धूप और दीप बल्कि मुंह में मास्क लगे हुए थे और हाथ में सैनिटाइजर की बोतल भी ले रखी थी और श्रद्धालुओं के चेहरे पर जहां भगवान के दर्शन करने की संतुष्टि थी वही उनके चेहरों पर कोरोना संक्रमण का भय भी साफ झलक रहा था अक्सर मंदिर की लाइन में भीड़ भाड़ में एक दूसरे से सटकर चलने वाले श्रद्धालु आज एक दूसरे से चार पांच फीट की दूरी बनाकर चल रहे थे 22 मार्च से कोरोना संकट के कारण सभी मंदिर और मठ बंद कर दिए गए थे केंद्र सरकार के निर्देश के बाद आज मठ मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गए परंतु श्रद्धालु बहुत कम संख्या में मंदिरों में और गंगा घाट में दर्शनार्थ आए अभी लोगों में कोरोना का भय व्याप्त है हरिद्वार में शिव की ससुराल कनखल में प्राचीन दक्षेश्वर महादेव मंदिर ,हर की पैड़ी ,माया देवी मंदिर ,शीतला माता मंदिर ,तारा देवी मंदिर , मनसा देवी मंदिर चंडी देवी मंदिर देहरादून का टपकेश्वर महादेव मंदिर ऋषिकेश का वीरभद्र महादेव मंदिर देवप्रयाग का संगम तट और हर की पैड़ी हरिद्वार का गंगा तट गर्मियों के सीजन में पिछले साल खचाखच भरा हुआ था और पिछले साल उत्तराखंड के चारों धामों यमुनोत्री गंगोत्री बद्रीनाथ केदारनाथ में तीर्थयात्री करीब 30 लाख के लगभग आए थे जो एक रिकॉर्ड था जबकि इस बार कोरोना संकट के कारण पहले तो उत्तराखंड के चारों धामों समेत सभी मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे और जब आज सोमवार को यह मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खुले तो श्रद्धालु बहुत कम तादाद में आए तीर्थ नगरी हरिद्वार में विभिन्न मंदिर तथा कनखल सती स्थित सिखों के तीसरे गुरु गुरु अमरदास का ऐतिहासिक गुरुद्वारा आम जनता के लिए खोला गया इस अवसर पर अरदास की गई वही दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सबसे पहले प्रातः कालीन आरती की गई और भोलेनाथ के मंदिर को गंगा जल से धोया गया और मंदिरों में आने से पहले श्रद्धालुओं को गंगा स्नान करने के लिए कहा गया और उनका बुखार नापा गया तथा उन्हें सैनिटाइजर लगाया गया साथ ही हर श्रद्धालु को मास्क पहनकर मंदिर में आने की इजाजत दी गई और सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा गया एक बार में मंदिर के गर्भ गृह में दो-तीन से ज्यादा श्रद्धालुओं को इजाजत नहीं दी गई और केवल गंगाजल चढ़ाने की अनुमति शिवलिंग पर प्रदान की गई सभी श्रद्धालु सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए मुंह में मास्क बांधकर मंदिर में आए मंदिर के पुजारियों और महंतों ने भी मुंह में मास्क बांध रखे थे श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को खोले जाने के फैसले का हम स्वागत करते हैं और उनका आभार जताते हैं उन्होंने कहा कि मंदिर में जो भी भक्त है वह केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करें उन्होंने कहा कि मंदिर खोले जाने का फायदा तब होगा जब अन्य राज्यों से लोगों को आने की अनुमति देवभूमि उत्तराखंड और तीर्थ नगरी हरिद्वार में दी जाएगी जब श्रद्धालु और पर्यटक हरिद्वार और उत्तराखंड आएंगे क्योंकि उत्तराखंड का सारा आर्थिक आधार और धार्मिक आधार श्रद्धालुओं से जुड़ा हुआ है उन्होंने कहा कि आज पहले दिन श्रद्धालु बहुत कम तादाद में आए महन्त रविंद्र पुरी महाराज ने कार्तिकेय मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना की और पूरे देश और दुनिया को कोरोनावायरस मुक्त करने की प्रार्थना की उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि जल्दी ही कोरोनावायरस से दुनिया को छुटकारा मिलेगा और लोग स्वस्थ रहेंगे इसी तरह हर की पैड़ी पर भी गंगा आरती की गई श्रद्धालु भगवत शरण अग्रवाल का कहना है कि इतने दिनों बाद उन्हें मंदिर के दर्शन करने को मिल रहे हैं और भोले बाबा के शिवलिंग में जल चढ़ाने का मौका मिला लोगों ने भगवान से कोरोना महामारी को जल्दी ही खत्म करने की प्रार्थना की ताकि विश्व के सभी लोग स्वस्थ रहे कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी महन्त विश्वेश्वर पुरी महाराज ने कहा कि मंदिर के कपाट खोले जाने के समय और मंदिर में भक्तों के आने के समय सभी नियमों का पालन किया जाएगा और लोगों को केवल गंगाजल चढ़ाने की अनुमति दी गई है मंदिर सुबह 7 बजे से शाम 7बजे तक आम श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे कनखल स्थित सिखों के तीसरे गुरु गुरु अमरदास के गुरुद्वारे एवं तप स्थान पीजी पातशाही गुरु अमरदास कनखल में पहले अरदास की गई उसके बाद आम भक्तों के लिए गुरुद्वारे के द्वार खोले गए ज्ञानी ग्रंथी सरदार देविंदर सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की अरदास की और दुनिया को कोरोना संकट से बचाने के लिए अरदास की श्री गंगा सभा हरकी की पैड़ी हरिद्वार के सभापति कृष्ण कुमार ठेकेदार ,अध्यक्ष पंडित प्रदीप झा एवं महामंत्री तन्मय वशिष्ट ने कहा कि हर की पैड़ी में आज गंगा स्नान और आरती के दर्शन करने के लिए आम श्रद्धालु आ सकेंगे और आज कम संख्या में लोग आए और उन्होंने गंगा स्नान किया हर की पैड़ी पर गंगा सभा ने केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी इंतजाम किए गए हैं निर्मल पंचायती अखाड़े के श्री महन्त ज्ञानदेव सिंह शास्त्री वेदांत आचार्य महाराज ने कहा कि भक्त भगवान को श्रद्धा से पूछते हैं तभी तो आज धर्म नगरी हरिद्वार में मंदिरों के कपाट खुलते ही श्रद्धालु अपने भगवान के दर्शन करने पहुंच गए और इसे श्रद्धा ही कहेंगे की भक्त अपने भगवान को भी इस भयानक महामारी से बचाने के लिए माक्स पहनाए और साथ ही मंदिरों को सेनीटाइज भी किया गया

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