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हरिद्वार, रूड़की, लक्सर, भगवानपुर तथा सिटी मजिस्ट्रेट हरिद्वार को कुल 168 प्रकरण प्रेषित किये


मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन की अध्यक्षता में शनिवार को विकास भवन रोशनाबाद के सभागार में उत्तराखण्ड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि के वितरण के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक आयोजित हुई।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार: मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन की अध्यक्षता में शनिवार को विकास भवन रोशनाबाद के सभागार में उत्तराखण्ड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि के वितरण के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी को एआरटीओ सुश्री रश्मि पन्त ने बताया कि उत्तराखण्ड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि(संशोधन नियमावली-2023)के अन्तर्गत सार्वजनिक परिवहन यान से दुर्घटना होने की स्थिति में मृतक एवं घायलों को नियमानुसार दुर्घटना राहत निधि का वितरण किये जाने का प्राविधान है, जिसके क्रम में वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक के हरिद्वार, रूड़की, लक्सर, भगवानपुर तथा सिटी मजिस्ट्रेट हरिद्वार को कुल 168 प्रकरण प्रेषित किये गये, जिनमें से 96 प्रकरण लम्बित की श्रेणी मंे हैं। इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो जांच सबसे पुरानी है, उसका निस्तारण सबसे पहले करना सुनिश्चित करें। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा यह पूछे जाने पर कि वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में पूर्व वर्षों में घटित घटनाओं के प्रकरणों में कितनी धनराशि वितरित की गयी। इस पर अधिकारियों ने बताया कि पूर्व वर्षों में घटित 37 प्रकरणों में मृतक के परिजनों तथा घायलों को 43.20 लाख रूपये की राहत राशि का वितरण किया गया। श्री प्रतीक जैन ने बैठक में पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि जहां पर भी जैसे ही जो भी घटना घटित होती है, उसकी सूचना सम्बन्धित विभाग को तुरन्त दें। उन्होंने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिये कि सप्ताह के भीतर जनपद में जितनी भी इस तरह की घटनायें घटित होती हैं, उनकी रिपोर्ट प्रत्येक सोमवार को प्रस्तुत करना सुनिश्चित करंे ताकि घटना से सम्बन्धित जो भी तथ्य हों, उन्हें समय पर एकत्रित करने के साथ ही साक्ष्य व तथ्य के अभाव में मुआवजा के भुगतान में जो जटिलता आती है, उसमें काफी कमी आयेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी सम्बन्धित विभाग आपस में सामंजस्य स्थापित करना सुनिश्चित करें।

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