गलवान घाटी मैं चल रहे हैं घटनाकà¥à¤°à¤® में जिस तरह से à¤à¤¾à¤°à¤¤ और चीन दोनों देशों के जवान à¤à¤• दूसरे से लड़ रहे हैं, और अब बात मरने मारने तक उतर आई है, जहां à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कà¥à¤› सैनिक इस हिंसक à¤à¤¡à¤¼à¤ª में मारे गà¤, वही चीन के à¤à¥€ कई सैनिक मारे गठऔर घायल हà¥à¤, इसके बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ में चीन के विरोध में लगातार सà¥à¤µà¤° बà¥à¤²à¤‚द हो रहे हैं ।
रिपोर्ट - सचिन तिवारी
गलवान घाटी मैं चल रहे हैं घटनाकà¥à¤°à¤® में जिस तरह से à¤à¤¾à¤°à¤¤ और चीन दोनों देशों के जवान à¤à¤• दूसरे से लड़ रहे हैं, और अब बात मरने मारने तक उतर आई है, जहां à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कà¥à¤› सैनिक इस हिंसक à¤à¤¡à¤¼à¤ª में मारे गà¤, वही चीन के à¤à¥€ कई सैनिक मारे गठऔर घायल हà¥à¤, इसके बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ में चीन के विरोध में लगातार सà¥à¤µà¤° बà¥à¤²à¤‚द हो रहे हैं । यह पहली बार नहीं है जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ में चाइना के खिलाफ लोगों ने आवाज उठाई है ।मई 1998 में ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤ सरकार के रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ की हैसियत से समाजवादी नेता जारà¥à¤œ फरà¥à¤¨à¤¾à¤¡à¤¿à¤¸ ने जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ को चीन को दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ नंबर वन बताया था तब उनके ही कई साथी मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने उनके इस बयान पर नाक à¤à¥Œà¤‚ सिकोडी थी, आज की तरह उस समय à¤à¥€ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ विपकà¥à¤· में थी और उसे ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤ की नेतृतà¥à¤µà¤•à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ को à¤à¥€ तथा यहां तक की उसके अपने संगठन सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक संघ को à¤à¥€ जॉरà¥à¤œ का बयान नागवार गà¥à¤œà¤°à¤¾ था, वामपंथी दलों को तो सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• रूप से जारà¥à¤œ की यह साफगोई नहीं सà¥à¤¹à¤¾ सकती थी सो नहीं सà¥à¤¹à¤¾à¤ˆ, यह दिलचसà¥à¤ª था कि संघ और वामपंथी रूप में दो परसà¥à¤ªà¤° विरोधी विचारधारा वाली ताकते इस मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ पर à¤à¤• सà¥à¤° में बोल रही थी, ठीक वैसे ही जैसे दोनों ने अलग-अलग कारणों से 1942 में बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ हà¥à¤•à¥‚मत के खिलाफ à¤à¤¾à¤°à¤¤ छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था, जारà¥à¤œ के इस बयान के विरोध के पीछे à¤à¥€ दोनों की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ अलग अलग थी संघ के सामने सबसे बड़ी बात जो थी वह उसका मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® विरोधी होना थी, इसलिठसंघ हमेशा से पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को ही दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ नंबर वन मानता आया है। और वामपंथी दल चीन के साथ वैचारिक रिशà¥à¤¤à¥‹ की वजह से जॉरà¥à¤œ के बयान को खारिज कर रहे थे। वही मीडिया में à¤à¥€ जॉरà¥à¤œ के इस बयान को काफी लानत à¤à¤°à¥€ दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से देखा गया था, अब जिस तरह से ताजा घटनाकà¥à¤°à¤® हो रहा है उसको देखते हà¥à¤ जॉरà¥à¤œ फरà¥à¤¨à¤¾à¤‚डिस का वह बयान सच होता दिख रहा है। वैसे तो चीन का खतरा à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिठनया नहीं है और ना ही जॉरà¥à¤œ वह पहले नेता थे जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने चीन को दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ नंबर वन बताया था । चीन ने जब तिबà¥à¤¬à¤¤ पर आकà¥à¤°à¤®à¤£ कर उस पर कबà¥à¤œà¤¾ किया था, तब से ही वह à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिठदà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ नंबर वन बन गया था, देश को चीन के खतरे से जताने वाले डॉ राम मनोहर लोहिया à¤à¥€ थे, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जवाहरलाल नेहरू से कहा था कि वह तिबà¥à¤¬à¤¤ पर चीनी कबà¥à¤œà¥‡ को मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ ना दें, लेकिन नेहरू ने लोहिया की सलाह मानने के बजाय चीनी नेता चाउ à¤à¤¨ लाई से अपनी दोसà¥à¤¤à¥€ को तरजीह देते हà¥à¤ तिबà¥à¤¬à¤¤ को चीन का अविà¤à¤¾à¤œà¥à¤¯ अंग मानने में जरा à¤à¥€ देरी नहीं की । उस समय à¤à¤¾à¤°à¤¤ को आजाद हà¥à¤ महज 11 वरà¥à¤· ही हà¥à¤ थे नेहरू तब समाजवादी à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सपना देख रहे थे जिसमें चीन से यà¥à¤¦à¥à¤§ करने की कोई जगह नहीं थी। उधर चाउ अपने आपको सà¥à¤Ÿà¤¾à¤²à¤¿à¤¨ से à¤à¥€ आगे साबित करने में लगे थे ,हालांकि तब दलाई लामा लà¥à¤¹à¤¾à¤¸à¤¾ में रहते थे और उनकी हैसियत सिरà¥à¤« à¤à¤• धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥ की रह गई थी । इतना सब होने के बावजूद लगà¤à¤— à¤à¤• दशक तक à¤à¤¾à¤°à¤¤ चीन के बीच राजनयिक संबंध बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥‡ रहे, वहां के कई राजनेता à¤à¤¾à¤°à¤¤ की यातà¥à¤°à¤¾ पर आठऔर à¤à¤¾à¤°à¤¤ के राजनेता चीन की यातà¥à¤°à¤¾ पर गठलेकिन चीनी नेतृतà¥à¤µ हमेशा से ही विसà¥à¤¤à¤¾à¤° वादी नीतियों में चलता रहा है ,और उसी का परिणाम है जो आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ सहित कई देश à¤à¥à¤—त रहे हैं। चीन लगातार à¤à¥‚टान ताइवान व à¤à¤¾à¤°à¤¤ के हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ को अपना बताता आया है, पंडित नेहरू ने हिंदी चीनी à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¤¾à¤ˆ का नारा लगाकर चीन के विरोध को à¤à¤•à¤¦à¤® से खतà¥à¤® कर दिया था मगर 1962 का अकà¥à¤Ÿà¥‚बर महीना à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नेतृतà¥à¤µ के à¤à¤¾à¤‰à¤• सपनों के धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ होने का था, जब चीन ने अपनी पूरी तैयारी के साथ à¤à¤¾à¤°à¤¤ पर हमला बोल दिया था, तब हमारी सेना के पास सैनà¥à¤¯ साजो सामान का बहà¥à¤¤ कम था , नतीजे के सà¥à¤µà¤°à¥‚प में à¤à¤¾à¤°à¤¤ को पराजय का कड़वा घूंट पीना पड़ा , और चीन ने हमारी हजारों वरà¥à¤— मील जमीन हथिया ली थी। इस तरह लोहिया के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जताई गई आशंका à¤à¥€ सही साबित हà¥à¤ˆ थी चीन से मिल रहे हैं गहरे जखà¥à¤®à¥‹à¤‚ के बाद à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ चीन के साथ हमेशा शांति बनाठरखना चाहता था, और आजतक उसी नीति पर कायम है , जिसका नतीजा आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ को à¤à¥à¤—तना पड़ रहा है। अब जबकि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में चीन के विरोध में सà¥à¤µà¤° बà¥à¤²à¤‚द हो रहे हैं और चीनी सामान के बहिषà¥à¤•à¤¾à¤° की बात हो रही है, तब à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार के ढीला रवैया à¤à¥€ सामने आ रहा है जहां à¤à¤• तरफ पूरे देश में चीन के खिलाफ रोष है वहीं दूसरी तरफ सरकार चीनी कंपनियों को ठेके पर ठेके दिठजा रही है । अगर वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° की बात की जाठतो पिछले 15 सालों के दौरान दोनों देशों के बीच वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° में à¤à¥€ 24 गà¥à¤¨à¤¾ इजाफा हà¥à¤† है चीन की कई नामी कंपनियां à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कारोबार कर रही हैं, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कारोबारी à¤à¥€ चीन पहà¥à¤‚च रहे हैं, और à¤à¤¾à¤°à¤¤ में चीन के सामानों के बहिषà¥à¤•à¤¾à¤° की बात हो रही है, और उधर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मीडिया और चीनी मीडिया दोनों à¤à¤¾à¤°à¤¤ और चीन के बीच यà¥à¤¦à¥à¤§ की à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤£à¥€ तक कर रहे हैं, चीनी मीडिया में à¤à¤¾à¤°à¤¤ को अमेरिका के इशारे पर काम करने वाला à¤à¤• मानसिक गà¥à¤²à¤¾à¤® देश बताया जा रहा है, चीन की मीडिया पर चीनी सरकार का नियंतà¥à¤°à¤£ है और उसमें वही छापा और दिखाया जाता है जो सरकार चाहती है चीन से इस तनातनी की कà¥à¤› वजह कूटनीतिक à¤à¥€ हैं, दरअसल चीन अपने को विशà¥à¤µ की à¤à¤• बड़ी ताकत के रूप में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने की कवायद में जà¥à¤Ÿà¤¾ हà¥à¤† है, अपने पड़ोस में उसके रासà¥à¤¤à¥‡ की सबसे बड़ी रà¥à¤•à¤¾à¤µà¤Ÿ उसे à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही नजर आता है , à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने पिछले कà¥à¤› वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के दौरान अपने हितों के हिसाब से दूसरे देशों से वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤• और सामरिक संबंध सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया है, चीन इसे अपने लिठचà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ मानता है उसे डर है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के जरिठपशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देश उसे घेरने की कोशिश कर रहे हैं । इसलिठउसने हमारे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ हितों के खिलाफ कई कदम उठाठहैं पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ आतंकवादी गà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ के सरगनाओं को वैशà¥à¤µà¤¿à¤• आतंकवादी घोषित कराने की à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कोशिशों को à¤à¥€ उसने कई बार संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° में वीटो का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करके नाकाम किया है। चीन पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ इकोनामिक कॉरिडोर को लेकर à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ से चीन के रिशà¥à¤¤à¥‡ सहज नहीं है । सच यह है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ अब 1962 वाला à¤à¤¾à¤°à¤¤ नहीं है लेकिन इसमें à¤à¥€ कोई दो राय नहीं है कि चीन की सैनिक ताकत हम से कहीं जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है, उसने सीमाओं तक सड़कों का जाल बिछा दिया है, चीन का à¤à¤¸à¤¾ रिशà¥à¤¤à¤¾ सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤°à¤¤ के साथ ही नहीं उसके अपने पड़ोसी देश जापान और वियतनाम से à¤à¥€ है ,उन देशों से à¤à¥€ उसकी तू तू मैं मैं होती रहती है, हिंद महासागर में वह अपना दखल बढ़ाने की कोशिश कर रहा है ,तो दकà¥à¤·à¤¿à¤£ चीन सागर में उसे चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ मिल रही है । कई मोरà¥à¤šà¥‹à¤‚ पर फंसा चीन à¤à¤¸à¥‡ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ से यà¥à¤¦à¥à¤§ करेगा à¤à¤¸à¤¾ नहीं लगता जो à¤à¥€ हो पर यह तरà¥à¤• à¤à¥€ नहीं à¤à¥‚ला जा सकता कि चीन आकà¥à¤°à¤®à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ है ।