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संतुलित दिनचर्या जीवन का आधार, धरेलू नुस्खे स्वास्थ्य चिकित्सा मे कामयाब


कोरोना संक्रमण का एक लम्बा समय बीतने के बाद भी इसके प्रभाव मे कोई कमी दिखाई नही दे रही है। ऐसी स्थिति जहां रोग की जटिलता के सामने चिकित्सा का आभाव, संसाधनों की कमी, जर्जर होती आर्थिक व्यवस्था, मन मे भय तथा स्थिति का जटिल होना। ये ऐसे सवाल है ।

रिपोर्ट  - ALL NEWS BHARAT

हरिद्वार- कोरोना संक्रमण का एक लम्बा समय बीतने के बाद भी इसके प्रभाव मे कोई कमी दिखाई नही दे रही है। ऐसी स्थिति जहां रोग की जटिलता के सामने चिकित्सा का आभाव, संसाधनों की कमी, जर्जर होती आर्थिक व्यवस्था, मन मे भय तथा स्थिति का जटिल होना। ये ऐसे सवाल है जो स्वास्थ्य के संबध में पहले विचार मे नही आते थे परन्तु इस वैश्विक महामारी ने समाज तथा चिकित्सा जैसे मजबुत ढांचे को हिलाकर रख दिया है। मानव अधिकार संरक्षण समिति की अध्यक्षा रेखा नेगी का मानना है कि समय तथा मौसम का मिजाज समझ नही आ रहा है। दिनचर्या अव्यवस्थित है। रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाने की चारो ओर बात कही जा रही है। परन्तु इस स्थिति मे उपाय क्या है। दिशा-निर्देश समझ नही आ रहे है। इन सब स्थितियों से बचकर हमे अपनी रसोई घर के उपलब्ध सामान तथा दादी-नानी के घरेलु नुस्खे अधिक कारगर होते दिखाई दे रहे है। पहले भी ये नुस्खे जटिल से जटिल चिकित्सा मे रामबाण सिद्व होते रहे है। इसके लिए कुछ उपाय सुझाएं गए है- शरीर तथा मन की शान्ति के लिए रोज 30 मिनट आंखे बंद करके योग का अभ्यास करे। सुबह-शाम दूध मे हल्दी डालकर पिए। हल्दी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के साथ एन्टी आक्सीडेंट का काम करती है। जिससे असमय होने वाले खांसी, जुकाम मे राहत मिलती है। रात्रि मे एक चम्मच च्यवनप्राश अथवा अमृतप्राश का सेवन करे। यह संक्रमण की दर को कम करके विषाणु के शरीर मे प्रवेश को रोकता है। हर्बल चाय अथवा बडी इलायची, अजवायन, काली मिर्च से तैयार काढे मे गुड डालकर सेवन करने से पाचन शक्ति मजबुत होती है। घर से बाहर जाने तथा बाहर से घर वापस आने पर हाथ-मुंह को भली प्रकार से धोये। घर से बाहर रहने तथा पानी साबुन उपलब्ध न होने की दशा मे सेनेटाईजर का उपयोग करे तथा मास्क का उपयोग अवश्य करे। संक्रमण तथा सुरक्षा के बीच ये उपाय आपको स्वस्थ्य रखने मे मददगार सिद्व हो सकते है।

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