अपर जिलाधिकारी पी0एल0 शाह ने रविवार को भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त की 135वीं जयन्ती के अवसर पर ऋषिकुल ऑडिटोरियम में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिद्वार: अपर जिलाधिकारी पी0एल0 शाह ने रविवार को भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त की 135वीं जयन्ती के अवसर पर ऋषिकुल ऑडिटोरियम में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कहा कि किसी भी देश या प्रदेश की संस्कृति व सभ्यता की झलक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से ही सामने आती है। इसलिये समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन उस देश व प्रदेश की समृद्ध विरासत का प्रतीक है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारम्भ जीजीआईसी इण्टर कालेज ज्वालापुर की छात्राओं के गणपति वन्दना से हुआ। इसके पश्चात एक के बाद एक मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झड़ी सी लग गयी, जिसमें आनन्दमयी सेवा सदन द्वारा स्वागत गीत व सरस्वती वन्दना, नेचर इण्टरनेशनल द्वारा गुरू वन्दना, पार्थ सारथी स्कूल द्वारा सरस्वती वन्दना व स्वागत गान, विजडम ग्लोबल द्वारा उत्तराखण्ड स्वागत गीत, गायत्री विद्यापीठ द्वारा नई गीत, भल्ला कॉलेज द्वारा गुरू महिमा, हरिराम इण्टर कॉलेज मायापुर द्वारा सांस्कृतिक नृत्य व देश भक्ति गीत, वीएमडीएवी द्वारा देश भक्ति गीत एवं लघु नाटिका का प्रस्तुतीकरण, एसएमएसजी स्कूल द्वारा राम भक्ति गीत, एएसएन इण्टर कॉलेज द्वारा गिद्दा की प्रस्तुति, शिव डेल स्कूल द्वारा गढ़वाली गीत एवं गुरू वन्दना, राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय द्वारा गणपति गीत, श्री हरिहरानन्द स्कूल द्वारा भरत नाट्यम, जीआईसी द्वारा गढ़वाली नृत्य तथा एनआईएस स्कूल द्वारा राधा नृत्य प्रस्तुत करते हुये उपस्थित जन-समूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अतिरिक्त भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त की जयन्ती के अवसर पर स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करने के साथ ही अस्पतालों आदि में फल वितरण भी किया गया। भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का सफल संचालन रेडक्रास सचिव डॉ0 नरेश चौधरी ने किया। इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य, अध्यापक, अभिभावक, बड़ी संख्या में दर्शक, एनसीसी के कैडिट सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं पदाधिकारीगण उपस्थित थे।