धरती पर जीवमातà¥à¤° अपने अपने करà¥à¤®à¥‹ के आधार पर सà¥à¤–-दà¥à¤– का उपà¤à¥‹à¤— करता है। सà¥à¤– सदà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है वही दà¥à¤– बà¥à¤°à¥‡ करà¥à¤®à¥‹ का। सà¥à¤– का उपà¤à¥‹à¤— करने पर आननà¥à¤¦ à¤à¤µà¤‚ शानà¥à¤¤à¤¿ की अनà¥à¤à¥‚ति होती है वही दà¥à¤– के उपà¤à¥‹à¤— मे कषà¥à¤Ÿ à¤à¤µà¤‚ पीडा का अनà¥à¤à¤µ होता है।
रिपोर्ट - ALL NEWS BHARAT
24 जून, 2020,धरती पर जीवमातà¥à¤° अपने अपने करà¥à¤®à¥‹ के आधार पर सà¥à¤–-दà¥à¤– का उपà¤à¥‹à¤— करता है। सà¥à¤– सदà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है वही दà¥à¤– बà¥à¤°à¥‡ करà¥à¤®à¥‹ का। सà¥à¤– का उपà¤à¥‹à¤— करने पर आननà¥à¤¦ à¤à¤µà¤‚ शानà¥à¤¤à¤¿ की अनà¥à¤à¥‚ति होती है वही दà¥à¤– के उपà¤à¥‹à¤— मे कषà¥à¤Ÿ à¤à¤µà¤‚ पीडा का अनà¥à¤à¤µ होता है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ परिवेश मे शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤—वतगीता की सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ विषय पर सेनà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤² यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ आॅफ हरियाणा, महेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤—ढ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोविड के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ मे नेशनल योग वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमे शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤—वतगीता मे करà¥à¤®à¥‹ फल की सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ पर विचार रखते हà¥à¤ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² कांगडी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के शारीरिक शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ खेल विà¤à¤¾à¤— के असिसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ट पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° डाॅ0 शिव कà¥à¤®à¤¾à¤° चैहान ने बताया कि सà¥à¤–-दà¥à¤– जीवन की दो à¤à¤¸à¥€ राह है जिसमे à¤à¤• पर चलने से दूसरे का वियोग संà¤à¤µ है। अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सà¥à¤–-दà¥à¤– à¤à¤• साथ जीवन मे समाहित नही हो सकते। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤—वतगीता के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जब जनà¥à¤® लेता है तब उसके समकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤¬à¥à¤§ तथा करà¥à¤® दो ही विकलà¥à¤ª पà¥à¤°à¤®à¥à¤– होते है। पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤¬à¥à¤§ के आधार पर उसे सà¥à¤¥à¥‚ल शरीर तथा बà¥à¤¦à¥à¤µà¤¿-विवेक पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। जबकि करà¥à¤® करने के लिठवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को संसà¥à¤•à¤¾à¤° तथा वातावरण की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। जो उसे माता-पिता तथा उस परिवार से मिलते है जहां उसका जनà¥à¤® हà¥à¤† है। अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ मे रोपित संसà¥à¤•à¤¾à¤° तथा वातावरण ही उसके करà¥à¤®à¥‹ की गति का निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ करते है। यह सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ ठीक उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° है जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤• शीत पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ मे उगने वाले पेड को उषà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ मे रोपित कर दिया जाये तो वह à¤à¤²à¥€à¤à¤¾à¥…ति देखरेख करने पर à¤à¥€ उगना संà¤à¤µ नही है। कारण अनà¥à¤•à¥‚ल वातावरण नही मिलना। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤¬à¥à¤§ मे सब सदà¥à¤—à¥à¤£ मिलने पर à¤à¥€ संसà¥à¤•à¤¾à¤° तथा वातावरण के अà¤à¤¾à¤µ मे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ मे सदà¥à¤—à¥à¤£ अधिक समय तक सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ नही बने रह सकते। उनके ऊपर विपरीत गà¥à¤£à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ बढने लगेगा। और सदà¥à¤—à¥à¤£à¥‹ का दमन हो जायेगा। इसलिठधरती पर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को जीवन रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को समà¤à¤¨à¥‡ तथा कठिन राह को सà¥à¤—मता से पार करने का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• मारà¥à¤— शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤—वतगीता पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤—वतगीता दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बताये गये मारà¥à¤— का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करते हà¥à¤ जीवन पथ को सà¥à¤—मता से पार करने की कला को अपनाना चाहिà¤à¥¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤—वतगीता ही à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• यà¥à¤— मे मानव जीवन का दरà¥à¤ªà¤£ है। इस अवसर पर आयोजन समिति के चैयरमेन पà¥à¤°à¥‹0 सतीश कà¥à¤®à¤¾à¤°, संयोजक पà¥à¤°à¥‹0 रविनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤² अहलावत तथा आयोजन सचिव डाॅ0 अजय पाल उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।