इस पर इस उद्देश्य के निरीक्षण के लिये बनाई गयी समिति के सदस्यों ने अवगत कराया कस्सावान नाले का चार बार संयुक्त निरीक्षण किया गया। उस समय इस तरह का कोई मामला नहीं दिखाई दिया। इस पर बैठक में यह निर्णय लिया गया कि समिति द्वारा कस्सावान नाले का जो निरीक्षण महीने में दो बार किया जा रहा है, उसका निरीक्षण महीने में चार बार किया जाये।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
हरिद्वार: अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) दीपेन्द्र सिंह नेगी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में सदस्य संयोजक जिला गंगा संरक्षण समिति नीरज कुमार ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से गंगा संरक्षण के लिये उठाये गये कदमों आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में कस्सावान नाले के सम्बन्ध में विचार-विमर्श हुआ तो यह तथ्य सामने आया कि कि नाले में अभी भी आपत्तिजनक सामग्री डालने की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं आया है। इस पर इस उद्देश्य के निरीक्षण के लिये बनाई गयी समिति के सदस्यों ने अवगत कराया कस्सावान नाले का चार बार संयुक्त निरीक्षण किया गया। उस समय इस तरह का कोई मामला नहीं दिखाई दिया। इस पर बैठक में यह निर्णय लिया गया कि समिति द्वारा कस्सावान नाले का जो निरीक्षण महीने में दो बार किया जा रहा है, उसका निरीक्षण महीने में चार बार किया जाये। प्रमुख स्थानों व नालों में कैमरे लगाये जाने तथा उनकी लॉगिंग आईडी व पासवर्ड के सम्बन्ध में भी बैठक में चर्चा हुई, जिस पर नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि जो कैमरे स्थानान्तरित होने थे, वे स्थानान्तरित कर दिये गये हैं, जिन्हें मेला नियंत्रण भवन(सीसीआर) से संचालित किया जा रहा है। बैठक में हरिद्वार स्थित विभिन्न घाटों एवं नालों पर हुये अतिक्रमण हटाये जाने के सम्बन्ध में अधिकारियों ने बताया कि समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इसके अतिरिक्त सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने बताया कि दुधिया तटबन्ध पर हुये अतिक्रमण के सम्बन्ध में नोटिस जारी की गयी है। फ्लड प्लेन चिह्नीकरण एवं रिवर बैड अतिक्रमण के सम्बन्ध में बैठक में सिंचाई विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में कार्रवाई गतिमान है तथा जल्दी ही रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जायेगी। जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में गंगा नदी , नहर, नालों, पुलों पर से यात्रियों एवं स्थानीय निवासियों द्वारा जो फूल आदि सामग्री उत्सर्जित की जाती है, उसकी रोकथाम के लिये जाली आदि लगवाने के सम्बन्ध में बताया गया कि कार्रवाई गतिमान है, जिसके सम्बन्ध में सूचना जल्दी ही समिति को दे दी जायेगी। मूर्तियों को गंगा आदि में विसर्जन करने के सम्बन्ध में बैठक में जानकारी लेने पर अधिकारियों ने बताया कि मूर्ति विसर्जन हेतु नगर निगम द्वारा पूर्व में स्थान चयनित किये गये हैं तथा इन स्थानों में बोर्ड भी लगाये गये हैं। बैठक में रामेश्वर गौड़ सदस्य जिला गंगा संरक्षण समिति द्वारा गंगा की स्वच्छता तथा गंगा घाटों के रख-रखाव के सम्बन्ध में उठाये गये विभिन्न बिन्दुओं के सम्बन्ध में भी चर्चा हुई। जिस पर अधिकारियों ने बताया कि इनमें से कुछ का निस्तारण कर दिया गया है तथा पूर्व में दिये गये जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में चिह्नित नालों का संयुक्त निरीक्षण भी किया गया। बैठक में जिला संरक्षण समिति द्वारा वर्ष 2023-24 में गंगा के संरक्षण तथा जागरूकता के लिये आयोजित किये गये विभिन्न समारोहों के सम्बन्ध में जानकारी देने के साथ ही आगामी माहों में आयोजित होने वाले विभिन्न-सूचना, शिक्षा, एवं संचार गतिविधियों के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गयी। जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में जगजीतपुर के अतिरिक्त एक एसटीपी और स्थापित करने के साथ ही गंगा के घाटों की मरम्मत कराये जाने आदि का भी सुझाव दिया गया। इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट प्रेमलाल, एस0पी0 सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, महामंत्री श्रीगंगा सभा तन्मय वशिष्ठ, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 मनीष दत्त, अधिशासी अभियन्ता जल निगम मीनाक्षी मित्तल, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, फूड सेफ्टी अधिकारी डॉ0 तरूण मिश्रा, प्रतिनिधि हिन्दुस्तान टाइम्स रामेश्वर गौड़, सत्यदेव आर्य, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई उ0प्र0, पर्यटन, एचआरडीए सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।