प्रसिद्ध डिजाइनर, शिल्प पुनरुत्थानवादी और पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता लैला तैयबजी को सोनीपत स्थित विश्व डिज़ाइन विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय डिज़ाइन गुरु की उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान राष्ट्रीय डिजाइन गुरु दिवस के मौके पर दिया गया।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
देहरादून- 17 नवंबर 2023: प्रसिद्ध डिजाइनर, शिल्प पुनरुत्थानवादी और पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता लैला तैयबजी को सोनीपत स्थित विश्व डिज़ाइन विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय डिज़ाइन गुरु की उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान राष्ट्रीय डिजाइन गुरु दिवस के मौके पर दिया गया, जिसे विश्वविद्यालय भारत में डिजाइन गुरुओं की पहली पीढ़ी को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रसिद्ध डिजाइन विचारक प्रोफेसर एमपी रंजन की जयंती पर प्रतिवर्ष मनाता है। लैला तैयबजी एक ऐसा नाम है जो पारंपरिक भारतीय शिल्पों के पुनर्जीवन और पुनर्जागरण के साथ ही पूरे देश भर के कारीगरों को सशक्त करने से सम्बंधित है। उनकी इस अनोखी यात्रा ने डिज़ाइनर, कार्यकर्ता, और दस्तकार के सह-संस्थापक के रूप में भारतीय सांस्कृतिक मंच पर अनमोल छाप छोड़ी है। उन्होंने स्वदेशी शिल्प को बढ़ावा देने और भारत की कलात्मक विरासत की समृद्ध टेपेस्ट्री को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले 35 वर्षों में, लैला तैयबजी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत दस्तकर ने कारीगरों के उत्थान और उन्हें आर्थिक अवसर प्रदान करने के लिए कई शिल्प संगठनों और गैर सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी की है। कारीगरों के प्रति लैला तैयबजी की प्रतिबद्धता देश भर में फैली हुई है, जिसमें बंजारा सुई शिल्प, कच्छ और महाराष्ट्र से रबारी दर्पण का काम, लखनऊ से चिकन शिल्प, पचेरी से गोंड, फड़ और माता कला, मधुबनी चित्रकार, कर्नाटक से कसुती कढ़ाई, बिहार और कर्नाटक में हथकरघा बुनकर ,राजस्थान में चमड़ा, कपड़ा और टेराकोटा कारीगरों के रूप में विविध शिल्प रूप शामिल हैं।