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राष्ट्रीय पंजाबी महासंघ की कार्यकारिणी बैठक 19 नवंबर को


पंजाबी संगठन को मजबूत करने एवं अनेक सेवा प्रकल्पों को सुनियोजित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पंजाबी महासंघ की कार्यकारिणी की बैठक 19 नवंबर को अटल बिहारी वाजपेई गेस्ट हाउस में आहूत की गई है।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

पंजाबी संगठन को मजबूत करने एवं अनेक सेवा प्रकल्पों को सुनियोजित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पंजाबी महासंघ की कार्यकारिणी की बैठक 19 नवंबर को अटल बिहारी वाजपेई गेस्ट हाउस में आहूत की गई है। पंजाबी महासंघ के उत्तराखंड के प्रभारी एवं वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश लाल पाहवा ने बताया कि यह 54वी कार्यकारिणी की बैठक है जो देवभूमि हरिद्वार में आयोजित की जा रही है ।इसमें देशभर से अखिल भारतीय पंजाबी सामाजिक संस्थाओं की शीर्ष संस्था पंजाबी महासंघ के सदस्य शामिल होंगे। श्री जगदीश लाल पाहवाजी ने कहा कि यद्यपि आज पंजाबी समाज के लोग खेल व्यापार रिसर्च और सेवा अधिक क्षेत्रों में अग्रणी है किंतु वे एकजुट नहीं है। सभी क्षेत्र के अग्रणी लोगों को एकजुट करके नए आयाम स्थापित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है जिसके लिए यह बैठक आहूत की गई है। पहले सत्र में कोर कमिटी मेंबर्स की मीटिंग होगी और दूसरा सत्र खुला मंच है जिसमें प्रदेश और आसपास के हसन से आए लोग अपने विचार रखेंगे शाम को गंगा आरती हर की पौड़ी पर की जाएगी। देशभर से आए पंजाबी महासंघ के लोगों को संतों का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। राष्ट्रीय पंजाबी महासंघ के अध्यक्ष श्री नरेश सेठ ने कहा की पंजाबी समाज ने देश हित में सदैव रक्षा हेतु, सेवा हेतु नए विकास, कृषि विकास , तकनीकी विकास में और बच्चों की शिक्षा में सदैव योगदान दिया है । हमारे महान संत श्री गुरु नानक देव जी, भगवान श्री राम की धरती को प्रेरणा मानते हुए सदैव व्यापार, खेल ,सेवा , तकनीक, उद्यम आदि के विकास में मिलकर योगदान दिया , देश विदेश में ख्याति प्राप्त की है। पंजाबी समाज के लिए अपनी संस्कृति और सामाजिकता को संगठित कर आने वाली पीढ़ी को संस्कारों के माध्यम से देश हित में जोड़ना , विकास में सहयोग करना, सेवा भाव से सामाजिक कार्यकर सभी की उन्नति और रक्षा हेतु प्रयास करने के लिए आज राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है । जिसमें विभिन्न राजनीतिक संगठन और सरकारी माध्यमों से अपने समाज के इन विकास कार्य में बच्चों के योगदान को भी सुनिश्चित किया जाएगा और उसके लिए विशेष कोष बनाकर तकनीकी काम सीखना । कीरत करो वन्दे छको की भावना को आगे बढ़ना। अपने वेद उपनिषद रामायण महाभारत गीता और गुरु ग्रंथ साहिब जी का सम्मान करना सम्मिलित है। जो इतिहास के अपने पंजाबी नायक हैं इन पर शोध लिखकर सबको परिचित कराना अपने मंदिरों में जाकर सभी अपने पर्व त्योहार को मनाना और संगठित होकर बच्चों की करियर और उनके विकास पर ध्यान देने योजना बनाई जाएगी।

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