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एम्स ऋषिकेश द्वारा मैराथन दौड़ का आयोजन


जनमानस को एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से वर्ल्ड एंटिमाइक्रोबाइल अवेयरनेस वीक के दूसरे दिन एम्स ऋषिकेश द्वारा मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। मैराथन के माध्यम से संदेश दिया गया कि एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा सेवन शरीर के लिए नुकसानदेह है।

रिपोर्ट  - अंजना भट्ट घिल्डियाल

आम जनमानस को एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से वर्ल्ड एंटिमाइक्रोबाइल अवेयरनेस वीक के दूसरे दिन एम्स ऋषिकेश द्वारा मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। मैराथन के माध्यम से संदेश दिया गया कि एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा सेवन शरीर के लिए नुकसानदेह है। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह के नेतृत्व में यह दौड़ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के गेट नम्बर 1 से ऋषिकेश के आस्थापथ की ओर रवाना हुई। आस्थापथ से आवास विकास कॉलोनी पहुंची और वहां से मुख्य मार्ग से होते हुए मैराथन वापस एम्स परिसर में सम्पन्न हुई। इस दौरान आम जनमानस को एंटीबायोटिक दवाओं से होने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि स्वस्थ समाज के लिए प्रत्येक व्यक्ति का स्वस्थ होना जरूरी है। इसलिए लोगों को चाहिए कि वह सामान्य बीमारी के दौरान एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल से बचें और बहुत जरूरी होने पर ही इनको उपयोग में लाएं। ताकि इनके अत्यधिक मात्रा में उपयोग करने की वजह से शरीर में प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े। एम्स द्वारा मनाए जा रहे 'वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस वीक' के अवसर पर प्रोफेसर मीनू सिंह ने आम जनमानस को रोगाणु रोधी प्रतिरोध को कम करने हेतु प्रेरित किया। मैराथन में एम्स के अधिकारियों, फैकल्टी मेम्बरों, नर्सिंग स्टाफ, एसआर, जेआर चिकित्सकों व अन्य कर्मचारियों ने बढ़चढ़कर प्रतिभाग किया। इस मौके पर जनरल मेडिसिन विभाग के डॉक्टर प्रसन्न कुमार पंडा, कार्यक्रम के आयोजन सचिव व सीएफएम विभाग के डॉक्टर महेंद्र सिंह, गैस्ट्रोलॉजी विभाग के डॉ. रोहित गुप्ता, यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर पीयूष गुप्ता, माइक्रोबायलॉजी के डॉक्टर अंबर प्रसाद, कॉलेज ऑफ नर्सिंग फैकल्टी डॉ. मनीष शर्मा, पूनम, दुर्गा जोशी आदि शामिल थे।

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