गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² काà¤à¤—ड़ी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विà¤à¤¾à¤— के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ सपà¥à¤¤ दिवसीय अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤œà¤¾à¤²à¥€à¤¯ कारकविषयक कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के समापन के अवसर पर डी. ई.आई. डीमà¥à¤¡ टू यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ के संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विà¤à¤¾à¤— के आचारà¥à¤¯ डा0 अà¤à¤¿à¤®à¤¨à¥à¤¯à¥ ने बताया कि जिस शबà¥à¤¦ से कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के आधार का बोध हो, उसे अधिकरण कारक कहते हैं।
रिपोर्ट - ALL NEWS BHARAT
गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² काà¤à¤—ड़ी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विà¤à¤¾à¤— के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ सपà¥à¤¤ दिवसीय अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤œà¤¾à¤²à¥€à¤¯ कारकविषयक कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के समापन के अवसर पर डी. ई.आई. डीमà¥à¤¡ टू यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ के संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विà¤à¤¾à¤— के आचारà¥à¤¯ डा0 अà¤à¤¿à¤®à¤¨à¥à¤¯à¥ ने बताया कि जिस शबà¥à¤¦ से कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के आधार का बोध हो, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। अथवा शबà¥à¤¦ के जिस रूप से कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के आधार का बोध होता है, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। इसके विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ चिनà¥à¤¹ ‘में’ ‘पर’ है। अधिकरण कारक में अधिकरण का अरà¥à¤¥ होता है। आधार या आशà¥à¤°à¤¯ संजà¥à¤žà¤¾ का वह रूप जिससे कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते हैं। इसकी विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ चिनà¥à¤¹ ‘में’ और ‘पर’ होती है। à¤à¥€à¤¤à¤°, अनà¥à¤¦à¤°, ऊपर, बीच आदि शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— इस कारक में किया जाता है। कहीं-कहीं पर विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का लोप होता है तो उनकी जगह पर किनारे, आसरे, दीनों, यहाà¤, वहाà¤, समय आदि पदों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जाता है। कà¤à¥€-कà¤à¥€ ‘में’ के अरà¥à¤¥ में ‘पर’ और ‘पर’ के अरà¥à¤¥ में ‘में’ लगा दिया जाता है। विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹0 रूपकिशोर शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने आयोजà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ सपà¥à¤¤ दिवसीय अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤œà¤¾à¤²à¥€à¤¯ कारकविषयक कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के आयोजक करà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ विà¤à¤¾à¤— के सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¥‹à¤‚ को बधाई दी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा जिसकी अधिकरण संजà¥à¤žà¤¾ होती है उसमें सपà¥à¤¤à¤®à¥€ विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जाता है। इसीलिठऊपर के वाकà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में ‘काषà¥à¤ फलके’ में सपà¥à¤¤à¤®à¥€ विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ है। सः पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•à¤¾à¤²à¥‡ उतà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ति उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥‡ उपविशà¥à¤¯ च पठति। इस वाकà¥à¤¯ में सः करà¥à¤¤à¤¾ है। उसका संबंध ‘उतà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ति’ और ‘उपविशà¥à¤¯â€™ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं से है। उठने का आधार (समय की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ सेदà¥) पà¥à¤°à¤¾à¤¤:काल है और बैठने का आधार (सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ सेदà¥) उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ है। अतः दोनों आधारों की अधिकरण संजà¥à¤žà¤¾ होगी और उनमें सपà¥à¤¤à¤®à¥€ विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— होगा। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि शà¥à¤°à¥€à¤¸à¥‹à¤®à¤¨à¤¾à¤¥ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विशà¥à¤µ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, वेरावल, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹0 गोपबनà¥à¤§à¥ मिशà¥à¤° ने बताया कि अधिकरण कारक वाकà¥à¤¯ में कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का आधार, आशà¥à¤°à¤¯, समय या शरà¥à¤¤ ‘अधिकरण’ कहलाता है। आधार को ही अधिकरण माना गया है। यह आधार तीन तरह का होता है- सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾à¤§à¤¾à¤°, समयाधार और à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤°à¥¤ जब कोई सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤µà¤¾à¤šà¥€ शबà¥à¤¦ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का आधार बने तब वहाठसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ होता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जब कोई कालवाची शबà¥à¤¦ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का आधार हो वहाठकालाधिकरण होता है। पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹0 महावीर अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤² ने कहा कि 118 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ महाराज ने गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² कांगड़ी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जो सात दिवसीय कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का आयोजन किया इसके लिठविà¤à¤¾à¤— के सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¤—ण बधाई के पातà¥à¤° है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वेबिनार में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के यà¥à¤µà¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• मौजूद से जिससे संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ उजà¥à¤œà¤µà¤² दिखाई दे रहा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि कहीं-कहीं अधिकरण का चिनà¥à¤¹ रहने पर à¤à¥€ वहाठअनà¥à¤¯ कारक है। अधिकरण कारक अथवा . शबà¥à¤¦ के जिस रूप से कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के आधार का बोध होता है उसे अधिकरण कारक कहते हैं। इसके विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿.चिहà¥à¤¨ ‘में’ ‘पर’ हैं। अधिकरण कारक में अधिकरण का अरà¥à¤¥ होता है. आधार या आशà¥à¤°à¤¯ संजà¥à¤žà¤¾ का वह रूप जिससे कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते हैं। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विà¤à¤¾à¤— के विà¤à¤¾à¤—ाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पà¥à¤°à¥‹0 सोमदेव शतांशॠने कहा कि जब कोई कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ ही कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के आधार का काम करे, तब वहाठà¤à¤¾à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ होता है। कहीं-कहीं अधिकरण कारक के चिनà¥à¤¹ ‘में’ ‘पर’ लà¥à¤ªà¥à¤¤ à¤à¥€ रहते हैं। विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥à¤¯à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤‚काय के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पà¥à¤°à¥‹à¥¦ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¦à¥‡à¤µ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार ने सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया| ततà¥à¤ªà¤°à¤¤à¤¾ (आसेवादà¥) अथवा नियà¥à¤•à¥à¤¤ अरà¥à¤¥ में आयà¥à¤•à¥à¤¤ और कà¥à¤¶à¤² (निपà¥à¤£) शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के योग में षषà¥à¤ ी और सपà¥à¤¤à¤®à¥€ दोनों विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ की जाती हैं किंतॠआसेवा (ततà¥à¤ªà¤°à¤¤à¤¾) के न होने पर केवल सपà¥à¤¤à¤®à¥€ ही होती है। डा0 मौहर सिंह ने सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¥‹à¤‚ अà¤à¤¿à¤¨à¤‚दन और सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया तथा वेबिनार में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¥‹à¤‚ का परिचय कराया। डा0 मौहर सिंह ने कहा विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ संजà¥à¤žà¤¾ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के साथ संबंध को पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करने के लिठजो पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¯ लगाया जाता है उसे कारक विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ कहते हैं। सामानà¥à¤¯à¤¤à¤ƒ करà¥à¤¤à¤¾ कारक का बोध कराने के लिठपà¥à¤°à¤¥à¤®à¤¾ विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤ करà¥à¤® कारक का बोध कराने के लिठदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯à¤¾ विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤ करण कारक का बोध कराने के लिठतृतीया विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤ समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कारक का बोध कराने के लिठचतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤ अपादान कारक का बोध कराने के लिठपंचमी विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ तथा अधिकरण कारक का बोध कराने के लिठसपà¥à¤¤à¤®à¥€ विà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ होती है। इस अवसर पर इस वेबिनार में पà¥à¤°à¥‹à¥¦ संगीता विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार, डा० वीना विशà¥à¤¨à¥‹à¤ˆ, डा० मौहर सिंह, डा० वेदवà¥à¤°à¤¤, डा0 शà¥à¤µà¥‡à¤¤à¤¾à¤‚क आरà¥à¤¯, हेमनà¥à¤¤ नेगी तथा विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ से लगà¤à¤— à¥à¥¦à¥¦ से अधिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ी समà¥à¤ªà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।