Latest News

सांख्यिकी ने कोरोनावायरस काल में रणनीति बनाने एवं प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई : डॉ बतà¥


स्थानीय एस.एम.जे.एन. (पी.जी.) काॅलेज में आज राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस के अवसर पर कोरोना काल के चलते वर्चुअल माध्यम से कालेज में सांख्यिकी दिवस मनाया गया।

रिपोर्ट  - ALL NEWS BHARAT

हरिद्वार 29 जून, 2020 स्थानीय एस.एम.जे.एन. (पी.जी.) काॅलेज में आज राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस के अवसर पर कोरोना काल के चलते वर्चुअल माध्यम से कालेज में सांख्यिकी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि सांख्यिकी प्रणाली एवं आर्थिक योजना निर्माण के क्षेत्रों में स्वर्गीय प्रोफेसर पी.सी. महालानोबिस ने उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष 29 जून को ‘सांख्यिकीय दिवस’ के रूप में निर्धारित किया है। डाॅ. बत्रा ने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक, योजना निर्माण एवं नीति निर्माण सांख्यिकी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री पी.सी. महालानोबिस को श्रद्धाजंलि अर्पित करना है। डाॅ. बत्रा ने कहा कि सांख्यिकी की महत्ता को रेखांकित करना और नियोजन तथा नीति निर्माण के क्षेत्र में आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए वर्ष भर ठोस प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि यह विषय सांख्यिकीय प्रणाली और उत्पादों में गुणवत्ता के अनिवार्य मानकों के अनुपालन के महत्व को दर्शाता है। डाॅ. बत्रा ने पी.सी. महालानोबिस के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 29 जून 1893 को कोलकाता में इनका जन्म हुआ और 28 जून 1972 को मृत्यु हो गयी थी। ये विश्व मान्यता प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय सांख्यिकीयविद थे। महालानोबिस ने 10 भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आई.एस.आई.) की स्थापना की एवं बड़े पैमाने पर नमूना सर्वेक्षण की योजना में भी अपना अतुल्य योगदान दिया। डाॅ. बत्रा ने बताया कि महालानोबिस 1955 से 1967 तक योजना आयोग के सदस्य रहे तथा दूसरी पंचवर्षीय योजना के सूत्रधार थे। इस योजना ने भारत में भारी उधोगो के विकास को प्रोत्साहित किया और इसे बाद में नेहरू-महालानोबिस माॅडल तथा आर्थिक विकास की मूल उद्योग रणनीति के रूप में जाना जाने लगा। बी एच ई एल की स्थापना का श्रेय भी इसी पंचवर्षीय योजना को जाता है। डॉ बत्रा ने बताया कि इस कोरोनावायरस महामारी में सम्पूर्ण विश्व को सांख्यिकी के माध्यम से आगामी रणनीति बनाने एवं इसके प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त इस महामारी से कितने लोग संक्रमित होंगे इस का अनुमान एवं उनके इलाज के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे स्थापित करने में सांख्यिकी का बहुत बड़ा योगदान है। मुख्य अनुशासन डाॅ. सरस्वती पाठक ने बताया कि महाविद्यालय में छात्राओं की संख्या को देखते हुए साख्यिंकी के माध्यम से हम श्रेष्ठ विकास योजना बना सकते हैं। इस कोरोनावायरस काल में इस महामारी से छात्र छात्राओं एवं कालेज स्टाफ को सुरक्षित रखने के लिए प्रबन्धन करने में सांख्यिकी बहुत अधिक मददगार हो सकती है। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने बताया कि सांख्यिकी अंकों का खेल नहीं अपितु देश में विकास की आधारशिला है। कार्यालय अधीक्षक मोहन चन्द्र पाण्डेय ने बताया कि पी.सी. महालानोबिस ने देश में दस भारतीय सांख्यिकी संस्थान तथा प्रथम सांख्यिकी पत्रिका ‘संख्या’ भी प्रकाशित की।

Related Post