एम्स, ऋषिकेश में बुधवार को कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह की अध्यक्षता में सुरक्षा व अग्निशमन उपायों से संबंधित बैठक हुई।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
एम्स, ऋषिकेश में बुधवार को कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह की अध्यक्षता में सुरक्षा व अग्निशमन उपायों से संबंधित बैठक हुई। जिसमें संस्थान में नौकरी दिलाने के नाम पर कुछ लोगों द्वारा आम जनमानस-युवाओं से धन की वसूली व उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाने के साथ ही संस्थान की छवि को धूमिल किए जाने के कतिपय प्रयासों पर भी विमर्श किया गया। साथ ही युवाओं से ऐसे असंवैधानिक कार्यों में संलिप्त लोगों के बहकावे में नहीं आने की अपील की गई। संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह ने बताया कि बैठक में एम्स की सुरक्षात्मक एवं अग्निशमन उपायों की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि कुछ लोग एम्स में नियुक्ति दिलाने के नाम पर युवाओं को गुमराह करने व उनसे इसकी एवज में भारी भरकम धनराशि की वसूली के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। जो कि पूरी तरह से गलत है, लिहाजा युवाओं से ऐसे लोगों के बहकावे में नहीं आना चाहिए। उन्होंने बताया कि संस्थान में पूर्व में सामने आए ऐसे कई मामलों में युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम गुमराह करते हुए धन वसूली तथा फर्जी नियुक्तिपत्र देकर ज्वाइनिंग के लिए भेजा गया, ऐसे युवा जब एम्स में पहुंचते हैं, तब उन्हें अपने साथ एम्स में सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी का पता चलता है। जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि एम्स भारत सरकार का संस्थान है, जिसकी नियुक्ति प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जाती है, लिहाजा युवाओं को एम्स में आने वाली रिक्तियों में आवेदन व परीक्षा उत्तीर्ण किए किसी के बहकावे में आकर शॉर्टकट रास्ता अपनाने से बचना चाहिए और अपने अभिभावकों की गाढ़ी कमाई को भी सुरक्षित करना चाहिए। उन्होंने चेताया कि एम्स संस्थान भविष्य में सामने आने वाले ऐसे मामलों में एम्स के नाम पर फर्जी नियुक्तिपत्र, साक्षात्कार व ठगी कर संस्थान की छवि को धूमिल करने के प्रयासों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाएगा।