कल à¤à¤• जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ से चातà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¸ शà¥à¤°à¥‚ हो जाà¤à¤‚गे आषाढ़ शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ से शà¥à¤°à¥‚ होने वाले चातà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¸ कारà¥à¤¤à¤¿à¤• शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ को समापà¥à¤¤ होंगे आषाढ़ मास के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जिस दिन से चातà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¸ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहोते हैं उसे देवशयनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ या हरिशयनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ कहा जाता है।
रिपोर्ट - ( नैनीताल) से अजय उपà¥à¤°à¥‡à¤¤à¥€ की रिपोरà¥à¤Ÿ
कल à¤à¤• जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ से चातà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¸ शà¥à¤°à¥‚ हो जाà¤à¤‚गे आषाढ़ शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ से शà¥à¤°à¥‚ होने वाले चातà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¸ कारà¥à¤¤à¤¿à¤• शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ को समापà¥à¤¤ होंगे आषाढ़ मास के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जिस दिन से चातà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¸ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहोते हैं उसे देवशयनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ या हरिशयनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ कहा जाता है à¤à¤¸à¤¾ इसलिठकि धारà¥à¤®à¤¿à¤• मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के पालनहार à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ हरि विषà¥à¤£à¥ देव शयनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ के दिन कà¥à¤·à¥€à¤° सागर में योग निदà¥à¤°à¤¾ में चले जाते हैं और देवउठनी या देवोतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ के दिन निंदà¥à¤°à¤¾ से उठजाते हैं देवउठनी अथवा देवोतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ 25 नवंबर को है पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कथा वाचिका हिमसà¥à¤¤à¤¾ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¨à¤¾ पांडे कहती हैं कि इन महीनों में जप तप पूजा आदि का विशेष महतà¥à¤µ होता है वह कहती हैं कि हरिशयनी à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ के दिन तà¥à¤²à¤¸à¥€ का पौधा रोपण करना चाहिठऔर चातà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¸ की अवधि तक नितà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ और सायं कालीन संधà¥à¤¯à¤¾ बेला पर घी का दीपक जलाकर माता तà¥à¤²à¤¸à¥€ की पूजा करनी चाहिठमाता तà¥à¤²à¤¸à¥€ की पूजा करने से à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ की कृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है और समसà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के संकटों से छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ मिलता है तथा मनोवांछित फल की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¨à¤¾ पांडे कहती हैं कि आज à¤à¥€ कई सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर महिलाà¤à¤‚ सà¥à¤¬à¤¹ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® बेला पर माता तà¥à¤²à¤¸à¥€ के पौधे के समकà¥à¤· दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ à¤à¤œà¤¨ कीरà¥à¤¤à¤¨ करती हैं जो विशेष फलदाई माना जाता है कृषà¥à¤£ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में अपना जीवन समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर चà¥à¤•à¥€ साधà¥à¤µà¥€ सविता कृषà¥à¤£ कहती हैं कि 30 तारीख की रातà¥à¤°à¤¿ से ही à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ वà¥à¤°à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहो जाता है वे कहती हैं कि रातà¥à¤°à¤¿ 12:00 बजे के बाद अगला दिन शà¥à¤°à¥‚ हो जाता है à¤à¤¸à¥‡ में रातà¥à¤°à¤¿ शयन के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ ही हमारा वà¥à¤°à¤¤ शà¥à¤°à¥‚ हो जाता है वे कहती हैं कि 1 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को पूरे दिन वà¥à¤°à¤¤ चलेगा और अगले दिन यानी 2 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को 5:28 से लेकर सà¥à¤¬à¤¹ 10:07 तक पारण का समय रहेगा अपनी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सà¥à¤¬à¤¹ 5:28 से 10:07 के बीच कà¤à¥€ à¤à¥€ पारायण किया जा सकता है साधà¥à¤µà¥€ सविता कृषà¥à¤£ का कहना है कि वà¥à¤°à¤¤ वाले दिन और पारायण से पहले तक साबà¥à¤¨ से सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ नहीं करना चाहिठइसके अलावा सेविंग अथवा हेयर कटिंग à¤à¥€ नहीं करवाना चाहिठवह कहती हैं कि à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ की मूरà¥à¤¤à¤¿ या चितà¥à¤° के समकà¥à¤· दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर पीले पà¥à¤·à¥à¤ª à¤à¤µà¤‚ पीला वसà¥à¤¤à¥à¤° अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करना चाहिठपीली वसà¥à¤¤à¥à¤“ं का à¤à¥‹à¤— लगाना चाहिठà¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ का मंतà¥à¤° यदि तà¥à¤²à¤¸à¥€ की माला से हो जाठतो बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ माला नहीं होने पर किसी अनà¥à¤¯ माला से अथवा मानसिक जाप à¤à¥€ किया जा सकता है उनका कहना है कि ऊं नमो नारायणाय ,या ऊं नमो à¤à¤—वते वासà¥à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¯ का जप दिन à¤à¤° करते रहना चाहिठजिससे शरीर को नई ऊरà¥à¤œà¤¾ सà¥à¤«à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होगी और सà¤à¥€ विघà¥à¤¨ बाधाà¤à¤‚ हमेशा के लिठसमापà¥à¤¤ हो जाà¤à¤‚गी