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भुखमरी के कगार पर साउंड संचालक


लॉकडाउन के तीन चरण समाप्त होने के बाद अनलॉक का दूसरा चरण भी आज से शुरू हो गया है कोरोना काल कब समाप्त होगा इसकी कोई गारंटी नहीं दिन पर दिन कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़ने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।

रिपोर्ट  - à¤²à¤¾à¤²à¤•à¥à¤†à¤‚ नैनीताल से अजय उप्रेती की रिपोर्ट

नैनीताल लालकुआं में लॉकडाउन के तीन चरण समाप्त होने के बाद अनलॉक का दूसरा चरण भी आज से शुरू हो गया है कोरोना काल कब समाप्त होगा इसकी कोई गारंटी नहीं दिन पर दिन कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़ने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है धीरे धीरे अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है इन तमाम कोशिशों के बावजूद कई ऐसे लोग हैं जो वर्तमान में गंभीर आर्थिक दुश्वारियां से जूझ रहे हैं और भविष्य को लेकर भी बेहद चिंतित हैं यह वह लोग हैं जो रोजी रोटी का संकट उठा रहे हैं और इनकी समस्या का समाधान कब होगा इसकी कोई उम्मीद की किरण भी इन्हें नहीं दिखाई देती कोरोनावायरस के संक्रमण के खतरों ने आम जनजीवन पर बहुत ही बुरा असर डाला है केंद्र तथा राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के कल्याण के लिए बहुत कुछ कोशिश कर रही है कुछ हद तक लोगों को लाभ भी मिल रहा है लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो पूरी तरह से अब ना उम्मीद हो चुके हैं इनमें एक तबका है साउंड संचालकों का यह वह लोग हैं जो नौकरी के लिए किसी दफ्तर अथवा कंपनी में चक्कर नहीं काटते ना ही किसी अफसर या नेता के आगे चक्कर काटते हैं ये वे लोग हैं जो अपने खून पसीने की कमाई को संचित कर साउंड संचालन का काम करते हैं और खुद स्वरोजगार अपनाते हैं साथ ही कई अन्य लोगों को भी रोजगार देते हैं यानि कि यह देश की मजबूत अर्थव्यवस्था में भी अपना योगदान देते हैं मगर आज कोरोना काल में यह लोग पूरी तरह से हासिए पर आ गए हैं 22 मार्च से लेकर अब तक इन्हें कोई भी काम नहीं मिला है यानि इन 4 महीनों में इन्होंने अपनी जमा पूंजी से ही अपना और अपने घर परिवार का खर्चा चलाया होगा जो लोग इनके भरोसे इनके साथ काम करते हैं जाहिर सी बात है कि उनकी भी जिम्मेदारी इन्होंने निभाई होगी या हर संभव कोशिश की होगी लेकिन अब यह लोग बेहद मायूस हैं ना उम्मीद हो चुके हैं इनका कहना है कि ना कोई धार्मिक आयोजन हो रहा है ना कोई मांगलिक कार्य हो रहे हैं तो ऐसे में अब यह अपना साउंड सिस्टम लेकर कहां जाएंगे यदि धीमे-धीमे सरकार मांगलिक और धार्मिक कार्यक्रमों को कराने की छूट दे दे या कुछ राहत प्रदान कर दें तो इनकी भी रोजी रोटी चल जाएगी दो वक्त की रोटी जुटाना अब इनके लिए एवरेस्ट पर चढ़ाई चढ़ने जैसा होने लगा है साउंड संचालकों ने कहा है कि सरकार अथवा जिम्मेदार जनप्रतिनिधि उनकी इस मार्मिक पीड़ा को समझें और कोई ठोस समाधान निकाला जाए ताकि वह अपना और अपने बच्चों का भरण पोषण कर सके तथा किसी को भी भूखे मरने की जैसी जिल्लत न उठानी पड़े इस दौरान प्रवीण भाटिया पीयूष गौतम अरुण गौतम हिमांशु आर्य पूरन धारीवाल अभय सूरज मुकुल भानु आदि मौजूद थे इधर साउंड संचालक प्रवीण भाटिया का कहना है कि उनका एक शिष्टमंडल शीघ्र ही विधायक नवीन दुमका से भेंट करेगा तथा उन्हें तत्काल आर्थिक मदद दिलाए जाने की भी मांग करेगा

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