परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी अपनी विदेश यात्रा के पश्चात आज प्रातः भारत पहंुचे। दिल्ली से सीधे अयोध्या धाम के लिये रवाना हुये। उन्होंने फ्लाइट में उद्बोधन दिया पूरी फ्लाइट में जय श्री राम की गूंज थी।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
ऋषिकेश, 20 जनवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी अपनी विदेश यात्रा के पश्चात आज प्रातः भारत पहंुचे। दिल्ली से सीधे अयोध्या धाम के लिये रवाना हुये। उन्होंने फ्लाइट में उद्बोधन दिया पूरी फ्लाइट में जय श्री राम की गूंज थी। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सदियों से देश में जिस वातावरण की प्रतिक्षा थी उसका दर्शन आज हमें हो रहा है। मैं आज प्रातः ही अमेरिका से लौटा। अमेरिका से अयोध्या तक का जो दर्शन है वह अद्भुत है और आज तो फ्लाइट में भी श्री राममय वातावरण है। अब समय आ गया है अपने परिवारों में अपनी संस्कृति को रोपित करे और स्वयं भी उस संस्कृति को जिये। उसके लिये पहले अपनी संस्कृति को जाने और फिर उसे जिये क्योंकि हम ही अपनी संस्कृति को नहीं जान पायेंगे तो पूरे विश्व को उससे परिचित नहीं करा पायेंगे। वर्तमान समय में देश में ऐसा नेतृत्व है जिन्होंने अपनी संस्कृति को जिया और पूरे देश को उस दिव्य संस्कृति से जुड़ने का संदेश दिया। स्वामी जी ने कहा कि भगवान श्री राम ने रावण से युद्ध कर लंका पर विजय प्राप्त की और (सुग्रीव व बाली के युद्ध) बाली को परास्त कर किष्किंधा पर विजय प्राप्त की परन्तु कही भी कब्जा नहीं किया। हम कब्जेवादी वाले नहीं है, जो था उसे भी सौंप दिया। भगवान श्री राम जी की यही नीति थी उन्होंने राष्ट्रों को आज़ाद कराया पर उन्हीं को सौंप दिया। भारत की शक्ति तलवारों की ताकत के बल पर नहीं बल्कि संस्कृति व संस्कारों के बल पर है। स्वामी जी ने कहा कि गुजरात के दो शेरों ने (श्री नरेन्द्र मोदी जी और श्री अमित शाह जी) ऐसा कर दिखाया जिसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई देती है।