Latest News

हरिद्वार तीर्थ नगरी में धूमधाम से मनाया गया कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार


तीर्थ नगरी हरिद्वार में भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पूरी तीर्थ नगरी रंग बिरंगी लाइटों से जगमगा रही है जगह-जगह भगवान श्री कृष्ण की झांकियों सज रही है भगवान श्री कृष्ण का जन्म तीर्थ नगरी के सभी मंदिरों, आश्रम अखाड़ों, मठों द्वारा धूमधाम से मनाया गया ।

रिपोर्ट  - 

तीर्थ नगरी हरिद्वार में भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पूरी तीर्थ नगरी रंग बिरंगी लाइटों से जगमगा रही है जगह-जगह भगवान श्री कृष्ण की झांकियों सज रही है भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन तीर्थ नगरी के सभी मंदिरों , आश्रम अखाड़ा, मठों में धूमधाम से मनाया गया । यह नगरी पंचपुरी के नाम से विख्यात है ज्वालापुर,कनखल,हरिद्वार,बीएचएल , भूपतवाला क्षेत्र में किस कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया ज्वालापुर कटहरा बाजार,चौक बाजार, सिद्ध आश्रम, आर्य नगर चौक, रानीपुर मोड़,रेलवे स्टेशन हरिद्वार, हार्मिलाप भवन, हर की पौड़ी, कनखल उदासीन बड़ा अखाड़ा, दक्ष मंदिर महानिर्वाणी अखाड़े में धूमधाम से मनाई गई रंग बिरंगी लाइटों से सजी झांकियां लोगों का मन मोह रही थी झांकियों को देखने आए सभी भक्तगण झूले पर सजी भगवान कृष्ण की बाल प्रतिमा को एक-एक कर झूला रहे थे भगवान की सजी झांकियां भक्तों का मन मोह रही थी ऐसा लग रहा था जैसे लोग मथुरा वृंदावन में ही वास कर रहे हैं भगवान की बाल लीलाओं की झांकियां पूरे शहर में लगी हुई थी जो धूम मचा रही है भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित धार्मिक सोंग जगह-जगह बज रहे थे जो लोग थिरकने पर मजबूर हो रहे थे भगवान कृष्ण की पूजा करने के बाद परिवार सहित सभी लोग घर के बाहर झांकियां देखने निकले हुए हैं जिससे उनका समय भी कट रहा था क्योंकि व्रत 12:00 बजे चंद्रमा निकलने पर ही पूरा होगा क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म कृष्ण जन्माष्टमी को रात्रि 12:00 बजे ही हुआ था इसीलिए भगवान कृष्णा का पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को भगवान को झूला झूलाते हैं और उन्हें माखन मिश्री का भोग लगाते हैं और रात्रि होने पर शहर में सजी झांकियों को देखने के लिए निकलते हैं 12:00 बजे चंद्रमा निकलने के उपरांत अर्क दिया जाता है तभी व्रत पूर्ण माना जाता है इस व्रत को करने से परिवार में सुख शांति और संतान की वृद्धि होती हैl

Related Post